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ओवैसी ने किया पीस पार्टी को समर्थन देने का एलान

यूपी की राजनीति में अपनी सियासी जमीन तलाश रही छोटी पार्टियां बढ़ी चोट करने की फिराक में हैं. चुनाव से पहले मिलकर कई दल मोर्चा बना चुके हैं. उसके बावजूद दो चरणों में असर नहीं दिखता देख अब दूसरे दलों को भी साथ लाने को मजबूर हैं.

Owaisi announced his support to the Peace Party
ओवैसी ने किया पीस पार्टी को समर्थन देने का एलान
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Published : Feb 17, 2022, 1:51 AM IST

लखनऊः एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पीस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है. इस मौके पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब और जन अधिकार पार्टी के सर्वेसर्वा बाबू सिंह कुशवाहा मौजूद रहे. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने दो चरणों में दाल गलती हुई न देख ये फैसला लिया है.

दो चरणों के बाद यूपी में असर नहीं दिखा पा रहे भागीदारी परिवर्तन मोर्चा ने बुधवार को पीस पार्टी के साथ भी हाथ मिला लिया है. इससे पहले मंचों से और प्रेस के माध्यम से पीस पार्टी ओवैसी को साथ आने की मिन्नते और प्रार्थनाएं करती रही हैं. हालांकि ओवैसी ने मुस्लिम पार्टियों से दूरी बनाते हुए बाबू सिंह कुशवाहा और वामन मेश्राम से हाथ मिलाया था. बाद में इस मोर्चे से वामन मेश्राम ने खुद को अलग कर लिया और ओवैसी के साथ बाबू सिंह कुशवाहा अकेले पढ़ गए.

ये भी पढ़ें - Assembly Elections in States: यूपी-पंजाब के दो दर्जन नेताओं को मिली वीआईपी सुरक्षा

दूसरी तरफ मुस्लिम वोट में चोट की फिराक में पीस पार्टी ने भी एक अलाइंस बनाकर राष्ट्रीय उलमा कौंसिल का साथ लिया. लेकिन यूपी में कुछ खास डिमांड नहीं होने से इन दलों ने अब एक दूसरे का साथ पकड़ लिया है. बुधवार देर शाम भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के बैनर तले हुई प्रेस कांफ्रेंस में पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब मौजूद रहे और इस दौरान एलान हुआ की जहां पर पीस पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, वहां भागीदारी परिवर्तन मोर्चा उन्हें अपना समर्थन देगी और इसी तरह जहां मोर्चा के प्रत्याशी मैदान में हैं, वहां अब पीस पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं लड़ाएगी और परिवर्तन मोर्चा को समर्थन देगी.

लखनऊः एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पीस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है. इस मौके पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब और जन अधिकार पार्टी के सर्वेसर्वा बाबू सिंह कुशवाहा मौजूद रहे. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने दो चरणों में दाल गलती हुई न देख ये फैसला लिया है.

दो चरणों के बाद यूपी में असर नहीं दिखा पा रहे भागीदारी परिवर्तन मोर्चा ने बुधवार को पीस पार्टी के साथ भी हाथ मिला लिया है. इससे पहले मंचों से और प्रेस के माध्यम से पीस पार्टी ओवैसी को साथ आने की मिन्नते और प्रार्थनाएं करती रही हैं. हालांकि ओवैसी ने मुस्लिम पार्टियों से दूरी बनाते हुए बाबू सिंह कुशवाहा और वामन मेश्राम से हाथ मिलाया था. बाद में इस मोर्चे से वामन मेश्राम ने खुद को अलग कर लिया और ओवैसी के साथ बाबू सिंह कुशवाहा अकेले पढ़ गए.

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दूसरी तरफ मुस्लिम वोट में चोट की फिराक में पीस पार्टी ने भी एक अलाइंस बनाकर राष्ट्रीय उलमा कौंसिल का साथ लिया. लेकिन यूपी में कुछ खास डिमांड नहीं होने से इन दलों ने अब एक दूसरे का साथ पकड़ लिया है. बुधवार देर शाम भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के बैनर तले हुई प्रेस कांफ्रेंस में पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब मौजूद रहे और इस दौरान एलान हुआ की जहां पर पीस पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, वहां भागीदारी परिवर्तन मोर्चा उन्हें अपना समर्थन देगी और इसी तरह जहां मोर्चा के प्रत्याशी मैदान में हैं, वहां अब पीस पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं लड़ाएगी और परिवर्तन मोर्चा को समर्थन देगी.

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