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पिछले पांच सालों में 5,191 युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति में दिए गए 15.60 करोड़ रुपये: संस्कृति मंत्रालय - संस्कृति मंत्रालय

बीते पांच सालों में संस्कृति मंत्रालय ने युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति योजना के तहत 5,191 युवा कलाकारों पर 15.60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में लिखित जानकारी दी है.

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Published : Aug 7, 2023, 6:22 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लोकसभा में सोमवार को जानकारी दी कि पिछले पांच सालों में संस्कृति मंत्रालय ने युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति योजना के तहत न्यूनतम छात्रवृत्ति और 2022 में छात्रों को दी जाने वाली सबसे कम राशि के साथ 5,191 युवा कलाकारों पर 15.60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. संस्कृति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में 1,151 छात्रों, 2019 में 1,086, 2020 में 1,265, 2021 में 1,293 और 2022 में 396 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई.

वहीं इस स्कॉलरशिप पर खर्च की गई राशि की बात करें तो 2018 में 3.45 करोड़ रुपये, 2019 में 3.26 करोड़ रुपये, 2020 में 3.79 करोड़ रुपये, 2021 में 3.90 करोड़ रुपये और 2022 में 1.19 करोड़ रुपये खर्च किए गए. यह जानकारी झारखंड के भाजपा सांसद सुदर्शन भगत के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आई.

उन्होंने पूछा था कि क्या यह सच है कि युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति योजना के तहत पिछले पांच वर्षों से देश भर में बड़ी संख्या में युवा कलाकारों को सरकार से लाभ मिल रहा है. संस्कृति मंत्रालय पारंपरिक कला रूपों सहित विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति (एसवाईए) के योजना घटक को कार्यान्वित कर रहा है.

मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि इस योजना घटक के तहत, चयनित विद्वानों को 02 वर्ष की अवधि के लिए चार समान छह मासिक किस्तों में 5,000 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. चयनित विद्वानों की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वे किसी गुरु या संस्थान से कम से कम 5 वर्ष तक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हों. विद्वानों का चयन मंत्रालय द्वारा गठित छात्रवृत्ति के लिए विशेषज्ञ समिति के समक्ष व्यक्तिगत साक्षात्कार/बातचीत में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लोकसभा में सोमवार को जानकारी दी कि पिछले पांच सालों में संस्कृति मंत्रालय ने युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति योजना के तहत न्यूनतम छात्रवृत्ति और 2022 में छात्रों को दी जाने वाली सबसे कम राशि के साथ 5,191 युवा कलाकारों पर 15.60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. संस्कृति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में 1,151 छात्रों, 2019 में 1,086, 2020 में 1,265, 2021 में 1,293 और 2022 में 396 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई.

वहीं इस स्कॉलरशिप पर खर्च की गई राशि की बात करें तो 2018 में 3.45 करोड़ रुपये, 2019 में 3.26 करोड़ रुपये, 2020 में 3.79 करोड़ रुपये, 2021 में 3.90 करोड़ रुपये और 2022 में 1.19 करोड़ रुपये खर्च किए गए. यह जानकारी झारखंड के भाजपा सांसद सुदर्शन भगत के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आई.

उन्होंने पूछा था कि क्या यह सच है कि युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति योजना के तहत पिछले पांच वर्षों से देश भर में बड़ी संख्या में युवा कलाकारों को सरकार से लाभ मिल रहा है. संस्कृति मंत्रालय पारंपरिक कला रूपों सहित विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में युवा कलाकारों को छात्रवृत्ति (एसवाईए) के योजना घटक को कार्यान्वित कर रहा है.

मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि इस योजना घटक के तहत, चयनित विद्वानों को 02 वर्ष की अवधि के लिए चार समान छह मासिक किस्तों में 5,000 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. चयनित विद्वानों की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वे किसी गुरु या संस्थान से कम से कम 5 वर्ष तक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हों. विद्वानों का चयन मंत्रालय द्वारा गठित छात्रवृत्ति के लिए विशेषज्ञ समिति के समक्ष व्यक्तिगत साक्षात्कार/बातचीत में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है.

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