नई दिल्ली: 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 154वीं जयंती से पूर्व एक अक्टूबर को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA)) ने स्वच्छता अभियान के लिए शहरी और ग्रामीण भारत से 6.4 लाख से अधिक साइटों की पहचान की है. इस बारे में शुक्रवार को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Minister for Housing and Urban Affairs Hardeep Singh Puri ) ने सभी नागरिकों से सामूहिक रूप से बापू की जयंती की पूर्व संध्या पर उनको स्वच्छांजलि के रूप में स्वच्छता के लिए 1 घंटे के श्रमदान की अपील की. उन्होंने कहा कि यह विशाल स्वच्छता अभियान जीवन के सभी क्षेत्रों के नागरिकों से बाजारों, रेलवे पटरियों, जल निकायों, पर्यटन स्थलों, पूजा स्थलों आदि जैसे सार्वजनिक स्थानों पर वास्तविक सफाई गतिविधियों में सम्मिलित होने का आह्वान करता है जिसके परिणामस्वरूप स्वच्छता दिखाई देती है. पुरी ने बताया कि सेना, नौसेना, वायु सेना नागरिकों के साथ मिलकर विभिन्न कचरा संवेदनशील स्थानों, रेलवे पटरियों, विरासत भवनों, बावड़ियों, किलों को साफ करेगी.
स्वच्छता ही सेवा पर मीडिया से बात करते हुए पुरी ने कहा कि शहरी और ग्रामीण भारत से 6.4 लाख से अधिक स्थानों को श्रमदान के लिए अपनाया गया है. पुरी ने कहा कि बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ और अन्य स्थानीय समुदायों जैसे प्रमुख समूहों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के बड़े हिस्सों को स्वच्छता के लिए अपनाया जा रहा है. इसी कड़ी में अफरोज शाह और सुदर्शन पटनायक के नेतृत्व वाले प्रतिष्ठित समूहों द्वारा कई तटीय क्षेत्रों को स्वच्छता के लिए उठाया गया था.
उन्होंने कहा कि सुलभ इंटरनेशनल 1 अक्टूबर को सफाई के लिए सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों को अपनाने के लिए आगे आया है. मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) लगभग 1 लाख आवासीय क्षेत्रों में श्रमदान के लिए आगे आए हैं. इसके अलावा ग्रामीण समुदाय भी पूरे देश भर के करीब 35,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को अपनाने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने बताया कि एनजीओ, बाजार संघ, एसएचजी, आस्था समूह, व्यापार निकाय, निजी क्षेत्र आदि 22,000 बाजार क्षेत्रों, 10,000 जल निकायों, लगभग 7,000 बस स्टैंड और टोल प्लाजा, लगभग 1000 गौशालाओं, लगभग 300 चिड़ियाघरों और वन्यजीव क्षेत्रों में श्रमदान करने के लिए आगे आए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर ग्रामीण और शहरी भारत में मेगा स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने स्वच्छता अभियान के लिए 1 लाख से अधिक स्थलों को अपनाया है, जबकि महाराष्ट्र 62,000 से अधिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाएगा जिसमें समुद्र तट, धार्मिक स्थान, विद्यालय/कॉलेजों, जल निकाय आदि शामिल हैं. वहीं तेलंगाना के लोग ऐतिहासिक महत्व के मंदिरों की सफाई करने के अभियान में शामिल होंगे. इसी तरह मध्य प्रदेश 1 अक्टूबर को लगभग 57,000 स्थानों पर श्रमदान करने के लिए तैयार है, जबकि आंध्र प्रदेश और गुजरात ने क्रमशः लगभग 40,000 और 35,000 स्थानों पर श्रमदान करने की योजना बनाई है.
पुरी ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सांसद, कई मुख्यमंत्री, महापौर, सरपंच और राजनीतिक नेतृत्व भी नागरिक नेतृत्व वाले इस विशाल स्वच्छता अभियान में शामिल होगा. इस बीच, पुरी ने कहा कि उनका मंत्रालय कई राज्यों को उनकी स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई राज्य हैं जो स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में पीछे हैं. लेकिन हम उन राज्यों को उनकी परियोजनाओं को जून तक पूरा करने के लिए तैयार कर रहे हैं. गौरतलब है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 100 स्मार्ट शहरों में सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जून 2024 की समयसीमा तय की है.
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