ETV Bharat / bharat

मध्य प्रदेश में कब तक 'मौत' बांटती रहेगी जहरीली शराब?

मध्यप्रदेश में जहरीली शराब पीने से मौत का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. उज्जैन, रतलाम, मुरैना और अब छतरपुर में शराब पीने से लोगों की मौत हुई हैं. लेकिन ऐसा कब तक होता रहेगा ? पिछले एक साल में मध्यप्रदेश में 50 से ज्यादा लोगों ने जहरीली शराब से जान गंवा दी है. आखिर एमपी सरकार जहरीली शराब पर क्यों पाबंदी नहीं लगाती ?

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
लगातार हो रही जहरीली शराब से मौतें
author img

By

Published : Feb 15, 2021, 6:17 PM IST

भोपाल : मध्यप्रदेश में शराब फिर चार लोगों की जिंदगी लील गई. अबकी बार छतरपुर जिले के परेथा गांव में शराब जानलेवा बनी, तेरहवीं में शामिल होने पहुंचे मृतकों को क्या पता था कि जो शराब वो किसी की मौत की तेरहवीं पर पी रहे हैं, वही उनकी जान ले लेगी, लेकिन सवाल उठता है कि सरकारी तंत्र क्यों फेल हो रहा है, क्या शराब जहरीली हो गई है या सिस्टम में 'जहर' भर गया है. क्यों नहीं सरकार इस जहर को उखाड़ फेंकती, कब तक मध्यप्रदेश में जहरीली शराब पीने से मौत होती रहेंगी ?

मध्यप्रदेश में जहरीली शराब पर सियासत

मुरैना के बाद छतरपुर शराब कांड

मुरैना में जहरीली शराब से 27 लोगों की मौत हो गई थी, तब खूब वादे किए गए माफिया नहीं बचेगा, उखाड़ देंगे, गाड़ देंगे, पाताल से भी खोज निकालेंगे, लेकिन वहीं ना चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ! ताजा मामला छतरपुर के परेथा गांव से है, जानकारी के अनुसार जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम परेथा में गांव के ही शीतल अहिवार की पत्नी की तेरहवीं थी. जिसमें रिश्तेदार सहित ग्रामीण शामिल हुए, लेकिन वो रीति-रिवाज हैं ना जो कहते हैं दुख हो तो शराब खुशी हो तो शराब, तो शीतल अहिवार ने भी पत्नी के दुख में शराब पिला दी, लेकिन शीतल अहिवार शायद ये भूल गए कि मध्यप्रदेश में देसी शराब या यूं कहें भट्टी की शराब जहरीली हो गई हैं, इसे पीकर मौत होती है, क्या पता उन्हें पता भी रहा हो, लेकिन उनकी हैसियत अंग्रेजी शराब पिलाने की नहीं रही होगी. खैर शराब पी गई और चार लोगों ने दम तोड़ दिया, जबकि कई बीमार हैं. ये तमाचा था उन लोगों पर जो शराब दुकानें बढ़ाने की वकालत कर रहे थे, जिन्हें सिर्फ और सिर्फ रेवन्यू चाहिए ?

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
जहरीली शराब पीने से मध्यप्रदेश में मौतें

जहरीली शराब पर सियासत?

छतरपुर में चार लोगों की शराब पीने से मौत के बाद फिर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ फिर ट्वीट कर शिवराज सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने लिखा उज्जैन में ज़हरीली शराब से 14 की, मुरैना में 25 की मृत्यु के बाद अब छतरपुर में शराब से 4 लोगों की दुखद मौत ? शिवराज जी, ये शराब माफिया कब तक यूं ही लोगों की जान लेते रहेंगे ? आख़िर “ये माफिया कब गड़ेंगे, कब टगेंगे, कब लटकेंगे, आपका बदला हुआ मूड कब इन माफ़ियाओ को दिखेगा ?

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
छतरपुर में चार लोगों की शराब पीने से मौत के बाद कमलनाथ का ट्वीट
drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
शराब माफिया रोज सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं: कमलनाथ

कमलनाथ का गुस्सा यहीं नहीं रुका और फिर ट्वीट किया...

रेत माफिया, भू माफिया, वन माफिया, शराब माफिया सब तरह के माफिया आपकी सरकार आते ही वापस बेख़ौफ़, रोज सरकार को दे रहे हैं खुली चुनौती ? आपके सारे दावे जुमले साबित हो रहे हैं. दरअसल मुरैना में जब जहरीली शराब से 27 मौतें हुई थी तो उसके बाद प्रदेश में शराबबंदी की मांग तेज हो गई थी, कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की वकालत की थी. यहां तक कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी प्रदेश में शराबबंदी की बात कही थी, लेकिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का मानना है कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या कम होने के कारण अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बढ़ रही है. इस पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है कि शराब दुकानों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे लोग अवैध और जहरीली शराब पीने मजबूर ना हो, लेकिन अपने पिछले मुख्यमंत्री कार्यकाल में शिवराज सिंह लगातार यह वादा और दावा करते रहे हैं कि प्रदेश में नई शराब दुकान नहीं खोली जाएंगी. मध्यप्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार में प्रदेश की माली हालत देखते हुए जब शराब के जरिए राजस्व बढ़ाने की पहल करते हुए शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की गई, तो बीजेपी ने और खुद शिवराज सिंह ने जमकर विरोध किया था.

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
अवैध शराब ठिकानों पर आबकारी विभाग का छापा

एक साल में MP में जहरीली शराब से 50 से ज्यादा मौतें

मध्यप्रदेश में पिछले एक साल के अंदर जहरीली और अवैध शराब के चलते मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. उज्जैन में जहरीली शराब से करीब 20 मौतों के बाद रतलाम में भी ऐसी घटना सामने आई थी. वहीं, हाल ही में मुरैना में 27 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के कारण काल के गाल में समा गए हैं, इधर अब छतरपुर में 4 लोगों की मौत हो गई. उज्जैन और मुरैना घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सख्त कार्रवाई की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में किसी कीमत पर अवैध शराब नहीं बिक पाएगी, लेकिन सरकार इस पर अंकुश लगाने में नाकाम नजर आई है.

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
अवैध शराब की सामग्री

जहरीली शराब पर पाबंदी क्यों नहीं लगाती एमपी सरकार ?

दरअसल शराब की बिक्री राज्य सरकारों के लिए कमाई का एक बड़ा माध्यम होती है, लेकिन अवैध शराब का कारोबार करने वालों से शासन-प्रशासन और पुलिस के लोग जो उगाही करते हैं, वह भी मामूली नहीं होती. इसलिए कोई भी पार्टी सत्ता में रहे, शराब माफिया पर इसका कोई असर नहीं होता. यही वजह है कि अवैध शराब का कारोबार हमेशा धड़ल्ले से चलता रहता है और इसीलिए देश या फिर मध्यप्रदेश से आए दिन जहरीली शराब से लोगों के मरने की खबरें आती रहती हैं. आमतौर पर ऐसे हादसे होने पर जैसा कि हमेशा होता आया है कि सरकार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात करती है और किसी अफसर को सस्पेंड भी कर देती है और खुद को गंभीर दिखाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन कुछ दिन मामला दब जाने के बाद फिर सरकार भी चुप बैठ जाती है. कह सकते हैं कि शराब के शौकीन अमीर लोग तो अपना शौक हर कीमत पर पूरा कर लेते हैं, लेकिन गरीबों को उन अवैध भट्टियों का ही आसरा रहता है, जो शराब के नाम पर अक्सर मौत ही बेचती हैं.

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
जहरीली शराब से मौत कब तक?

शराब के नाम पर 'जहर'!

शराब के नाम पर जो कुछ बनाया और बेचा जा रहा है. उसे जहर के अलावा कुछ कहा भी नहीं जा सकता, क्योंकि इसे बनाने के लिए इथेनॉल, मिथाइल एल्कोहल समेत ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन और यूरिया, आयोडैक्स जैसी तमाम खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. कहीं-कहीं तो शराब को ज्यादा नशीला बनाने के लिए उसमें सांप और छिपकली का जहर तक मिला दिया जाता है, कई बार अवैध शराब बनाने के लिए डीजल, मोबिल ऑयल, रंग-रोगन के खाली ड्रम और जंग लगे पुराने कडावों का भी इस्तेमाल किया जाता है और गंदे नाले के पानी को इसमें मिलाया जाता है.

पढ़ें: कांग्रेस नेता की अपील, आंदोलनरत किसानों को करें शराब का दान

डंडे के दम पर थोड़ी तोड़ फोड़?

दरअसल ये देखने में आया है कि मध्यप्रदेश में सरकार, पुलिस और आबकारी विभागों के जरिए डंडे के दम पर अवैध शराब की भट्टियों में हल्की तोड़-फोड़ करा देती है, लेकिन शराब से जुड़ी अपनी समझ पर फिर से सोच-विचार के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं होती और यहीं वजह है कि ऐसी त्रासदियों का दोहराव होते रहता है. मुख्यमंत्री शिवराज को डंके की चोट पर आगे आना ही होगा और अपने मध्यप्रदेश के लिए इस 'जहर' को भगाना होगा, अगर शिवराज ऐसा करते हैं तो ये फैसला उनके राजनीतिक जीवन का सबसे मजबूत फैसलों में से एक होगा ?

भोपाल : मध्यप्रदेश में शराब फिर चार लोगों की जिंदगी लील गई. अबकी बार छतरपुर जिले के परेथा गांव में शराब जानलेवा बनी, तेरहवीं में शामिल होने पहुंचे मृतकों को क्या पता था कि जो शराब वो किसी की मौत की तेरहवीं पर पी रहे हैं, वही उनकी जान ले लेगी, लेकिन सवाल उठता है कि सरकारी तंत्र क्यों फेल हो रहा है, क्या शराब जहरीली हो गई है या सिस्टम में 'जहर' भर गया है. क्यों नहीं सरकार इस जहर को उखाड़ फेंकती, कब तक मध्यप्रदेश में जहरीली शराब पीने से मौत होती रहेंगी ?

मध्यप्रदेश में जहरीली शराब पर सियासत

मुरैना के बाद छतरपुर शराब कांड

मुरैना में जहरीली शराब से 27 लोगों की मौत हो गई थी, तब खूब वादे किए गए माफिया नहीं बचेगा, उखाड़ देंगे, गाड़ देंगे, पाताल से भी खोज निकालेंगे, लेकिन वहीं ना चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ! ताजा मामला छतरपुर के परेथा गांव से है, जानकारी के अनुसार जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम परेथा में गांव के ही शीतल अहिवार की पत्नी की तेरहवीं थी. जिसमें रिश्तेदार सहित ग्रामीण शामिल हुए, लेकिन वो रीति-रिवाज हैं ना जो कहते हैं दुख हो तो शराब खुशी हो तो शराब, तो शीतल अहिवार ने भी पत्नी के दुख में शराब पिला दी, लेकिन शीतल अहिवार शायद ये भूल गए कि मध्यप्रदेश में देसी शराब या यूं कहें भट्टी की शराब जहरीली हो गई हैं, इसे पीकर मौत होती है, क्या पता उन्हें पता भी रहा हो, लेकिन उनकी हैसियत अंग्रेजी शराब पिलाने की नहीं रही होगी. खैर शराब पी गई और चार लोगों ने दम तोड़ दिया, जबकि कई बीमार हैं. ये तमाचा था उन लोगों पर जो शराब दुकानें बढ़ाने की वकालत कर रहे थे, जिन्हें सिर्फ और सिर्फ रेवन्यू चाहिए ?

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
जहरीली शराब पीने से मध्यप्रदेश में मौतें

जहरीली शराब पर सियासत?

छतरपुर में चार लोगों की शराब पीने से मौत के बाद फिर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ फिर ट्वीट कर शिवराज सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने लिखा उज्जैन में ज़हरीली शराब से 14 की, मुरैना में 25 की मृत्यु के बाद अब छतरपुर में शराब से 4 लोगों की दुखद मौत ? शिवराज जी, ये शराब माफिया कब तक यूं ही लोगों की जान लेते रहेंगे ? आख़िर “ये माफिया कब गड़ेंगे, कब टगेंगे, कब लटकेंगे, आपका बदला हुआ मूड कब इन माफ़ियाओ को दिखेगा ?

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
छतरपुर में चार लोगों की शराब पीने से मौत के बाद कमलनाथ का ट्वीट
drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
शराब माफिया रोज सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं: कमलनाथ

कमलनाथ का गुस्सा यहीं नहीं रुका और फिर ट्वीट किया...

रेत माफिया, भू माफिया, वन माफिया, शराब माफिया सब तरह के माफिया आपकी सरकार आते ही वापस बेख़ौफ़, रोज सरकार को दे रहे हैं खुली चुनौती ? आपके सारे दावे जुमले साबित हो रहे हैं. दरअसल मुरैना में जब जहरीली शराब से 27 मौतें हुई थी तो उसके बाद प्रदेश में शराबबंदी की मांग तेज हो गई थी, कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की वकालत की थी. यहां तक कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी प्रदेश में शराबबंदी की बात कही थी, लेकिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का मानना है कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या कम होने के कारण अवैध और जहरीली शराब की बिक्री बढ़ रही है. इस पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है कि शराब दुकानों की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे लोग अवैध और जहरीली शराब पीने मजबूर ना हो, लेकिन अपने पिछले मुख्यमंत्री कार्यकाल में शिवराज सिंह लगातार यह वादा और दावा करते रहे हैं कि प्रदेश में नई शराब दुकान नहीं खोली जाएंगी. मध्यप्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार में प्रदेश की माली हालत देखते हुए जब शराब के जरिए राजस्व बढ़ाने की पहल करते हुए शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की गई, तो बीजेपी ने और खुद शिवराज सिंह ने जमकर विरोध किया था.

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
अवैध शराब ठिकानों पर आबकारी विभाग का छापा

एक साल में MP में जहरीली शराब से 50 से ज्यादा मौतें

मध्यप्रदेश में पिछले एक साल के अंदर जहरीली और अवैध शराब के चलते मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. उज्जैन में जहरीली शराब से करीब 20 मौतों के बाद रतलाम में भी ऐसी घटना सामने आई थी. वहीं, हाल ही में मुरैना में 27 से ज्यादा लोग जहरीली शराब के कारण काल के गाल में समा गए हैं, इधर अब छतरपुर में 4 लोगों की मौत हो गई. उज्जैन और मुरैना घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सख्त कार्रवाई की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि प्रदेश में किसी कीमत पर अवैध शराब नहीं बिक पाएगी, लेकिन सरकार इस पर अंकुश लगाने में नाकाम नजर आई है.

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
अवैध शराब की सामग्री

जहरीली शराब पर पाबंदी क्यों नहीं लगाती एमपी सरकार ?

दरअसल शराब की बिक्री राज्य सरकारों के लिए कमाई का एक बड़ा माध्यम होती है, लेकिन अवैध शराब का कारोबार करने वालों से शासन-प्रशासन और पुलिस के लोग जो उगाही करते हैं, वह भी मामूली नहीं होती. इसलिए कोई भी पार्टी सत्ता में रहे, शराब माफिया पर इसका कोई असर नहीं होता. यही वजह है कि अवैध शराब का कारोबार हमेशा धड़ल्ले से चलता रहता है और इसीलिए देश या फिर मध्यप्रदेश से आए दिन जहरीली शराब से लोगों के मरने की खबरें आती रहती हैं. आमतौर पर ऐसे हादसे होने पर जैसा कि हमेशा होता आया है कि सरकार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात करती है और किसी अफसर को सस्पेंड भी कर देती है और खुद को गंभीर दिखाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन कुछ दिन मामला दब जाने के बाद फिर सरकार भी चुप बैठ जाती है. कह सकते हैं कि शराब के शौकीन अमीर लोग तो अपना शौक हर कीमत पर पूरा कर लेते हैं, लेकिन गरीबों को उन अवैध भट्टियों का ही आसरा रहता है, जो शराब के नाम पर अक्सर मौत ही बेचती हैं.

drinking poisonous liquor Madhya Pradesh
जहरीली शराब से मौत कब तक?

शराब के नाम पर 'जहर'!

शराब के नाम पर जो कुछ बनाया और बेचा जा रहा है. उसे जहर के अलावा कुछ कहा भी नहीं जा सकता, क्योंकि इसे बनाने के लिए इथेनॉल, मिथाइल एल्कोहल समेत ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन और यूरिया, आयोडैक्स जैसी तमाम खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. कहीं-कहीं तो शराब को ज्यादा नशीला बनाने के लिए उसमें सांप और छिपकली का जहर तक मिला दिया जाता है, कई बार अवैध शराब बनाने के लिए डीजल, मोबिल ऑयल, रंग-रोगन के खाली ड्रम और जंग लगे पुराने कडावों का भी इस्तेमाल किया जाता है और गंदे नाले के पानी को इसमें मिलाया जाता है.

पढ़ें: कांग्रेस नेता की अपील, आंदोलनरत किसानों को करें शराब का दान

डंडे के दम पर थोड़ी तोड़ फोड़?

दरअसल ये देखने में आया है कि मध्यप्रदेश में सरकार, पुलिस और आबकारी विभागों के जरिए डंडे के दम पर अवैध शराब की भट्टियों में हल्की तोड़-फोड़ करा देती है, लेकिन शराब से जुड़ी अपनी समझ पर फिर से सोच-विचार के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं होती और यहीं वजह है कि ऐसी त्रासदियों का दोहराव होते रहता है. मुख्यमंत्री शिवराज को डंके की चोट पर आगे आना ही होगा और अपने मध्यप्रदेश के लिए इस 'जहर' को भगाना होगा, अगर शिवराज ऐसा करते हैं तो ये फैसला उनके राजनीतिक जीवन का सबसे मजबूत फैसलों में से एक होगा ?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.