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राजस्थान: तीन लोगों को जिंदगी दे गईं संतोष, डॉक्टरों ने घोषित किया था ब्रेन डेड

राजस्थान के सीकर जिले की संतोष देवी ने दुनिया से जाते-जाते 3 लोगों की जिंदगी का तोहफा (organ donation in jaipur) दिया है. संतोष देवी की दोनों किडनी और लिवर सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया. यह राजस्थान का 46वां अंगदान है.

organ donation in jaipur, Organ donation in Sawai Mansingh Hospital
तीन लोगों को जिंदगी दे गईं संतोष.
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Published : Jul 24, 2022, 4:34 PM IST

जयपुर. सीकर के लक्ष्मणगढ़ की संतोष देवी इस दुनिया से जाने के बाद 3 लोगों को नई जिंदगी देकर गई (organ donation in jaipur) है. दरअसल, एक हादसे में घायल होने के बाद संतोष देवी को चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था, जिसके बाद चिकित्सकों की समझाइश के बाद उनके परिजनों ने उनके अंग दान करने की सहमति दे दी.

49 वर्षीय लक्ष्मणगढ़ सीकर निवासी संतोष देवी 17 जुलाई को मार्केट से स्कूटी पर पति सज्जन कुमार शर्मा के साथ घर का सामान लेके लौट रही थी और अचानक स्कूटी अनियंत्रित हो गई. स्कूटी से गिरने के बाद संतोष देवी घायल हो गई. गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल लाया गया, जिसके बाद उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान 30 जुलाई को चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया. जिसके बाद चिकित्सकों ने परिजनों की समझाइश की और परिजन संतोष देवी के अंगदान को लेकर राजी हो गए. इसमें उनके पति की भूमिका अहम रही. जिसके बाद संतोष देवी की दोनों किडनी और लिवर सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया. यह राजस्थान का 46वां अंगदान है.

जयपुर. सीकर के लक्ष्मणगढ़ की संतोष देवी इस दुनिया से जाने के बाद 3 लोगों को नई जिंदगी देकर गई (organ donation in jaipur) है. दरअसल, एक हादसे में घायल होने के बाद संतोष देवी को चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था, जिसके बाद चिकित्सकों की समझाइश के बाद उनके परिजनों ने उनके अंग दान करने की सहमति दे दी.

49 वर्षीय लक्ष्मणगढ़ सीकर निवासी संतोष देवी 17 जुलाई को मार्केट से स्कूटी पर पति सज्जन कुमार शर्मा के साथ घर का सामान लेके लौट रही थी और अचानक स्कूटी अनियंत्रित हो गई. स्कूटी से गिरने के बाद संतोष देवी घायल हो गई. गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल लाया गया, जिसके बाद उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान 30 जुलाई को चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया. जिसके बाद चिकित्सकों ने परिजनों की समझाइश की और परिजन संतोष देवी के अंगदान को लेकर राजी हो गए. इसमें उनके पति की भूमिका अहम रही. जिसके बाद संतोष देवी की दोनों किडनी और लिवर सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया. यह राजस्थान का 46वां अंगदान है.

पढ़ें- ब्रेन डेड के बाद सीकर के युवक ने 4 लोगों को दी नई जिंदगी

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