नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने टूलकिट मामले की आरोपी दिशा रवि के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी को लीक करने के मामले में जवाब देने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को अंतिम मौका दिया है. जस्टिस प्रतिभा सिंह ने दो हफ्ते के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी.
लीक रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया निशाना
दिशा रवि ने याचिका में कहा है कि दिल्ली पुलिस और कुछ मीडिया संगठनों ने दिल्ली पुलिस की प्रेस वार्ता और लीक की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें निशाना बनाया. इसमें कहा गया है कि ऐसा करना एक आरोपी के अधिकार का उल्लंघन है. ऐसा कर दिल्ली पुलिस और मीडिया संगठनों ने न्यायिक प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश की है. इस याचिका में न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) समेत कुछ चैनलों को पक्षकार बनाया गया है.
दिशा रवि को मिल चुकी है जमानत
बता दें कि पिछले 23 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को जमानत दे दी थी. उसके बाद 15 मार्च को टूलकिट मामले के आरोपी शुभम कर चौधरी, निकिता जैकब और शांतुनु मुलुक को राहत देते हुए कोर्ट ने तीनों को गिरफ्तार करने से पहले उन्हें सात दिनों का नोटिस देने आदेश दिया था.
पढ़ें - टूलकिट मामला : दिल्ली की अदालत ने कार्यकर्ता को प्राप्त गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि बढ़ाई
क्या-क्या हैं आरोप
टूलकिट मामला तब चर्चा में आया था, जब इसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए ट्विटर अकाउंट पर साझा किया. उसके बाद पुलिस ने पिछले चार फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 120ए और 153ए के तहत देश को बदनाम करने, आपराधिक साजिश रचने और नफरत को बढ़ावा देने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की थी.