नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के महानिदेशक को निर्देश दिया है कि वो कैदी अंकित गुर्जर की कथित हत्या की जांच के चश्मदीद गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करें. जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
याचिका अंकित गुर्जर हत्या मामले के पांच चश्मदीद गवाहों ने दायर किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील महमूद प्राचा ने कहा कि इन चश्मदीद गवाहों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. याचिका में कहा गया है कि इन चश्मदीद गवाहों पर अपना रुख बदलने का दबाव बनाया जा रहा है. इन याचिकाकर्ताओं में से तीन अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि दो अंतरिम जमानत पर हैं. अंतरिम जमानत पर रिहा दो कैदी 24 सितंबर को सरेंडर करने वाले हैं.
बता दें कि हाईकोर्ट अंकित गुर्जर हत्या मामले की सीबीआई जांच का आदेश पहले ही दे चुकी है. इस मामले में कोर्ट ने CBI को 28 अक्टूबर तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. अंकित गुर्जर 4 अगस्त को जेल में मृत पाया गया था. अंकित के परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि जेल अधिकारी अंकित गुर्जर को प्रताड़ित कर रहे थे, क्योंकि वे पैसों के लिए रोज बढ़ रही उनकी मांग को पूरा नहीं कर पाया था.
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याचिकाकर्ता की ओर से वकील महमूद प्राचा ने कहा कि तिहाड़ जेल के अंदर अधिकारी एक संगठित वसूली गिरोह संचालित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस जांच में हेर-फेर करने की कोशिश कर रही है. याचिका में दावा किया गया है कि जब अंकित गुर्जर की पिटाई की गई तो एक अधिकारी ने CCTV को बंद करने का कथित आदेश दिया था. 18 अगस्त को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और जेल प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.