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न्यायपालिका में तकनीक का अनुकूलन न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में रणनीतिक कदम: सीजेआई

Chief Justice of India : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका में तकनीक का अनुकूलन न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में रणनीतिक कदम है. सीजेआई गुजरात के राजकोट में नए जिला न्यायालय भवन के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे.

CJI
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
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By PTI

Published : Jan 6, 2024, 10:55 PM IST

राजकोट: भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका में तकनीक का अनुकूलन न केवल आधुनिकीकरण से संबंधित है, बल्कि न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम भी है. उन्होंने प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए वकीलों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यहां एक नए जिला न्यायालय भवन के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि इन प्रगतियों का लाभ उठाने से अंतर पाटने एवं दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा यह सुनिश्चित होगा कि न्याय प्रदान करना भौगोलिक और तकनीकी बाधाओं के कारण बाधित न हो.

  • #WATCH | Rajkot, Gujarat: CJI DY Chandrachud says, "As we stand today on the cusp of a new era with this magnificent new district court building, Rajkot district stands as the 4th largest district of the state...I remember a funny saying that captures the spirit of Gujarat. They… pic.twitter.com/LrZzYaIj4Q

    — ANI (@ANI) January 6, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कार्यक्रम स्थल से एआई-आधारित 'टेक्स्ट-टू-स्पीच कॉल-आउट सिस्टम' का भी उद्घाटन किया. जिला अदालतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'ये अदालतें न्याय का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और एक ऐसे समाज की कल्पना करने में हमारे संविधान के आदर्शों की आधारशिला हैं जहां प्रत्येक नागरिक को न्याय का अधिकार सुनिश्चित है.'

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अदालत परिसर में नवीनतम ऑडियो-वीडियो उपकरणों और प्रणालियों से सुसज्जित एक सम्मेलन कक्ष तथा एक प्रशिक्षण कक्ष के बारे में कहा, 'यह उच्चतम न्यायालय के कक्षों में लागू हाइब्रिड और ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस सिस्टम और बदलते समय के अनुरूप है तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहा है.'

उन्होंने प्रधान जिला न्यायाधीश से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि वकीलों को प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें उस पहलू में न्यायाधीशों से अलग नहीं किया जाना चाहिए.

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न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यहां एक नए जिला न्यायालय भवन के उद्घाटन के अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि इन प्रगतियों का लाभ उठाने से अंतर पाटने एवं दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा यह सुनिश्चित होगा कि न्याय प्रदान करना भौगोलिक और तकनीकी बाधाओं के कारण बाधित न हो.

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    — ANI (@ANI) January 6, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कार्यक्रम स्थल से एआई-आधारित 'टेक्स्ट-टू-स्पीच कॉल-आउट सिस्टम' का भी उद्घाटन किया. जिला अदालतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, 'ये अदालतें न्याय का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और एक ऐसे समाज की कल्पना करने में हमारे संविधान के आदर्शों की आधारशिला हैं जहां प्रत्येक नागरिक को न्याय का अधिकार सुनिश्चित है.'

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अदालत परिसर में नवीनतम ऑडियो-वीडियो उपकरणों और प्रणालियों से सुसज्जित एक सम्मेलन कक्ष तथा एक प्रशिक्षण कक्ष के बारे में कहा, 'यह उच्चतम न्यायालय के कक्षों में लागू हाइब्रिड और ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस सिस्टम और बदलते समय के अनुरूप है तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहा है.'

उन्होंने प्रधान जिला न्यायाधीश से यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि वकीलों को प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रशिक्षित किया जाए और उन्हें उस पहलू में न्यायाधीशों से अलग नहीं किया जाना चाहिए.

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