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Opposition Unity: 'बीजेपी को जीरो बनाना है..', नीतीश से मुलाकात के बाद बोलीं ममता.. अखिलेश ने कहा- 'BJP हटे देश बचे'

विपक्षी एकता को एक मंच पर लाने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कोशिशें और तेज कर दी हैं. सीएम के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पटना से पश्चिम बंगाल के कोलकाता पहुंचे. दोनों ने ममता बनर्जी से मुलाकात की. इसके बाद लखनऊ जाकर अखिलेश यादव से मिले. लेकिन बड़ा सवाल ये कि क्या नीतीश कुमार की ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को कांग्रेस के साथ लाने की कोशिश कामयाब हो पाएगी? पढ़ें इनसाइड स्टोरी..

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Published : Apr 24, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Apr 24, 2023, 8:37 PM IST

नीतीश कुमार ममता बनर्जी मुलाकात.

कोलकाता/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर देश की राजनीति पर है और इसको अमलीजामा पहनाने के लिए विपक्षी ताकत को एकजुट करने में लगे हुए हैं. भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एक साथ लाने के लिए नीतीश कुमार लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब वे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिले हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी मिले. नीतीश कुमार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन दोनों को कांग्रेस के साथ लाना है. टीएमसी, सपा के साथ ही कई और विपक्षी दल हैं जो देश में गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी सरकार के पक्ष में हैं. ऐसे में नीतीश के लिए इन दोनों को मनाना आसान नहीं होगा.

पढ़ें- Opposition unity: कोलकाता में ममता बनर्जी तो लखनऊ में अखिलेश से मिलेंगे CM नीतीश, जानें वजह?

''अब पता नहीं, ये(भाजपा) इतिहास बदल देंगे या क्या कर देंगे? सभी को सतर्क होना है इसलिए हम सभी के साथ बातचीत कर रहे हैं. हमारे बीच बहुत अच्छी बात हुई है. आवश्यकता अनुसार हम भविष्य में अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

'''हम साथ-साथ आगे बढ़ेंगे. हमारा कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, हम सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहते हैं. मैंने नीतीश कुमार से बस एक ही निवेदन किया है. जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ. अगर हम बिहार में सर्वदलीय बैठक करते हैं, तो हम तय कर सकते हैं कि हमें आगे कहां जाना है. लेकिन सबसे पहले हमें यह संदेश देना होगा कि हम एक हैं. मैंने पहले भी कहा है कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है. मैं चाहती हूं कि बीजेपी जीरो हो जाए. मीडिया के सहारे और झूठ से बड़े हीरो बन गए हैं.'' - ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

क्या बोले अखिलेश यादव : लखनऊ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए और भाजपा को हटाने में हम आपके(नीतीश कुमार) साथ हैं. भाजपा हटे देश बचे उस अभियान में हम आपके साथ हैं.

लखनऊ में अखिलेश यादव से मिले नीतीश-तेजस्वी.

''सबके एकजुट होने के बाद नेता चुना जाएगा। मुझे नहीं बनना(प्रधानमंत्री) है मैं बस सबको एकजुट कर रहा हूं, अपने लिए मुझे कुछ नहीं चाहिए. अधिक से अधिक पार्टियों के साथ बात हो रही है. हमने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को देश में हम एकजुट करें और मिलकर सब काम करें ताकि देश आगे बढ़े और भाजपा से देश को मुक्ति मिले. हम सब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

सीएम नीतीश की सबसे बड़ी चुनौती: यहां यह बताना भी जरूरी है कि एक तरफ नीतीश क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने की वकालत कर रहे हैं ताकि बीजेपी मुक्त भारत बन सके. वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी और अखिलेश यादव बीजेपी मुक्त भारत तो चाहते हैं लेकिन उसके लिए कांग्रेस के साथ जाने के लिए तैयार नहीं हैं. बीते महीने अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी से कालीघाट में मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों ने क्षेत्रीय दलों की एकता को एक साथ लाने की वकालात की थी. साथ ही कांग्रेस से दूरी बनाए रखने पर भी सहमति बने थी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीएम नीतीश और तेजस्वी दीदी को मना पाएंगे.

क्या कांग्रेस के साथ आएंगी दीदी?: सिर्फ ममता बनर्जी या अखिलेश यादव ही नहीं बल्कि और भी कई नेता हैं जो कांग्रेस के साथ जाने के पक्षधर नहीं हैं. इनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के सीएम केसीआर के नाम भी शामिल हैं. देश में विपक्षी एकजुटता लाने में पेंच यहीं फंस रहा है. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक कुशलता से कई बार सारे कयासों को फेल कर देते हैं. दिल्ली में बीते दिनों अरविंद केजरीवाल से उनकी मुलाकात के बाद इस बात को बल मिला है. इससे पहले नीतीश ने दिल्ली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, सीताराम येचुरी, डी राजा सहित कई विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से भी मुलाकात की थी.

बयानबाजी जारी : बीजेपी एक तरफ तंज कसने में लगी हुई है तो दूसरी तरफ जेडीयू , आरजेडी और कांग्रेस पार्टी के नेता विपक्षी एकता को लेकर कसीदे पढ़ने में लगे हुए हैं. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार ने विपक्षी एकता की विपक्षी एकता की मुहिम जो बिहार से शुरू हुई है वह पूरी देश में बनेगी. वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में जिस तरह से विपक्षी एकता रंग लाई है, देशभर में ऐसे ही विपक्षी एकता रंग लाएगी.

"2024 में भाजपा मुक्त भारत बनाने का संकल्प लेकर जिस तरह से विपक्षी एकता की मुहिम में नीतीश तेजस्वी लगे हुए हैं. ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से सीएम नीतीश की मुलाकात रंग लाएगी. 2024 लोकसभा चुनाव में मौजूदा केंद्र की मोदी सरकार को यह एकता धूल चटा देगी."- मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता



"विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए गैर बीजेपी राजनीतिक दल लगे हुए हैं. 2024 में देश में एक बार फिर विपक्षी एकता मजबूत होगी और केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे."- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता


नीतीश कुमार ममता बनर्जी मुलाकात.

कोलकाता/पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर देश की राजनीति पर है और इसको अमलीजामा पहनाने के लिए विपक्षी ताकत को एकजुट करने में लगे हुए हैं. भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एक साथ लाने के लिए नीतीश कुमार लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब वे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मिले हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी मिले. नीतीश कुमार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन दोनों को कांग्रेस के साथ लाना है. टीएमसी, सपा के साथ ही कई और विपक्षी दल हैं जो देश में गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी सरकार के पक्ष में हैं. ऐसे में नीतीश के लिए इन दोनों को मनाना आसान नहीं होगा.

पढ़ें- Opposition unity: कोलकाता में ममता बनर्जी तो लखनऊ में अखिलेश से मिलेंगे CM नीतीश, जानें वजह?

''अब पता नहीं, ये(भाजपा) इतिहास बदल देंगे या क्या कर देंगे? सभी को सतर्क होना है इसलिए हम सभी के साथ बातचीत कर रहे हैं. हमारे बीच बहुत अच्छी बात हुई है. आवश्यकता अनुसार हम भविष्य में अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

'''हम साथ-साथ आगे बढ़ेंगे. हमारा कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, हम सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहते हैं. मैंने नीतीश कुमार से बस एक ही निवेदन किया है. जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से शुरू हुआ. अगर हम बिहार में सर्वदलीय बैठक करते हैं, तो हम तय कर सकते हैं कि हमें आगे कहां जाना है. लेकिन सबसे पहले हमें यह संदेश देना होगा कि हम एक हैं. मैंने पहले भी कहा है कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है. मैं चाहती हूं कि बीजेपी जीरो हो जाए. मीडिया के सहारे और झूठ से बड़े हीरो बन गए हैं.'' - ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

क्या बोले अखिलेश यादव : लखनऊ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए और भाजपा को हटाने में हम आपके(नीतीश कुमार) साथ हैं. भाजपा हटे देश बचे उस अभियान में हम आपके साथ हैं.

लखनऊ में अखिलेश यादव से मिले नीतीश-तेजस्वी.

''सबके एकजुट होने के बाद नेता चुना जाएगा। मुझे नहीं बनना(प्रधानमंत्री) है मैं बस सबको एकजुट कर रहा हूं, अपने लिए मुझे कुछ नहीं चाहिए. अधिक से अधिक पार्टियों के साथ बात हो रही है. हमने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को देश में हम एकजुट करें और मिलकर सब काम करें ताकि देश आगे बढ़े और भाजपा से देश को मुक्ति मिले. हम सब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

सीएम नीतीश की सबसे बड़ी चुनौती: यहां यह बताना भी जरूरी है कि एक तरफ नीतीश क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने की वकालत कर रहे हैं ताकि बीजेपी मुक्त भारत बन सके. वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी और अखिलेश यादव बीजेपी मुक्त भारत तो चाहते हैं लेकिन उसके लिए कांग्रेस के साथ जाने के लिए तैयार नहीं हैं. बीते महीने अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी से कालीघाट में मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों ने क्षेत्रीय दलों की एकता को एक साथ लाने की वकालात की थी. साथ ही कांग्रेस से दूरी बनाए रखने पर भी सहमति बने थी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीएम नीतीश और तेजस्वी दीदी को मना पाएंगे.

क्या कांग्रेस के साथ आएंगी दीदी?: सिर्फ ममता बनर्जी या अखिलेश यादव ही नहीं बल्कि और भी कई नेता हैं जो कांग्रेस के साथ जाने के पक्षधर नहीं हैं. इनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के सीएम केसीआर के नाम भी शामिल हैं. देश में विपक्षी एकजुटता लाने में पेंच यहीं फंस रहा है. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक कुशलता से कई बार सारे कयासों को फेल कर देते हैं. दिल्ली में बीते दिनों अरविंद केजरीवाल से उनकी मुलाकात के बाद इस बात को बल मिला है. इससे पहले नीतीश ने दिल्ली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, सीताराम येचुरी, डी राजा सहित कई विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से भी मुलाकात की थी.

बयानबाजी जारी : बीजेपी एक तरफ तंज कसने में लगी हुई है तो दूसरी तरफ जेडीयू , आरजेडी और कांग्रेस पार्टी के नेता विपक्षी एकता को लेकर कसीदे पढ़ने में लगे हुए हैं. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार ने विपक्षी एकता की विपक्षी एकता की मुहिम जो बिहार से शुरू हुई है वह पूरी देश में बनेगी. वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में जिस तरह से विपक्षी एकता रंग लाई है, देशभर में ऐसे ही विपक्षी एकता रंग लाएगी.

"2024 में भाजपा मुक्त भारत बनाने का संकल्प लेकर जिस तरह से विपक्षी एकता की मुहिम में नीतीश तेजस्वी लगे हुए हैं. ममता बनर्जी और अखिलेश यादव से सीएम नीतीश की मुलाकात रंग लाएगी. 2024 लोकसभा चुनाव में मौजूदा केंद्र की मोदी सरकार को यह एकता धूल चटा देगी."- मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता



"विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए गैर बीजेपी राजनीतिक दल लगे हुए हैं. 2024 में देश में एक बार फिर विपक्षी एकता मजबूत होगी और केंद्र की मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे."- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता


Last Updated : Apr 24, 2023, 8:37 PM IST
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