नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 2023 विपक्ष के हंगामे में धुल गया. विपक्ष लगातार यह मांग करता रहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर घटना पर आकर बोले, लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब देना शुरू किया, उनका जवाब पूरा होने से पहले ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. आखिर क्या है आपत्ति विपक्ष की? इस सवाल का जवाब देते हुए विपक्षी शिवसेना उद्धव गुट के सांसद, अरविंद सावंत ने जानकारी दी.
इस सवाल पर कि प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के बजाय विपक्ष ने वर्कआउट क्यों किया, अरविंद सावंत का कहना था कि प्रधानमंत्री बोले, लेकिन कितना और कितने दिन के बाद. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने दो घंटे से ऊपर भाषण दिया, लेकिन कुछ सेकेंड ही मणिपुर पर बोला और वो भी तब जब विपक्ष ने वॉकआउट किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर के मुद्दे पर तुलना करते रहे, क्या ये मुद्दा तुलना करने का है क्या?
पहले जो हुआ वो हुआ, अब जनता ने आपको 10 साल दिया तो क्या परिस्थितियां नहीं बदलेंगे. उन्होंने कहा कि पहले एक घंटे तक प्रधानमंत्री तंज कसते रहे, टीका टिप्पणी और मजाक बनाते रहे. ऐसे में विपक्ष भाषण क्यों सुनता. इस सवाल पर कि गृह मंत्री ने सारा विस्तार से जवाब दिया, यही बात प्रधानमंत्री ने भी कही, आखिर विपक्ष संतुष्ट क्यों नहीं है, तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का जवाब विपक्ष चाहता था.
ये ऐसी घटना है जिस पर पूरा देश शर्मसार है. उन्होंने कहा कि इस पर प्रधानमंत्री का बोलना पहले था और अगर वो पहले बोल देते, तो इतने दिनों तक संसद में हंगामा नहीं होता, मगर उन्होंने सारा काम खत्म करके बोला.
इस सवाल पर की इतने गंभीर विषय पर राहुल गांधी ने अपने भाषण के बाद जो आचरण किया, क्या वो गरिमामय है तो उन्होंने कहा कि वो उससे सहमत नहीं, मगर उन्होंने कहा महिला सांसदों की तरफ फ्लाइंग किस किया ये सरासर गलत आरोप है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी क्या बोले, उस पर वो टिका टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन वो सदन के नेता हैं, देश के प्रधानमंत्री हैं, वो चाहते तो पहले बोल सकते थे.