नई दिल्ली : संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi) ने मंगलवार को विपक्षी दलों से कहा कि संसद के पिछले सत्र के दौरान 'अशोभनीय आचरण' के लिए राज्यसभा के 12 निलंबित सदस्यों को खेद जताकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेना चाहिए, क्योंकि सरकार भी चाहती है कि उनकी रचनात्मक आलोचनाएं और सुझाव चर्चा का हिस्सा बनें.
बता दें, 12 सदस्यों के निलंबन रद्द करने की मांग पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को विरोर्ध मार्च निकाला और इस दौरान नेताओं ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया.
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जोशी ने तंज करते हुए कहा कि देश के मतदाता उन्हें (विपक्षी दलों) दो बार 'मार्च करते रहने' का आदेश दे चुके हैं और आने वाले दिनों में उनकी संख्या को और कम करेंगे. जोशी का इशारा लगातार दो लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत और विपक्षी दलों की हार की ओर था.
राज्यसभा में विपक्षी दलों की रणनीति पर आश्चर्य प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि वह कुछ समय कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं तो कुछ समय व्यवधान पैदा करते हैं.
जोशी ने हंगामे और व्यवधान के बीच शून्यकाल जारी रखने को लेकर विपक्षी दलों द्वारा सभापति एम वेंकैया नायडू पर सवाल उठाए जाने के लिए भी उनकी आलोचना की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित विभिन्न दलों के कुल 50 विपक्षी सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान मुद्दे उठाने का नोटिस दिया था और उनमें से कुछ ने अपने मुद्दे उठाए भी.
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उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य विधेयकों और अन्य मुद्दों पर चर्चाओं में हिस्सा ले सकें, इसके लिए सरकार ने कुछ मौकों पर कार्यवाही स्थगित करने की मांग उठाई थी. उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस व अन्य विपक्षी सदस्यों का आह्वान करता हूं कि वह खेद जताएं और फिर सदन में आएं.'
(पीटीआई-भाषा)