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2024 Lok Sabha Elections: 'तय हो गया.. सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर लड़ेंगी लोकसभा चुनाव'- ललन सिंह - सभी पार्टिया मिलकर लड़ेंगी 2024 का चुनाव

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता (Rahul Gandhi Disqualification Row) जाने के बाद से जिस तरह से तमाम विपक्षी पार्टियां एक प्लेटफार्म पर आने की बात कर रही थीं, उसकी पहली झलक बीती रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर देखने को मिली. जहां विपक्ष के कई बड़े नेता एक साथ डिनर मीटिंग में नजर आए. इस मीटिंग से बाहर आने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जो कुछ कहा उससे साफ जाहिर हो गया कि अब विपक्ष पूरी तरह से एकजुट होने की तैयारी में जुट गया है.

अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी पार्टियों की बैठक
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी पार्टियों की बैठक
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Published : Mar 28, 2023, 7:56 AM IST

Updated : Mar 28, 2023, 10:58 AM IST

ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

पटनाः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास 10 राजाजी मार्ग' पर सोमवार देर शाम कई विपक्षी दलों के नेताओं की मीटिंग हुई. इस बैठक में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) भी मौजूद रहे. मीटिंग खत्म होने के बाद ललन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2024 में होने वाले चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर लड़ेंगी. मीडिया के पूछे गए एक सवाल के जवाब उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी पर की गई कार्रवाई निश्चित रूप से एक पॉलिटिकल वैंनडेटा है.

ये भी पढ़ेंः विपक्षी नेताओं की खड़गे के साथ बैठक, राहुल की सदस्यता जाने व अडाणी मामले में रणनीतिक विचार विमर्श

"आप सिर्फ कांग्रेस और जेडीयू को अलग-अलग करके नहीं देख सकते. सभी विपक्षी पार्टियां एक हैं. 2024 का चुनाव सभी विपक्षी पार्टियां एक होकर लड़ेंगी. प्रधानमंत्री अगर किसी के लिए कुछ बोलें तो वो सही है, अगर कोई दूसरा बोलता है तो वो गलत है. सारी पार्टियां एक होकर लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ेंगीं"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

बैठक में कई बड़े नेता रहे मौजूदः वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस विपक्ष की अहम बैठक में कई बड़े मुद्दों पर बातचीत हुई. जिसमें राहुल गांधी की सदस्यता जाने और अडानी ग्रुप से जुड़े मामले पर जेपीसी की मांग को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया गया. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोमवार को समान विचारधारा वाले सभी विपक्षी दलों के नेताओं को अपने आवास '10 राजाजी मार्ग' पर डिनर मीटिंग के लिए बुलाया था. बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के जवाहर लाल सरकार, नेशनल कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, डीआरएम नेता टीआर बालू, मुक्ति मोर्चा के मांझी, झारखंड के नेशनल कांफ्रेंस के हसन मसूदी और कई अन्य सहयोगियों ने भी इसमें हिस्सा लिया. हांलाकि उद्धव बाला साहब ठाकरे की पार्टी का कोई नेता इस बैठक में मौजूद नहीं था. दरअसल उद्धव ठाकरे राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान को लेकर कुछ नाराज चल रहे हैं.

जेडीयू पार्टी भी खुलकर आई सामनेः वहीं, बैठक के बाद ललन सिंह के इस बयान को लेकर दिल्ली से बिहार तक राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गईं हैं, जो जेडीयू दो दिन पहले तक इस पूरे विरोध से दूर दिख रही थी अब वो भी खुलकर सामने आ गईं है. जेडीयू को ये लगने लगा है कि जब देश के सभी बड़े विपक्ष एक हो रहे हैं, तो उसे अलग रहने में कुछ हासिल नहीं होगा और अगर राहुल गांधी की संसद सदस्यता दोबारा बहाल नहीं होती है, तो पूरा विपक्ष शायद सीएम नीतीश कुमार को विपक्ष के प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर सकता है और अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो भी जेडीयू के लिए विपक्ष के साथ जाने के अलावा फिलहाल अभी कोई रास्ता नहीं दिखता, क्योंकि बिहार में नीतीश की पार्टी महागठबंधन के साथ सरकार में है.

राहुल मुद्दे पर एक हुए विपक्षियों के सुरः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पहले भी कह चुके हैं कि बिहार में जब से महागठबंधन बना है, तब से बिहार की जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का सपना देख रही है. ललन सिंह ने ने महागठबंधन की हुई पूर्णिया रेली में भी कहा था कि पूरा विपक्ष एक हो चुका है और अब भाजपा का सत्ता से जाना तय है. वैसे तो विपक्षी पार्टियों ने राहुल गांधी मामले से पहले ही एकजुटता दिखानी शुरू कर दी थी, लेकिन जैसे ही राहुल गांधी की संसद से सदस्यता गई, देश का पूरा विपक्ष तिलमिला गया और सभी ने एक सुर में इसकी मुखालफत शुरू कर दी. जो पार्टी कल तक कांग्रेस से दूरी बनाना चाहती थी, अब वो भी साथ आने में ही अपनी भलाई समझ रही है. सभी पार्टियों को ये लगने लगा है कि लोकतंत्र खतरे में है और अगर अभी ये एकजुट नहीं हुए और राहुल के मुद्दे को एक बड़ा मुद्दा नहीं बनाया तो इनके हाथ से सब कुछ निकल जाएगा.

ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू

पटनाः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास 10 राजाजी मार्ग' पर सोमवार देर शाम कई विपक्षी दलों के नेताओं की मीटिंग हुई. इस बैठक में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) भी मौजूद रहे. मीटिंग खत्म होने के बाद ललन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2024 में होने वाले चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर लड़ेंगी. मीडिया के पूछे गए एक सवाल के जवाब उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी पर की गई कार्रवाई निश्चित रूप से एक पॉलिटिकल वैंनडेटा है.

ये भी पढ़ेंः विपक्षी नेताओं की खड़गे के साथ बैठक, राहुल की सदस्यता जाने व अडाणी मामले में रणनीतिक विचार विमर्श

"आप सिर्फ कांग्रेस और जेडीयू को अलग-अलग करके नहीं देख सकते. सभी विपक्षी पार्टियां एक हैं. 2024 का चुनाव सभी विपक्षी पार्टियां एक होकर लड़ेंगी. प्रधानमंत्री अगर किसी के लिए कुछ बोलें तो वो सही है, अगर कोई दूसरा बोलता है तो वो गलत है. सारी पार्टियां एक होकर लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ेंगीं"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

बैठक में कई बड़े नेता रहे मौजूदः वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस विपक्ष की अहम बैठक में कई बड़े मुद्दों पर बातचीत हुई. जिसमें राहुल गांधी की सदस्यता जाने और अडानी ग्रुप से जुड़े मामले पर जेपीसी की मांग को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया गया. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोमवार को समान विचारधारा वाले सभी विपक्षी दलों के नेताओं को अपने आवास '10 राजाजी मार्ग' पर डिनर मीटिंग के लिए बुलाया था. बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के जवाहर लाल सरकार, नेशनल कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, डीआरएम नेता टीआर बालू, मुक्ति मोर्चा के मांझी, झारखंड के नेशनल कांफ्रेंस के हसन मसूदी और कई अन्य सहयोगियों ने भी इसमें हिस्सा लिया. हांलाकि उद्धव बाला साहब ठाकरे की पार्टी का कोई नेता इस बैठक में मौजूद नहीं था. दरअसल उद्धव ठाकरे राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान को लेकर कुछ नाराज चल रहे हैं.

जेडीयू पार्टी भी खुलकर आई सामनेः वहीं, बैठक के बाद ललन सिंह के इस बयान को लेकर दिल्ली से बिहार तक राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गईं हैं, जो जेडीयू दो दिन पहले तक इस पूरे विरोध से दूर दिख रही थी अब वो भी खुलकर सामने आ गईं है. जेडीयू को ये लगने लगा है कि जब देश के सभी बड़े विपक्ष एक हो रहे हैं, तो उसे अलग रहने में कुछ हासिल नहीं होगा और अगर राहुल गांधी की संसद सदस्यता दोबारा बहाल नहीं होती है, तो पूरा विपक्ष शायद सीएम नीतीश कुमार को विपक्ष के प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर सकता है और अगर ऐसा नहीं भी हुआ तो भी जेडीयू के लिए विपक्ष के साथ जाने के अलावा फिलहाल अभी कोई रास्ता नहीं दिखता, क्योंकि बिहार में नीतीश की पार्टी महागठबंधन के साथ सरकार में है.

राहुल मुद्दे पर एक हुए विपक्षियों के सुरः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पहले भी कह चुके हैं कि बिहार में जब से महागठबंधन बना है, तब से बिहार की जनता बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का सपना देख रही है. ललन सिंह ने ने महागठबंधन की हुई पूर्णिया रेली में भी कहा था कि पूरा विपक्ष एक हो चुका है और अब भाजपा का सत्ता से जाना तय है. वैसे तो विपक्षी पार्टियों ने राहुल गांधी मामले से पहले ही एकजुटता दिखानी शुरू कर दी थी, लेकिन जैसे ही राहुल गांधी की संसद से सदस्यता गई, देश का पूरा विपक्ष तिलमिला गया और सभी ने एक सुर में इसकी मुखालफत शुरू कर दी. जो पार्टी कल तक कांग्रेस से दूरी बनाना चाहती थी, अब वो भी साथ आने में ही अपनी भलाई समझ रही है. सभी पार्टियों को ये लगने लगा है कि लोकतंत्र खतरे में है और अगर अभी ये एकजुट नहीं हुए और राहुल के मुद्दे को एक बड़ा मुद्दा नहीं बनाया तो इनके हाथ से सब कुछ निकल जाएगा.

Last Updated : Mar 28, 2023, 10:58 AM IST
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