कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि विपक्षी सदस्यों को उत्तर प्रदेश में 90 प्रतिशत सीटों पर चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी और इसी तरह त्रिपुरा में कई सीटों पर निर्विरोध चुनाव हुआ.
बनर्जी का बयान ऐसे दिन आया है जब आगामी पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने को लेकर हुई हिंसा में राज्य में चार लोगों की मौत हो गई. देश भर में व्याप्त कथित अराजकता के उदाहरणों का हवाला देते हुए, बनर्जी ने कहा कि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं, हत्या कर रहे हैं और अदालत परिसर में खुलेआम गोलीबारी कर रहे हैं. ममता ने कहा कि
'एक राक्षस (monster) का शासन चल रहा है. कुछ राजनीतिक दल नापाक भूमिका निभा रहे हैं. मुझे उनके नामों का जिक्र करने से नफरत है. जो लोग हर तरह के अपराध करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अब दावा कर रहे हैं कि उन्हें शिकार बनाया जा रहा है.' बनर्जी ने आरोप लगाया कि यहां तक कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोपी भी छूट जाते हैं.
भाजपा पर केंद्रीय कोष रोकने और एजेंसियों के माध्यम से धमकी देने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा कि पिछले एक साल में 153 केंद्रीय दल बंगाल भेजे गए हैं जबकि 63 योजनाओं के लिए धन रोक दिया गया है.
बंगाल के प्रति सौतेले रवैये को लेकर वह भाजपा पर जमकर बरसीं. उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों को दंगे के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जबकि राज्य उस समय चुनाव आयोग के अधीन था.
पूर्व की वाममोर्चा सरकार का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस पार्टी ने विपक्ष को एक भी नामांकन दाखिल नहीं करने दिया और सुनिश्चित किया कि वे सभी 100 सीटों पर निर्विरोध जीत जाएं, वह अब बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं. ममता ने कहा कि 'हमारी पार्टी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जो भी नामांकन दाखिल करने आएगा, वह ऐसा कर सकता है. किसी को भी नामांकन दाखिल करने से नहीं रोका जाएगा.'