पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के मकसद से राजधानी पटना में 12 जून को संयुक्त बैठक प्रस्तावित है. इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां भी की जा रही हैं लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि अब यह मीटिंग उस दिन नहीं होगी. महागठबंधन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विपक्षी दलों की ये बैठक 23 जून को हो सकती है.
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पटना के ज्ञान भवन में होनी थी बैठक: बिहार जदयू के नेता विपक्षी दलों की होने वाली बैठक स्थगित किए जाने के मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पटना के ज्ञान भवन में 12 जून को 2:00 से बैठक निर्धारित की गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकांश विपक्षी दलों को बैठक के लिए आमंत्रण भेजा था. खुद सब से बात भी की थी. जदयू नेताओं की तरफ से यह दावा भी किया जा रहा था कि अधिकांश विपक्षी दल बैठक में शामिल होंगे और पूरे देश को बीजेपी के खिलाफ एक मैसेज दिया जाएगा, लेकिन बैठक में विपक्षी दलों के बड़े नेता के नहीं आने के कारण नीतीश कुमार को फिलहाल इस बैठक को टालने का फैसला लेना पड़ा है.
अरविंद केजरीवाल के आने पर भी था संशय: कांग्रेस के नेताओं के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को लेकर भी संशय बना हुआ था. क्योंकि केजरीवाल केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों के बड़े नेताओं से मिलकर समर्थन मांग रहे हैं. कांग्रेस से भी समर्थन मांग रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की ओर से अब तक समर्थन देने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. ऐसे में केजरीवाल के भी विपक्षी दलों की बैठक में आने की संभावना नहीं रह गई थी.
बैठक का पूरा होता नहीं दिख रहा था मकसद: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को बैठक में बुलाया ही नहीं गया था. ऐसे में जब अधिकांश विपक्षी दलों के बड़े नेता बैठक में नहीं आ रहे थे तो बीजेपी के खिलाफ 2024 में जिस मकसद से बैठक बुलाई गई थी. वह कहीं से पूरा होता नहीं दिख रहा था और इसी कारण नीतीश कुमार ने फिलहाल इसे टालने का फैसला लिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जल्द ही कांग्रेस नेताओं से बातचीत कर अगली तिथि तय की जाएगी. अभी नीतीश कुमार को विपक्षी दलों की एकजुटता की मुहिम के तहत बैठक नहीं होने के कारण एक बड़ा झटका लगा है.
तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने भी जताई थी असमर्थता : बैठक को लेकर पहले से संशय की स्थिति बनी हुई थी. क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी की अनुपस्थिति में बैठक का क्या भविष्य होता इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं था. वहीं तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने भी 12 जून को बैठक में हिस्सा लेने में असमर्थता जताई थी और तिथि को आगे बढ़ाने की बात कही थी.
पिछले कई महीने से नेताओं से मुलाकात कर रहे थे सीएम नीतीश: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई महीने से इस मुहिम में जुटे हुए थे. उन्होंने कई प्रांत के मुख्यमंत्रियों और विपक्षी दलों के सुप्रीमों से मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता में शामिल होने के लिए तैयार किया था. इस कड़ी में वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सीपीएम के लीडर सीताराम येचुरी और सीपीआई नेता डी. राजा से मुलाकात की थी. साथ ही सभी को बैठक में बुलाने के लिए निमंत्रण भेजा जा रहा था.