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निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में पढ़ी संविधान की प्रस्तावना, खत्म किया धरना

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Published : Dec 22, 2021, 5:32 PM IST

संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) के पहले दिन 29 नवंबर को निलंबन के बाद से 12 सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे. उनका कहना था कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे.

निलंबित सांसदों का प्रदर्शन खत्म
निलंबित सांसदों का प्रदर्शन खत्म

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) में निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों ने बुधवार को दोनों सदनों की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के बाद अपना धरना भी खत्म कर दिया. विपक्षी सदस्यों ने संसद परिसर में संविधान की प्रस्तावना पढ़कर (Opposition leaders read Preamble of Constitution) और राष्ट्रगान गाकर धरने का समापन किया.

इस धरने में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन भी शामिल हुए, जिन्हें मंगलवार को राज्यसभा में सदन की नियमावली पुस्तिका सदन में उछालने के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था.

  • #WATCH | Opposition leaders including LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge along with suspended MPs read the Preamble to the Constitution of India and recite the national anthem before the Mahatma Gandhi statue in Parliament to protest against the suspension of MPs pic.twitter.com/9ZLp4Zf4mP

    — ANI (@ANI) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गत 29 नवंबर को निलंबन के बाद से 12 सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे. उनका कहना था कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे.

सरकार का कहना था कि अगर ये सदस्य अपने कृत्य के लिए माफी मांग लें तो उनके निलंबन पर पुनर्विचार किया जा सकता है, हालांकि इन सांसदों ने कहा कि वे माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया और उनके खिलाफ असंवैधानिक तरीके से कार्रवाई की गई. इस मुद्दे को लेकर कई दिनों तक राज्यसभा में गतिरोध भी बना रहा.

इन सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एकसाथ खड़े होकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और राष्ट्रगान गाया.

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर) राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले सत्र के दौरान कथित तौर पर किए गए 'अशोभनीय आचरण' के लिए सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें- लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया था उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) में निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों ने बुधवार को दोनों सदनों की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के बाद अपना धरना भी खत्म कर दिया. विपक्षी सदस्यों ने संसद परिसर में संविधान की प्रस्तावना पढ़कर (Opposition leaders read Preamble of Constitution) और राष्ट्रगान गाकर धरने का समापन किया.

इस धरने में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओब्रायन भी शामिल हुए, जिन्हें मंगलवार को राज्यसभा में सदन की नियमावली पुस्तिका सदन में उछालने के कारण सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था.

  • #WATCH | Opposition leaders including LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge along with suspended MPs read the Preamble to the Constitution of India and recite the national anthem before the Mahatma Gandhi statue in Parliament to protest against the suspension of MPs pic.twitter.com/9ZLp4Zf4mP

    — ANI (@ANI) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गत 29 नवंबर को निलंबन के बाद से 12 सांसद संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे. उनका कहना था कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे.

सरकार का कहना था कि अगर ये सदस्य अपने कृत्य के लिए माफी मांग लें तो उनके निलंबन पर पुनर्विचार किया जा सकता है, हालांकि इन सांसदों ने कहा कि वे माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया और उनके खिलाफ असंवैधानिक तरीके से कार्रवाई की गई. इस मुद्दे को लेकर कई दिनों तक राज्यसभा में गतिरोध भी बना रहा.

इन सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एकसाथ खड़े होकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और राष्ट्रगान गाया.

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर) राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले सत्र के दौरान कथित तौर पर किए गए 'अशोभनीय आचरण' के लिए सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था.

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जिन सदस्यों को निलंबित किया गया था उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

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