नई दिल्ली : विपक्षी दल पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद में चर्चा की अपनी मांग पर अड़े हैं. कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने पेगासस जासूसी प्रकरण और अन्य मुद्दों पर संसद के मौजूदा मानसून सत्र के दौरान सरकार को घेरने एवं दबाव बनाने की रणनीति पर बुधवार को चर्चा की.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खड़गे के अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, जयराम रमेश, शिवसेना सांसद संजय राउत, एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल, आरजेडी सांसद मनोज झा, द्रमुक के टीआर बालू और अन्य दलों के नेता मौजूद थे.
बैठक के बाद खड़गे ने कहा, 'हम चाहते हैं कि सदन चले और पेगासस मामले पर चर्चा हो. पेगासस मामले की जांच कई देशों में हो रही है तो भाजपा इसकी जांच अपने देश में क्यों नहीं कर रही है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इसकी जांच करवानी चाहिए.'
पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.
विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा.
बता दें कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा की अपनी मांग पर बार-बार स्थगन के बाद मंगलवार शाम लोकसभा में विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की थी, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे.
बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के. सुरेश ने मीडिया से कहा कि विपक्ष पेगासस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करेगा.
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विपक्षी दलों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा, एक बात बहुत स्पष्ट है, संसद में गतिरोध का दोष पूरी तरह से सरकार के दरवाजे पर है. सरकार एक सार्थक चर्चा और बहस में दिलचस्पी नहीं रखती है. यह सरकार संसद के माध्यम से भारत के लोगों के प्रति अपनी जवाबदेही में विश्वास नहीं करती है.
(एजेंसी)