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Opposition Demand for JPC probe : केंद्रीय मंत्री बोले-विपक्षी दलों की मांग पूरी तरह निराधार

अडाणी मुद्दे पर विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग पर अड़ा है. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से जेपीसी गठित करने की कोई संभावना नहीं है. इसके संकेत विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय से बात करते हुए दिए. मुरलीधरन ने कहा कि विपक्ष की ऐसी मांग पूरी तरह से निराधार है.

V Muraleedharan
वी मुरलीधरन
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Published : Feb 10, 2023, 3:50 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 3:57 PM IST

नई दिल्ली: अडाणी मुद्दे पर विपक्ष जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा है. इसके बीच राज्यमंत्री ने कहा कि 'विपक्षी दलों की मांग पूरी तरह निराधार है. यह एक अमेरिकी कंपनी है जिसने इस तरह की कथित विसंगतियों के बारे में बताया है. भारत में किसी भी सरकारी संस्थान ने ऐसा दावा नहीं किया, इसलिए जेपीसी गठित करने का कोई मतलब नहीं है.'

मुरलीधरन ने कहा कि विपक्ष के हाथ में कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे ऐसी मांग उठा रहे हैं. मुरलीधरन ने कहा कि यदि आप जेपीसी के गठन पर पहले के उदाहरण देखें, तो ऐसी समिति का गठन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और अन्य सरकारी संस्थानों की रिपोर्ट पर किया गया, न कि किसी विदेशी कंपनी के आधार पर.

बोफोर्स स्कैंडल (1987), हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट स्कैम (1992), 2जी स्पेक्ट्रम केस (2011), पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (2019) और कई अन्य मुद्दों को लेकर जेपीसी का गठन किया गया था, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल थे. जेपीसी किसी मामले के संबंध में मौखिक या लिखित रूप में साक्ष्य एकत्र करने या दस्तावेजों की मांग करने के लिए अधिकृत है. हालांकि किसी भी मामले में जेपीसी गठित करने का विवेक सरकार पर निर्भर करता है.

जेपीसी में सदस्यों की संख्या 30 से 31 तक हो सकती है. विपक्षी दल जेपीसी द्वारा अडाणी समूह की जांच की मांग कर रहे हैं. विपक्ष, अमेरिकी फर्म की एक रिपोर्ट पर केंद्र पर चुप रहने का आरोप लगा रहा है. दरअसल अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट में समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.

कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक (Congress MP Abdul Khaleque) ने इस संवाददाता से कहा कि 'अगर सरकार को भरोसा है कि उसने कुछ गलत नहीं किया तो जेपीसी गठित करने में क्या हर्ज है. वास्तव में, जेपीसी में अधिकांश सदस्य सत्तारूढ़ दल से होंगे और यहां तक ​​कि जेपीसी के अध्यक्ष सत्ताधारी दल से होंगे.'

अब्दुल खालिक ने कहा कि 'ऐसा कोई नियम नहीं है कि जेपीसी का गठन केवल किसी सरकारी एजेंसी की रिपोर्ट या दावे के आधार पर हो. हालांकि अडाणी मुद्दे को एक अमेरिकी फर्म द्वारा रिपोर्ट किया गया है, और जब पूरा विपक्ष जेपीसी की मांग कर रहा है, तो सरकार को यह साबित करने के लिए एक जेपीसी बनानी चाहिए कि उनका अडाणी विवाद से कोई संबंध नहीं है.'

पढ़ें- Mallikarjun Kharge On Adani Group: कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, जेपीसी जांच को रिकॉर्ड से हटाने का आरोप

नई दिल्ली: अडाणी मुद्दे पर विपक्ष जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा है. इसके बीच राज्यमंत्री ने कहा कि 'विपक्षी दलों की मांग पूरी तरह निराधार है. यह एक अमेरिकी कंपनी है जिसने इस तरह की कथित विसंगतियों के बारे में बताया है. भारत में किसी भी सरकारी संस्थान ने ऐसा दावा नहीं किया, इसलिए जेपीसी गठित करने का कोई मतलब नहीं है.'

मुरलीधरन ने कहा कि विपक्ष के हाथ में कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे ऐसी मांग उठा रहे हैं. मुरलीधरन ने कहा कि यदि आप जेपीसी के गठन पर पहले के उदाहरण देखें, तो ऐसी समिति का गठन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और अन्य सरकारी संस्थानों की रिपोर्ट पर किया गया, न कि किसी विदेशी कंपनी के आधार पर.

बोफोर्स स्कैंडल (1987), हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट स्कैम (1992), 2जी स्पेक्ट्रम केस (2011), पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (2019) और कई अन्य मुद्दों को लेकर जेपीसी का गठन किया गया था, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल थे. जेपीसी किसी मामले के संबंध में मौखिक या लिखित रूप में साक्ष्य एकत्र करने या दस्तावेजों की मांग करने के लिए अधिकृत है. हालांकि किसी भी मामले में जेपीसी गठित करने का विवेक सरकार पर निर्भर करता है.

जेपीसी में सदस्यों की संख्या 30 से 31 तक हो सकती है. विपक्षी दल जेपीसी द्वारा अडाणी समूह की जांच की मांग कर रहे हैं. विपक्ष, अमेरिकी फर्म की एक रिपोर्ट पर केंद्र पर चुप रहने का आरोप लगा रहा है. दरअसल अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट में समूह पर स्टॉक हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.

कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक (Congress MP Abdul Khaleque) ने इस संवाददाता से कहा कि 'अगर सरकार को भरोसा है कि उसने कुछ गलत नहीं किया तो जेपीसी गठित करने में क्या हर्ज है. वास्तव में, जेपीसी में अधिकांश सदस्य सत्तारूढ़ दल से होंगे और यहां तक ​​कि जेपीसी के अध्यक्ष सत्ताधारी दल से होंगे.'

अब्दुल खालिक ने कहा कि 'ऐसा कोई नियम नहीं है कि जेपीसी का गठन केवल किसी सरकारी एजेंसी की रिपोर्ट या दावे के आधार पर हो. हालांकि अडाणी मुद्दे को एक अमेरिकी फर्म द्वारा रिपोर्ट किया गया है, और जब पूरा विपक्ष जेपीसी की मांग कर रहा है, तो सरकार को यह साबित करने के लिए एक जेपीसी बनानी चाहिए कि उनका अडाणी विवाद से कोई संबंध नहीं है.'

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Last Updated : Feb 10, 2023, 3:57 PM IST
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