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Operation Kaveri: भारतीय सेना ने सूडान से और 754 भारतीय नागरिक स्वदेश पहुंचा

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Published : Apr 28, 2023, 10:26 PM IST

सूडान में चल रहे संघर्ष के दौरान भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन कावेरी के तहत शुक्रवार को 754 नागरिकों को वापस लाया जा चुका है. अब तक कुल 1,360 भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है.

Indian nationals brought back from Sudan
सूडान से वापस लाए गए भारतीय नागरिक

नई दिल्ली: हिंसाग्रस्त सूडान से भारतीयों को निकालने के अभियान ऑपरेशन कावेरी के तहत शुक्रवार को 754 नागरिकों को स्वदेश लाया गया है. वायु सेना के सी-17 विमान से 392 नागरिकों को नई दिल्ली लाया गया, जबकि 362 भारतीय नागरिकों का एक और जत्था बेंगलुरू पहुंचा. इस अभियान के तहत निकाले गए भारतीय नागरिकों को सूडान से सऊदी अरब के शहर जेद्दा और फिर वहां से भारत लाया जा रहा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि एक और सी-17 विमान से 392 यात्री नई दिल्ली पहुंचे. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि आपरेशन कावेरी के तहत बेंगलुरू पहुंचे 362 भारतीयो का देश में स्वागत है. आपरेशन कावेरी के तहत बुधवार को एक कमर्शियल विमान से 360 नागरिकों को नई दिल्ली लाया गया था. वहीं, दूसरे जत्थे में अगले ही दिन सी-17 ग्लोबमास्टर से 246 नागरिकों को मुम्बई लाया गया था.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 1,360 भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है. सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष चल रहा है. हालांकि दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं. आपरेशन कावेरी में भारतीय नौसेना के तीन जहाज आईएनएस सुमेधा, आईएनएस तेग और आईएनएस तरकश शामिल हैं.

इसके अलावा वायु सेना के दो सी130जे विमान भी इस अभियान में शामिल हैं. भारत ने सूडान की स्थिति को लेकर नई दिल्ली में चौबीसों घंटे चलने वाला एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. इसके अलावा एक नियंत्रण कक्ष पोर्ट सूडान में और एक अन्य सऊदी अरब के शहर जेद्दा में स्थापित किया गया है.

पढ़ें: भारतीय समुदाय और अमेरिकी कांग्रेस ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई: राजदूत संधू

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को बताया था कि सूडान में सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर और अप्रत्याशित बने हुए हैं और वहां रह रहे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालना भारत की प्राथमिकता है. क्वात्रा ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार हमारा पूरा प्रयास है कि जितने नागरिक संघर्ष वाले क्षेत्र में फंसे हुए हैं, उन्हें अति शीघ्र, सुरक्षित बाहर निकाला जाए और फिर उन्हें भारत लाने की व्यवस्था की जाए.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: हिंसाग्रस्त सूडान से भारतीयों को निकालने के अभियान ऑपरेशन कावेरी के तहत शुक्रवार को 754 नागरिकों को स्वदेश लाया गया है. वायु सेना के सी-17 विमान से 392 नागरिकों को नई दिल्ली लाया गया, जबकि 362 भारतीय नागरिकों का एक और जत्था बेंगलुरू पहुंचा. इस अभियान के तहत निकाले गए भारतीय नागरिकों को सूडान से सऊदी अरब के शहर जेद्दा और फिर वहां से भारत लाया जा रहा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि एक और सी-17 विमान से 392 यात्री नई दिल्ली पहुंचे. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि आपरेशन कावेरी के तहत बेंगलुरू पहुंचे 362 भारतीयो का देश में स्वागत है. आपरेशन कावेरी के तहत बुधवार को एक कमर्शियल विमान से 360 नागरिकों को नई दिल्ली लाया गया था. वहीं, दूसरे जत्थे में अगले ही दिन सी-17 ग्लोबमास्टर से 246 नागरिकों को मुम्बई लाया गया था.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 1,360 भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है. सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष चल रहा है. हालांकि दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं. आपरेशन कावेरी में भारतीय नौसेना के तीन जहाज आईएनएस सुमेधा, आईएनएस तेग और आईएनएस तरकश शामिल हैं.

इसके अलावा वायु सेना के दो सी130जे विमान भी इस अभियान में शामिल हैं. भारत ने सूडान की स्थिति को लेकर नई दिल्ली में चौबीसों घंटे चलने वाला एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. इसके अलावा एक नियंत्रण कक्ष पोर्ट सूडान में और एक अन्य सऊदी अरब के शहर जेद्दा में स्थापित किया गया है.

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विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को बताया था कि सूडान में सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर और अप्रत्याशित बने हुए हैं और वहां रह रहे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालना भारत की प्राथमिकता है. क्वात्रा ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार हमारा पूरा प्रयास है कि जितने नागरिक संघर्ष वाले क्षेत्र में फंसे हुए हैं, उन्हें अति शीघ्र, सुरक्षित बाहर निकाला जाए और फिर उन्हें भारत लाने की व्यवस्था की जाए.

(पीटीआई-भाषा)

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