नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक संदिग्ध चीनी नागरिक से जुड़े कथित घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसमें भारतीय नागरिकों को निवेश, ऋण और नौकरी के अवसरों के नाम पर निशाना बनाया गया था और उनकी जमा राशि का 137 से अधिक मुखौटा कंपनियों के जरिये गबन किया गया.
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CBI IN OPERATION CHAKRA-II UNEARTHS AN INTERNATIONAL ONLINE INVESTMENT FRAUD WORTH OVER HUNDREDS OF CRORES TARGETING INDIAN CITIZENS AND A CYBER ENABLED IMPERSONATION FRAUD TARGETING SINGAPOREAN CITIZENS pic.twitter.com/yrQ1ZyyIX7
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एजेंसी ने कहा कि बेंगलुरु स्थित एक 'पेआउट मर्चेंट' की भूमिका केंद्र में है जिसके संबंध संदिग्ध चीनी नागरिक से था और वह जांच के दायरे में है. सीबीआई ने यहां जारी बयान में कहा, 'धोखाधड़ी के केंद्र में रहने वाला यह 'मर्चेंट' लगभग 16 अलग-अलग बैंक खातों को नियंत्रित करता था, जहां 357 करोड़ रुपये (लगभग) की भारी-भरकम राशि जमा की गई थी. फिर इस राशि को विभिन्न खातों में भेजा गया...'
साइबर अपराधियों के खिलाफ शुरू 'ऑपरेशन चक्र -2' के तहत, केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में बेंगलुरु, कोचिन और गुरुग्राम में तलाशी ली थी और इस दौरान मुखौटा कंपनियों के निदेशकों की कथित संदिग्ध गतिविधियों को उजागर करने वाले सबूत मिले थे.
बयान के अनुसार, एजेंसी ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की सूचना के आधार पर घोटाले के संबंध में मामला दर्ज किया, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
बयान के मुताबिक यह मामला 'निवेश, ऋण और नौकरी के अवसरों के नाम पर विदेशी घोटालेबाजों द्वारा भारतीय नागरिकों के खिलाफ किए जा रहे परिष्कृत, संगठित साइबर अपराध' से संबंधित है.
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, 'जालसाजों ने कथित तौर पर पोंजी योजनाओं और बहु-स्तरीय मार्केटिंग पहल के माध्यम से आकर्षक अंशकालिक नौकरियों के वादे के साथ पीड़ितों को लुभाने की कोशिश की और इसके लिए विभिन्न सोशल मीडिया और विज्ञापन मंचों, चैट एप्लिकेशन और एसएमएस का सहारा लिया.'
प्रवक्ता ने बयान में कहा, 'यूपीआई खातों के एक जटिल नेटवर्क के माध्यम से गलत तरीके से कमाए गए धन को सफेद किया गया, जो अंततः गलत प्रमाण-पत्रों के जरिए इस राशि को क्रिप्टोकरेंसी या सोने में परिवर्तित किया गया.'
बयान के मुताबिक सीबीआई ने 137 मुखौटा कंपनियों की पहचान की है, जो ज्यादातर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, बेंगलुरु के साथ पंजीकृत हैं, जिनका इस्तेमाल भोले-भाले निवेशकों से इकट्ठा किए गए पैसे को निकालने के लिए किया जाता था.
ऑपरेशन के तहत, सीबीआई ने इंटरपोल के माध्यम से सिंगापुर पुलिस की खुफिया जानकारी के आधार पर एक और मामला भी दर्ज किया है जिसमें दक्षिण पूर्व एशियाई देश के 400 नागरिकों को भारत स्थित साइबर अपराधियों द्वारा निशाना बनाया गया था.
एजेंसी ने सिंगापुर के नागरिकों के खिलाफ 300 साइबर धोखाधड़ी का पता लगाया है, जिसमें 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले 100 से अधिक भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया. ऑपरेशन चक्र-2 के तहत सीबीआई ने इन आरोपियों के ठिकानों की तलाशी ली.