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राजस्थान: मानसून का संदेश लेकर घना पहुंचे 'मानसून दूत', ओपन बिल स्टॉर्क ने शुरू की नेस्टिंग

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Published : Jun 22, 2022, 12:10 PM IST

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में मानसून का दूत कहे जाने वाले पक्षी ओपन बिल स्टॉर्क ने नेस्टिंग शुरू कर दी (Openbill stork begins nesting in Bharatpur) है. अपने तय समय से करीब 10 दिन पहले यहां पहुंचे ओपन बिल स्टार्क की संख्या 90 है, जो कुछ ही दिनों में 300 तक पहुंच सकती है. कहा जाता है कि ओपन बिल स्टार्क के भरतपुर में आने के साथ ही मानसून दस्तक देता है. चूंकि इस बार इसका आगमन जल्दी हुआ है, तो मानसून भी जल्द आएगा.

Openbill stork reached in Ghana National park
मानसून दूत

भरतपुर. मानसून का संदेश लेकर मानसून दूत यानी ओपन बिल स्टार्क केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंच गए (Openbill stork reached in Ghana National park) हैं. करीब 90 की संख्या में पहुंचे ओपन बिल स्टॉर्क ने घना में नेस्टिंग शुरू कर दी है. कुछ दिनों में यह संख्या 300 तक पहुंच जाएगी. खास बात ये है कि इस बार ओपन बिल स्टॉर्क समय से करीब दस दिन पहले घना (केवलादेव) पहुंचे हैं. इतना ही नहीं घना के आसपास के जंगलों में भी मानसूनी पक्षियों की कॉलोनियां गुलजार होने लगी हैं.

केवलादेव के नेचर गाइड नवीन करौली ने बताया कि घना में सांपन मोरी के पास पेड़ों पर करीब 80-90 ओपन बिल स्टॉर्क, जिन्हें घोंघिल भी कहा जाता है. इन्होंने नेस्टिंग शुरू कर दी है. अमूमन ये जून के अंत या फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह में दक्षिण भारत से यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस बार ये मध्य जून में यहां पहुंच गए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार भरतपुर में मानसून जल्द (Openbill stork indicates for monsoon) पहुंचेगा. कुछ दिनों में इनकी संख्या 300 से ऊपर तक पहुंच जाएगी. ये पक्षी यहां पर प्रजनन के लिए आता है. जून के अंतिम सप्ताह से दिसंबर अंतिम सप्ताह या जनवरी प्रथम सप्ताह तक यहां प्रवास करता है. बच्चों के उड़ने लायक होने पर यहां से बच्चों के साथ चला जाता है.

मानसून का संदेश लेकर घना पहुंचे 'मानसून दूत'

पढ़ें: मानसून का संदेश लेकर आए 'मानसून दूत', घना में Openbill Stork ने डाला डेरा...कम पानी के कारण घट रही संख्या

ईग्रेट से गूंजा जंगल: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के साथ ही पंछी का नगला और आसपास के कई वाटर पॉइंट पर सैकड़ों की संख्या में ईग्रेट और कैटल ईग्रेट ने कॉलोनियां बसा ली हैं. इस बार ईग्रेट ने तो अपने निर्धारित समय से कई माह पहले न केवल नेस्टिंग कर ली है बल्कि पंछी का नगला के जंगलों में तो बच्चों की चहचहाट भी गूंजने लगी है. पंछी का नगला में जहां करीब 150 ईग्रेट हैं, वहीं गणेश मंदिर के पास करीब 700 की संख्या में कैटल ईग्रेट ने नेस्टिंग कर रखी है.

Openbill stork reached in Ghana National park
ओपन बिल स्टॉर्क ने शुरू की नेस्टिंग

पढ़ें: Flamingo in Ghana National Park : पांचना से पर्याप्त पानी मिला तो 6 साल बाद बड़ी संख्या में घना लौटे राजहंस, रास आई आबोहवा...डेढ़ माह से डाले हैं डेरा

बता दें कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दियों के मौसम में 300 से अधिक प्रजाति के हजारों की संख्या में देशी और विदेशी पक्षी प्रवास करते हैं. घना में मानसूनी सीजन से ही पक्षियों का आना शुरू हो जाता है और करीब मार्च तक यह जंगल पक्षियों से गुलजार रहता है.

भरतपुर. मानसून का संदेश लेकर मानसून दूत यानी ओपन बिल स्टार्क केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पहुंच गए (Openbill stork reached in Ghana National park) हैं. करीब 90 की संख्या में पहुंचे ओपन बिल स्टॉर्क ने घना में नेस्टिंग शुरू कर दी है. कुछ दिनों में यह संख्या 300 तक पहुंच जाएगी. खास बात ये है कि इस बार ओपन बिल स्टॉर्क समय से करीब दस दिन पहले घना (केवलादेव) पहुंचे हैं. इतना ही नहीं घना के आसपास के जंगलों में भी मानसूनी पक्षियों की कॉलोनियां गुलजार होने लगी हैं.

केवलादेव के नेचर गाइड नवीन करौली ने बताया कि घना में सांपन मोरी के पास पेड़ों पर करीब 80-90 ओपन बिल स्टॉर्क, जिन्हें घोंघिल भी कहा जाता है. इन्होंने नेस्टिंग शुरू कर दी है. अमूमन ये जून के अंत या फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह में दक्षिण भारत से यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस बार ये मध्य जून में यहां पहुंच गए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार भरतपुर में मानसून जल्द (Openbill stork indicates for monsoon) पहुंचेगा. कुछ दिनों में इनकी संख्या 300 से ऊपर तक पहुंच जाएगी. ये पक्षी यहां पर प्रजनन के लिए आता है. जून के अंतिम सप्ताह से दिसंबर अंतिम सप्ताह या जनवरी प्रथम सप्ताह तक यहां प्रवास करता है. बच्चों के उड़ने लायक होने पर यहां से बच्चों के साथ चला जाता है.

मानसून का संदेश लेकर घना पहुंचे 'मानसून दूत'

पढ़ें: मानसून का संदेश लेकर आए 'मानसून दूत', घना में Openbill Stork ने डाला डेरा...कम पानी के कारण घट रही संख्या

ईग्रेट से गूंजा जंगल: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के साथ ही पंछी का नगला और आसपास के कई वाटर पॉइंट पर सैकड़ों की संख्या में ईग्रेट और कैटल ईग्रेट ने कॉलोनियां बसा ली हैं. इस बार ईग्रेट ने तो अपने निर्धारित समय से कई माह पहले न केवल नेस्टिंग कर ली है बल्कि पंछी का नगला के जंगलों में तो बच्चों की चहचहाट भी गूंजने लगी है. पंछी का नगला में जहां करीब 150 ईग्रेट हैं, वहीं गणेश मंदिर के पास करीब 700 की संख्या में कैटल ईग्रेट ने नेस्टिंग कर रखी है.

Openbill stork reached in Ghana National park
ओपन बिल स्टॉर्क ने शुरू की नेस्टिंग

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बता दें कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सर्दियों के मौसम में 300 से अधिक प्रजाति के हजारों की संख्या में देशी और विदेशी पक्षी प्रवास करते हैं. घना में मानसूनी सीजन से ही पक्षियों का आना शुरू हो जाता है और करीब मार्च तक यह जंगल पक्षियों से गुलजार रहता है.

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