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रोडवेज पर हुआ साइबर अटैक, ईटीएम से टिकट बनना बंद, सभी ऑनलाइन सेवाएं हैक - हाईटेक व्यवस्था पर सेंध

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की हाईटेक व्यवस्था पर सेंध लग गई है. रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ठप हो गई हैं, जिसके चलते परिवहन निगम को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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Published : Apr 26, 2023, 9:51 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों से ऑनलाइन टिकट बनना बंद हो गए हैं. ऐसे में अगर कोई यात्री घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक करना आना चाहता है तो ऑनलाइन टिकट बुक नहीं होगा. अगर किसी का ऑनलाइन टिकट बुक है और कैंसिल कराना चाहे तो कैंसिल नहीं होगा. रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ठप हो गई हैं. वजह है कि रोडवेज पर साइबर अटैक हुआ है. इसके चलते ऑनलाइन का सारा काम प्रभावित हो गया है. साइबर अटैक होने का परिवहन निगम को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. रोडवेज मुख्यालय से सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि जब तक साइबर अटैक से ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं तब तक मैनुअल काम किया जाए. हालांकि यह सेवाएं कब तक दुरुस्त होंगी यह बता पाने में रोडवेज अधिकारी असमर्थ हैं.


जारी लेटर
जारी लेटर

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम कि सभी ऑनलाइन सेवाएं बंद हो गई हैं. अब यात्री ऑनलाइन सेवाओं का लाभ अगले कितने दिन तक नहीं उठा पाएंगे यह कहना मुश्किल हो रहा है. मुंबई की ओरियन प्रो कंपनी को परिवहन निगम ने ऑनलाइन सिस्टम का पूरा ठेका दिया है. उस कंपनी को चार दिन पहले ही टेस्टिंग के बाद परिवहन निगम ने पांच साल के लिए अनुबंध पर मुहर लगा दी, लेकिन सिर्फ चार दिन ही बीते और कंपनी का जो डाटा क्लाउड पर सेव था उसे किसी हैकर ने हैक कर लिया और इंक्रिप्टेड कर दिया. इसके बाद अब ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन ही नहीं हो रही है. जब तक हैकर इस एप्लीकेशन को डिस्क्रिप्ट नहीं करेगा तब तक ऑनलाइन सेवाएं शुरू ही नहीं हो पाएंगी. ऐसे में अब सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी हो गई है कि घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक कराने में यात्री सफल नहीं हो पाएंगे. उन्हें ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी. चालक परिचालक के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन शोपीस हो गई हैं, क्योंकि अब इससे टिकट ही जारी नहीं हो पाएंगे.



यूपीएसआरटीसी ने ऑनलाइन सेवाओं की जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी मैसर्स ओरियन प्रो को दे रखी है. 20 अक्टूबर 2021 को इस फर्म को परिवहन निगम की तरफ से लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया और 23 नवंबर 2021 को फर्म के साथ अनुबंध किया गया. बीते 21 अप्रैल को इस कंपनी के कार्यों की समीक्षा और गो लाइव विषयक स्टीयरिंग कमिटी की बैठक हुई. बैठक में स्टीयरिंग कमेटी ने परियोजना क्रियान्वयन कार्यों की समीक्षा की. परियोजना में अनुबंध के अनुसार go-live के लिए अंतिम आवश्यक कंपोनेंट SLA मॉनिटरिंग सिस्टम सर्टिफिकेशन कंप्लायंस सेवा प्रदाता कंपनी का काम 5 जनवरी 2023 से मान लिया गया. परिवहन निगम की नवीन बस टिकटिंग परियोजना में क्रियान्वयन की कार्रवाई 5 जनवरी 2023 को ही पूरी होना स्वीकार हो गया और परियोजना में गो लाइव के लिए 5 जनवरी 2023 को गो लाइव तिथि घोषित कर दी गई. इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी को 5 जनवरी 2023 से ही ऑनलाइन सेवाओं के लिए भुगतान किया जाएगा. इसी तिथि से चार जनवरी 2028 तक पांच साल का ठेका कंपनी को दे दिया गया. अब सवाल यह पैदा होता है कि जब 21 अप्रैल को ही कंपनी की समीक्षा की गई और चार दिन बाद ही कंपनी का डाटा हैक हो गया तो यह कंपनी ऑनलाइन सेवाओं के मामलों में कितनी फूलप्रूफ है इसका अंदाजा लगाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है.

ड्यूटी करने को तैयार नहीं कंडक्टर : अब सफर के दौरान यात्रियों का मैनुअल टिकट बनाया जाएगा. इससे परिचालकों को काफी दिक्कत होगी. यही वजह है कि तमाम परिचालक बिना ईटीएम के ड्यूटी पर ही जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. ईटीएम अब बस स्टेशनों में इकट्ठा करके रख दी गई है. रोडवेज अधिकारी अब चालक-परिचालकों को समझा-बुझाकर ड्यूटी के लिए तैयार कर रहे हैं. अधिकारियों की तरफ से चालक-परिचालकों को समझाया जा रहा है कि रास्ते में कोई भी टीआई बिना टिकट बनवाए किसी की विदआउट टिकट नहीं लिखेगा. जो भी बस चेक करेगा पहले टिकट बनवाएगा उसके बाद चेक कर पाएगा. बुकिंग की व्यवस्था कराई जाएगी और चेकिंग के भी दो तीन काउंटर बनाए जाएंगे.

क्या कहते हैं अधिकारी : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि 'जिस फर्म के साथ परिवहन निगम का ऑनलाइन सेवाओं का अनुबंध हुआ है उसका डाटा किसी ने हैक कर लिया है. इस वजह से ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन नहीं हो पा रही है. इससे ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं. कंपनी पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द ऑनलाइन सेवाएं पहले की तरह शुरू की जा सकें. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि फिर से ऑनलाइन सेवाओं को शुरू होने में कितना वक्त लगेगा.'

यह भी पढ़ें : लखनऊ में ध्वस्त किया जाएगा कटाई वाला पुल, बनेगा रेलवे का नया ओवरब्रिज

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों से ऑनलाइन टिकट बनना बंद हो गए हैं. ऐसे में अगर कोई यात्री घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक करना आना चाहता है तो ऑनलाइन टिकट बुक नहीं होगा. अगर किसी का ऑनलाइन टिकट बुक है और कैंसिल कराना चाहे तो कैंसिल नहीं होगा. रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ठप हो गई हैं. वजह है कि रोडवेज पर साइबर अटैक हुआ है. इसके चलते ऑनलाइन का सारा काम प्रभावित हो गया है. साइबर अटैक होने का परिवहन निगम को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. रोडवेज मुख्यालय से सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि जब तक साइबर अटैक से ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं तब तक मैनुअल काम किया जाए. हालांकि यह सेवाएं कब तक दुरुस्त होंगी यह बता पाने में रोडवेज अधिकारी असमर्थ हैं.


जारी लेटर
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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम कि सभी ऑनलाइन सेवाएं बंद हो गई हैं. अब यात्री ऑनलाइन सेवाओं का लाभ अगले कितने दिन तक नहीं उठा पाएंगे यह कहना मुश्किल हो रहा है. मुंबई की ओरियन प्रो कंपनी को परिवहन निगम ने ऑनलाइन सिस्टम का पूरा ठेका दिया है. उस कंपनी को चार दिन पहले ही टेस्टिंग के बाद परिवहन निगम ने पांच साल के लिए अनुबंध पर मुहर लगा दी, लेकिन सिर्फ चार दिन ही बीते और कंपनी का जो डाटा क्लाउड पर सेव था उसे किसी हैकर ने हैक कर लिया और इंक्रिप्टेड कर दिया. इसके बाद अब ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन ही नहीं हो रही है. जब तक हैकर इस एप्लीकेशन को डिस्क्रिप्ट नहीं करेगा तब तक ऑनलाइन सेवाएं शुरू ही नहीं हो पाएंगी. ऐसे में अब सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी हो गई है कि घर बैठे ऑनलाइन टिकट बुक कराने में यात्री सफल नहीं हो पाएंगे. उन्हें ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी. चालक परिचालक के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन शोपीस हो गई हैं, क्योंकि अब इससे टिकट ही जारी नहीं हो पाएंगे.



यूपीएसआरटीसी ने ऑनलाइन सेवाओं की जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी मैसर्स ओरियन प्रो को दे रखी है. 20 अक्टूबर 2021 को इस फर्म को परिवहन निगम की तरफ से लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया गया और 23 नवंबर 2021 को फर्म के साथ अनुबंध किया गया. बीते 21 अप्रैल को इस कंपनी के कार्यों की समीक्षा और गो लाइव विषयक स्टीयरिंग कमिटी की बैठक हुई. बैठक में स्टीयरिंग कमेटी ने परियोजना क्रियान्वयन कार्यों की समीक्षा की. परियोजना में अनुबंध के अनुसार go-live के लिए अंतिम आवश्यक कंपोनेंट SLA मॉनिटरिंग सिस्टम सर्टिफिकेशन कंप्लायंस सेवा प्रदाता कंपनी का काम 5 जनवरी 2023 से मान लिया गया. परिवहन निगम की नवीन बस टिकटिंग परियोजना में क्रियान्वयन की कार्रवाई 5 जनवरी 2023 को ही पूरी होना स्वीकार हो गया और परियोजना में गो लाइव के लिए 5 जनवरी 2023 को गो लाइव तिथि घोषित कर दी गई. इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी को 5 जनवरी 2023 से ही ऑनलाइन सेवाओं के लिए भुगतान किया जाएगा. इसी तिथि से चार जनवरी 2028 तक पांच साल का ठेका कंपनी को दे दिया गया. अब सवाल यह पैदा होता है कि जब 21 अप्रैल को ही कंपनी की समीक्षा की गई और चार दिन बाद ही कंपनी का डाटा हैक हो गया तो यह कंपनी ऑनलाइन सेवाओं के मामलों में कितनी फूलप्रूफ है इसका अंदाजा लगाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है.

ड्यूटी करने को तैयार नहीं कंडक्टर : अब सफर के दौरान यात्रियों का मैनुअल टिकट बनाया जाएगा. इससे परिचालकों को काफी दिक्कत होगी. यही वजह है कि तमाम परिचालक बिना ईटीएम के ड्यूटी पर ही जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं. ईटीएम अब बस स्टेशनों में इकट्ठा करके रख दी गई है. रोडवेज अधिकारी अब चालक-परिचालकों को समझा-बुझाकर ड्यूटी के लिए तैयार कर रहे हैं. अधिकारियों की तरफ से चालक-परिचालकों को समझाया जा रहा है कि रास्ते में कोई भी टीआई बिना टिकट बनवाए किसी की विदआउट टिकट नहीं लिखेगा. जो भी बस चेक करेगा पहले टिकट बनवाएगा उसके बाद चेक कर पाएगा. बुकिंग की व्यवस्था कराई जाएगी और चेकिंग के भी दो तीन काउंटर बनाए जाएंगे.

क्या कहते हैं अधिकारी : परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि 'जिस फर्म के साथ परिवहन निगम का ऑनलाइन सेवाओं का अनुबंध हुआ है उसका डाटा किसी ने हैक कर लिया है. इस वजह से ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन नहीं हो पा रही है. इससे ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं. कंपनी पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द ऑनलाइन सेवाएं पहले की तरह शुरू की जा सकें. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि फिर से ऑनलाइन सेवाओं को शुरू होने में कितना वक्त लगेगा.'

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