तिरुवनंतपुरम : केरल में 31 दिसंबर से शुरू होने वाले मकरविलक्कू तीर्थयात्रा के लिए सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए वर्चुअल कतार लगेगी. इसके लिए सोमवार शाम पांच बजे से ऑनलाइन बुकिंग की शुरुआत हो गई है. 'मकरविलक्कू' 14 जनवरी को पड़ेगा.
प्रबंधन के मुताबिक, सबरीमाला आने के इच्छुक तीर्थयात्री सात जनवरी तक दर्शन के लिए वर्चुअल कतार में स्लॉट आरक्षित कर सकते हैं. मकरविलक्कू के दौरान प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों के दर्शन का इंतजाम किया गया है.
मकरविलक्कू सीजन के दौरान प्रतिदिन वर्चुअल कतार प्रणाली के माध्यम से बुकिंग के बाद मंदिर में दर्शन किए जा सकेंगे. इस अवधि में दर्शन के लिए पहुंचने वाले सभी तीर्थयात्रियों को मंदिर में रिपोर्टिंग के समय से 48 घंटे के भीतर कोरोना परीक्षण अनिवार्य होगा.
कोरोना नेगेटिव प्रमाण-पत्र होने पर ही दर्शन किया जा सकेगा. तीर्थयात्रियों को आरटी पीसीआर परीक्षण से गुजरना होगा. नीलकमल में कोविड परीक्षणों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
26 दिसंबर को संपन्न हुई मंडल पूजा
इससे पहले प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में बीते 26 दिसंबर को मंडल पूजा संपन्न हुई. इसी के साथ 62 दिनों की वार्षिक तीर्थ यात्रा का पहला चरण संपन्न हुआ था. कोरोना वायरस की महामारी के चलते जारी सख्त दिशानिर्देशों के बीच केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अय्यप्पा के मंदिर में पवित्र मंडल पूजा संपन्न हुआ.
हर साल इस पूजा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु घंटों पहले से कतार बनाकर खड़े होते थे, लेकिन कोविड-19 के चलते लागू पाबंदियों की वजह से इस साल मामूली भीड़ ही पूजा के समय मौजूद थी.
पहाड़ी के शिखर पर स्थित मंदिर में मौजूद भक्त विशेष पूजा और 'कलभ अभिषेकम' और 'कलश अभिषेकम' सहित धार्मिक अनुष्ठानों का दर्शन करने के लिए संयम से इंतजार कर रहे थे और इस दौरान 'स्वामी ए शरणम अय्यप्पा' का मंत्र जाप कर रहे थे.
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मंडल पूजा प्रमुख पुजारियों के संरक्षक कंडारु राजीवरु और मेलशांति (सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी) वीके जयराज पोट्टी के नेतृत्व में हुई और इस दौरान श्रद्धालु भगवान अय्यप्पा के भक्ति गीत गा रहे थे.
इस पूजा के लिए भगवान अय्यप्पा विशेष स्वर्ण पोशाक 'तंका अंगी' धारण किए हुए थे, जिसे शुक्रवार शाम को आनुष्ठानिक शोभायात्रा के जरिए अर्णमुला स्थित श्री पार्थसार्थी मंदिर से लाया गया था.