करनाल : देशभर में प्याज़ की कीमतें आसमान छू रही है. ऐसे में आम आदमी काफी ज्यादा परेशान है. लेकिन अगर आपकी भी थाली में महंगी प्याज़ है तो घबराने की जरूरत नहीं है. बहुत जल्द आपको मार्केट में सस्ता प्याज़ देखने को मिलेगा. दरअसल प्याज़ की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगने वाली है क्योंकि मार्केट में आने वाला है खरीफ प्याज़ जिससे महंगे प्याज़ की कीमत में गिरावट देखने को मिलेगी.
ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग तकनीक का फायदा : करनाल के नीलोखेड़ी किसान उत्पादक समूह के अध्यक्ष डॉ. सरदार सिंह ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि नाबार्ड की मदद से किसानों ने मेहनत कर प्रदेश में पहली बार ड्रिप और मल्चिंग तकनीक से खरीफ की प्याज़ तैयार की है. खरीफ प्याज़ की फसल हरियाणा में सिर्फ नूंह, मेवात और रेवाड़ी में होती है जहां फ्लड इरीगेशन के जरिए इसे तैयार किया जाता है. इस तकनीक से प्याज में फंगस और भूमि कटाव का काफी ख़तरा होता है. इसी के चलते देखा गया है कि कई दफा किसानों की काफी फसल बर्बाद भी हो गई है. वहीं ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग तकनीक से तैयार की गई प्याज़ की फसल उसमें लगने वाली बीमारियों से मुक्त होती है और इससे प्याज़ का उत्पादन भी काफी ज्यादा होता है. साथ ही किसान इसके साथ बैंगन और शिमला मिर्च समेत सब्ज़ी की बाकी फसल भी ले सकते हैं.
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क्या कहते हैं किसान ? : वहीं किसानों ने बताया कि इन दिनों रबी सीज़न का प्याज़ मार्केट में ख़त्म हो जाता है, जिससे प्याज़ की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ जाती है और मार्केट में इसकी प्राइज़ 70 से 100 रुपये तक पहुंच जाती हैं. ऐसे में खरीफ सीजन का प्याज़ 35 से 40 रुपये तक बाज़ार में मिल जाता है. किसानों को भी बेचने पर ज्यादा भाव मिलता है, वहीं लोगों की थाली में भी सस्ता प्याज़ पहुंचता है.
प्याज़ के किसानों को ज्यादा फायदा : नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक कुशलदीप बताते हैं कि हरियाणा और केंद्र सरकार की कोशिश है कि खेती में वैरायटी को बढ़ावा देते हुए न्यूनतम पानी का इस्तेमाल हो. ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग तकनीक के नतीजे काफी अच्छे आ रहे हैं. प्याज़ के किसानों को धान और गेहूं के किसानों के मुकाबले ज्यादा फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बाकी किसानों को भी मदद देने के लिए नाबार्ड तैयार है.