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कोरोना लॉकडाउन के एक साल पूरे, जानिए कैसे बदली उपभोक्ताओं के लिए तकनीक - tech program

भारत में कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के एक साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों के अंदर रहने के लिए मजबूर थे. कई कारोबार, उद्योग, धन्धें बंद होने की कगार पर आ गए थे. कोविड-19 व्यापार जगत के लिए अच्छी खबर नहीं थी लेकिन टेक इंडस्ट्री लॉकडाउन के समय में काफी विकसित हुआ. कारोबार की तुलना में टेक कंपनीयां काफी दुरुस्त हुई है. लॉकडाउन के दौरान तकनीकी में बदलाव और विकास काफी अहम माना जा रहा है, तो आइए जानते हैं कि टेक इंडस्ट्री में कितना विकास और बदलाव आया...

भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के एक साल पूरे
भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के एक साल पूरे
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Published : Mar 29, 2021, 12:08 PM IST

हैदराबाद : भारत में कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के एक साल पूरे हो गए हैं. लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों के अंदर रहने के लिए मजबूर थे. कई कारोबार, उद्योग, धन्धें बंद होने की कगार पर आ गए थे. कोविड-19 व्यापार के लिए अच्छी खबर नहीं थी लेकिन टेक इंडस्ट्री लॉकडाउन के समय में काफी विकसित हुआ. कारोबार की तुलना में टेक कंपनियां काफी दुरुस्त हुई है.

फोन और लैपटॉप की मांग पहले की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ गई. आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप के जरिए व्यावहारिक रूप से लगभग सभी व्यवसाय चलाए जा रहे हैं. लगभग एक दशक का डिजिटल परिवर्तन एक साल (365 दिनों) में हुआ है. साल 2020 टेक इंडस्ट्री के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है, इस दौरान तकनीकी क्षेत्र में विकास और नए बदलाओं को साफ तौर पर देखा जा सकता है. लॉकडाउन के एक साल पूरे होने पर, आइए एक नज़र डालते हैं कि तकनीकी क्षेत्र में कैसे गैजेट्स प्रभावित हुए हैं.

टीवी की बढ़ती कीमतें

भारत में टेलीविजन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, और उन्हें अगली दो तिमाहियों तक बढ़ने की उम्मीद है. शाओमी जैसी कंपनियों ने पहले ही खुले बाजार में एमआई टीवी की कीमतों को बढ़ा दिया है, जो टेलीविजन बनाने की लागत का लगभग 70% है. इसलिए अगर आप टेलीविजन खरीदने की सोच रहे हैं तो अच्छा होगा कि अपनी पसंद की कोई भी टीवी खरीद लें, क्योंकि इस साल में दिसंबर माह से पहले टीवी की कीमतों में कमी देखने की उम्मीद कम है.

स्मार्टफोन लॉन्च में देरी

लॉकडाउन के दौरान एप्पल अपने प्रोडक्शन टारगेट को पूरा नहीं कर पाया. कंपनी को पिछले साल अपने आईफोन-12 सीरीज के लॉन्च में भी देरी करनी पड़ी थी, लेकिन फिर भी इसके उत्पादों में बेहतरी आई है. इसी तरह, पिछले साल के दौरान गूगल, शाओमी जैसी कई अन्य कंपनियों ने उत्पादन में रुकावट का सामना किया और उत्पादों को बाजार में सप्लाई करने में भी समस्या हुई जिसकी वजह से उम्मीद की तुलना में काफी देरी से नए स्मार्ट फोन लॉंच किए गए.

लेकिन पहले की तुलना में अब रेडमी नोट-10 प्रो सीरीज, रियलमी की एक्स-7 सीरीज जैसे अन्य स्मार्ट फोन बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं. एप्पल के नए आई-फोन, सैमसंग और दूसरी अन्य कंपनियों के फोल्डेबल फोन जून माह के बाद जल्द ही बाजार में देखने को मिल सकते हैं.

भारत में आईफोन के दामों में गिरावट

नए आईफोन-12 सीरीज के लॉन्च के बाद एप्पल फोन के उत्पादन में आई देरी की वजह से एप्पल के पुराने आईफोन के दाम काफी सस्ते हो गए, जिसकी वजह से वे भारत में कंपनी के शेयर का हिस्सा ले रहे हैं. यह भारतीय खरीदारों के लिए अच्छी खबर है कि अब वो आसानी से एप्पल बैंडवागन पर ले सकते हैं. भारत में आईफोन एसई और आईफोन 11 सीरीज बेहद लोकप्रिय हैं और इससे एप्पल को अपने बाजार में हिस्सेदारी दोगुनी करने में मदद मिली है.

नए स्मार्टफोन की रेस में सैमसंग निकला आगे

एप्पल फोन के उत्पादन में आई देरी की वजह से सैमसंग के फोन साल 2020 के अंत में ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन साबित हुआ है. सैमसंग कंपनी नए स्मार्टफोन की रेस में थोड़ा आगे निकल गया. सैमंग कंपनी ने जनवरी में सबसे अच्छी 'गैलेक्सी एस-21' सीरीज़ को जनवरी माह में लॉन्च किया. सैमसंग के फोन आमतौर पर मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एसडब्ल्यूसी) से ठीक पहले मार्च में लॉन्च होते हैं, लेकिन सैमसंग कंपनी ने लॉकडाउन का इस्तेमाल स्मार्टफोन की रेस में आगे बढ़ने के लिए किया. उम्मीद जताई जा रही है कि सैमसंग इस साल गैलेक्सी-जेड फ्लिप और गैलेक्सी-जेड फोल्ड स्मार्टफोन के नए सीरीज ला सकती है.

स्मार्टबैंड से लेकर स्मार्टवॉच तक

लॉकडाउन से पहले, भारत का स्मार्टबैंड बाजार हर साल लाखों फिटनेस बैंड के साथ फल-फूल रहा था लेकिन शाओमी और रियलमी जैसी कंपनियों के स्मार्चवॉच ने लोगों को काफी आकर्षित किया. जिसकी वजह से लोग स्मार्टबैंड की बजाय स्मार्टवॉच काफी पसंद कर रहे हैं. इन कंपनियों ने स्मार्टवॉच को काफी सस्ते दामों में लॉन्च किया. आज लगभग चार हजार रुपयें में बेहतर स्मार्टवॉच मिल जाएंगे.

वर्चुअल कार्यक्रम को मिल रहा है बढ़ावा

मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एसडब्ल्यूसी) प्रत्येक वर्ष की सबसे बड़ी आयोजित किए जाने वाली 'टेक इवेंट' है. इस साल एसडब्ल्यूसी टेक इवेंट वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की जाएगी. जनवरी 2021 माह में टेक इवेंट कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीईएस) भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की गई थी. एसडब्ल्यूसी का आयोजन पिछले साल लॉकडाउन की वजह से नहीं हो पाया था. दुनिया भर में संक्रमण की दूसरी लहर का खौफ बढ़ रहा है, इसकी वजह से यह संभावना है कि इस साल टेक्नोलॉजी से जुड़े तमाम कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही आयोजित किए जाएंगे.

हैदराबाद : भारत में कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के एक साल पूरे हो गए हैं. लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों के अंदर रहने के लिए मजबूर थे. कई कारोबार, उद्योग, धन्धें बंद होने की कगार पर आ गए थे. कोविड-19 व्यापार के लिए अच्छी खबर नहीं थी लेकिन टेक इंडस्ट्री लॉकडाउन के समय में काफी विकसित हुआ. कारोबार की तुलना में टेक कंपनियां काफी दुरुस्त हुई है.

फोन और लैपटॉप की मांग पहले की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ गई. आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप के जरिए व्यावहारिक रूप से लगभग सभी व्यवसाय चलाए जा रहे हैं. लगभग एक दशक का डिजिटल परिवर्तन एक साल (365 दिनों) में हुआ है. साल 2020 टेक इंडस्ट्री के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है, इस दौरान तकनीकी क्षेत्र में विकास और नए बदलाओं को साफ तौर पर देखा जा सकता है. लॉकडाउन के एक साल पूरे होने पर, आइए एक नज़र डालते हैं कि तकनीकी क्षेत्र में कैसे गैजेट्स प्रभावित हुए हैं.

टीवी की बढ़ती कीमतें

भारत में टेलीविजन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, और उन्हें अगली दो तिमाहियों तक बढ़ने की उम्मीद है. शाओमी जैसी कंपनियों ने पहले ही खुले बाजार में एमआई टीवी की कीमतों को बढ़ा दिया है, जो टेलीविजन बनाने की लागत का लगभग 70% है. इसलिए अगर आप टेलीविजन खरीदने की सोच रहे हैं तो अच्छा होगा कि अपनी पसंद की कोई भी टीवी खरीद लें, क्योंकि इस साल में दिसंबर माह से पहले टीवी की कीमतों में कमी देखने की उम्मीद कम है.

स्मार्टफोन लॉन्च में देरी

लॉकडाउन के दौरान एप्पल अपने प्रोडक्शन टारगेट को पूरा नहीं कर पाया. कंपनी को पिछले साल अपने आईफोन-12 सीरीज के लॉन्च में भी देरी करनी पड़ी थी, लेकिन फिर भी इसके उत्पादों में बेहतरी आई है. इसी तरह, पिछले साल के दौरान गूगल, शाओमी जैसी कई अन्य कंपनियों ने उत्पादन में रुकावट का सामना किया और उत्पादों को बाजार में सप्लाई करने में भी समस्या हुई जिसकी वजह से उम्मीद की तुलना में काफी देरी से नए स्मार्ट फोन लॉंच किए गए.

लेकिन पहले की तुलना में अब रेडमी नोट-10 प्रो सीरीज, रियलमी की एक्स-7 सीरीज जैसे अन्य स्मार्ट फोन बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं. एप्पल के नए आई-फोन, सैमसंग और दूसरी अन्य कंपनियों के फोल्डेबल फोन जून माह के बाद जल्द ही बाजार में देखने को मिल सकते हैं.

भारत में आईफोन के दामों में गिरावट

नए आईफोन-12 सीरीज के लॉन्च के बाद एप्पल फोन के उत्पादन में आई देरी की वजह से एप्पल के पुराने आईफोन के दाम काफी सस्ते हो गए, जिसकी वजह से वे भारत में कंपनी के शेयर का हिस्सा ले रहे हैं. यह भारतीय खरीदारों के लिए अच्छी खबर है कि अब वो आसानी से एप्पल बैंडवागन पर ले सकते हैं. भारत में आईफोन एसई और आईफोन 11 सीरीज बेहद लोकप्रिय हैं और इससे एप्पल को अपने बाजार में हिस्सेदारी दोगुनी करने में मदद मिली है.

नए स्मार्टफोन की रेस में सैमसंग निकला आगे

एप्पल फोन के उत्पादन में आई देरी की वजह से सैमसंग के फोन साल 2020 के अंत में ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन साबित हुआ है. सैमसंग कंपनी नए स्मार्टफोन की रेस में थोड़ा आगे निकल गया. सैमंग कंपनी ने जनवरी में सबसे अच्छी 'गैलेक्सी एस-21' सीरीज़ को जनवरी माह में लॉन्च किया. सैमसंग के फोन आमतौर पर मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एसडब्ल्यूसी) से ठीक पहले मार्च में लॉन्च होते हैं, लेकिन सैमसंग कंपनी ने लॉकडाउन का इस्तेमाल स्मार्टफोन की रेस में आगे बढ़ने के लिए किया. उम्मीद जताई जा रही है कि सैमसंग इस साल गैलेक्सी-जेड फ्लिप और गैलेक्सी-जेड फोल्ड स्मार्टफोन के नए सीरीज ला सकती है.

स्मार्टबैंड से लेकर स्मार्टवॉच तक

लॉकडाउन से पहले, भारत का स्मार्टबैंड बाजार हर साल लाखों फिटनेस बैंड के साथ फल-फूल रहा था लेकिन शाओमी और रियलमी जैसी कंपनियों के स्मार्चवॉच ने लोगों को काफी आकर्षित किया. जिसकी वजह से लोग स्मार्टबैंड की बजाय स्मार्टवॉच काफी पसंद कर रहे हैं. इन कंपनियों ने स्मार्टवॉच को काफी सस्ते दामों में लॉन्च किया. आज लगभग चार हजार रुपयें में बेहतर स्मार्टवॉच मिल जाएंगे.

वर्चुअल कार्यक्रम को मिल रहा है बढ़ावा

मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एसडब्ल्यूसी) प्रत्येक वर्ष की सबसे बड़ी आयोजित किए जाने वाली 'टेक इवेंट' है. इस साल एसडब्ल्यूसी टेक इवेंट वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की जाएगी. जनवरी 2021 माह में टेक इवेंट कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीईएस) भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित की गई थी. एसडब्ल्यूसी का आयोजन पिछले साल लॉकडाउन की वजह से नहीं हो पाया था. दुनिया भर में संक्रमण की दूसरी लहर का खौफ बढ़ रहा है, इसकी वजह से यह संभावना है कि इस साल टेक्नोलॉजी से जुड़े तमाम कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही आयोजित किए जाएंगे.

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