श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में हुई दो अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक आत्मघाती हमलवार भी शामिल है. पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इसके साथ ही इस साल अब तक मारे गए आतंकवादियों की संख्या 133 हो गई है.
पुलिस ने बताया कि श्रीनगर में मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी को शहर में आत्मघाती हमला करने का काम सौंपा गया था और वह आतंकवादी संगठन मुजाहिदीन गजवातुल हिंद का सदस्य था. वहीं, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एक मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकवादियों में से एक हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) का जिला कमांडर था.
उन्होंने बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर में कुल 133 आतंकवादी मारे गए हैं जिनमें से कई शीर्ष कमांडर शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि श्रीनगर में मारा गया आतंकवादी फरवरी 2019 में पुलवामा के लेथपोरा में हुए आत्मघाती हमले के एक आरोपी का रिश्तेदार था, जिसमें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि संभावित आतंकवादी हमले और श्रीनगर के बेमिना इलाके में आतंकवादियों की गतिविधि की खुफिया सूचना मिली थी जिसके आधार पर जांच चौकी स्थापित की गई और बृहस्पतिवार को आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया गया.
उन्होंने बताया, इस बीच, आतंकवादियों ने बुंद बेमिना में बनाई गई जांच चौकी पर हमला किया जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई. प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड में मुजाहिदीन गजवातुल हिंद का एक आतंकवादी मारा गया है और मुठभेड़ स्थल से उसका शव बरामद किया गया है.
उन्होंने बताया, मारे गए आतंकवादी की पहचान आमिर रियाज के तौर पर की गई है जो पम्पोर के खेरू का रहने वाला था और फरवरी 2019 में पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने के एक आरोपी का रिश्तेदार था. पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे.
प्रवक्ता ने कहा, शुरुआती जांच में संकेत मिला है कि रियाज को उसी तरह के आत्मघाती हमले करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उसके मोबाइल से बरामद डिजिटल सूबत से पता चला है कि उसे संगठन ने आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया था.
इस बीच, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में रातभर चली मुठभेड़ में जिला कमांडर सहित हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए हैं.
उल्लेखनीय है कि कुलगाम जिले के चावलागाम इलाके स्थित चांचर गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया, तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली. उन्हें आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया. लेकिन उन्होंने संयुक्त सुरक्षा दल पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. संयुक्त टीम ने आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका बचाव किया और सुरक्षित स्थानों पर भेजा. इसके बाद जवाबी कार्रवाई की जिससे मुठभेड़ शुरू हुई.
उन्होंने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया लेकिन अंधेरा होने की वजह से अभियान को रात में रोक दिया गया. प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को तड़के छिपे हुए आतंकवादी को आत्मसमर्पण कराने के लिए बार-बार घोषणा की गई थी, लेकिन उसने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद की गई जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया.
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उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से मारे गए दोनों आतंकवादियों के शव बरामद किए गए हैं. उनमें से एक की पहचान हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर शिराज अहमद उर्फ शिराज मौलवी के तौर पर की गई है जो सौउच कुलगाम का रहने वाला था जबकि दूसरे आतंकवादी की पहचान कुलगाम के ही पोनीपोरा निवासी यावर अहमद भट के तौर पर की गई है.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मारे गए आतंकवादी प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे और सुरक्षा बलों और आम नागरिकों पर हमले सहित कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे.
उन्होंने बताया कि शिराज अहमद 'ए++' श्रेणी का आतंकवादी था और वर्ष 2016 से ही सक्रिय था. उसका नाम वांछित आतंकवादियों की सूची में था. प्रवक्ता ने बताया, वह भोलेभाले युवकों को आतंकवादी संगठन में भर्ती करने और कुलगाम के देवसर और ब्रजलू इलाके में राजनीतिक कार्यकर्ताओं सहित आम नागरिकों की हत्या कर आतंक फैलाने का जिम्मेदार था. उसके खिलाफ विभिन्न आतंकवादी हमलों को लेकर 15 प्राथमिकी दर्ज थी.
उन्होंने बताया कि कुलगाम मुठभेड़ स्थल से अपराध में संलिप्तता से जुड़ी सामग्री और एके राइफल और पिस्तौल सहित गोला-बारूद बरामद किया गया है. बेमिना मुठभेड़ स्थल से भी एके राइफल बरामद की गई है.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने दोनों मुठभेड़ों को पेशेवर तरीके से अंजाम देने और सबसे वांछित सहित तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए संयुक्त टीम को बधाई दी.
(पीटीआई-भाषा)