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Omar Welcomes Ladakh Hill Council Elections : उमर अब्दुल्ला ने लद्दाख हिल परिषद चुनाव पर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लद्दाख हिल परिषद चुनाव को लेकर दिए फैसले का नेतां नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हमें हमारा चुनाव चिन्ह हल दे दिया है.

Omar Abdullah
नेतां नेता उमर अब्दुल्ला
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 2:48 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 3:12 PM IST

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने पार्टी को 'हल' चिह्न आवंटित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बुधवार को स्वागत किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और लद्दाख प्रशासन ने नेकां उम्मीदवारों को उनके अधिकार से वंचित करने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन अदालत ने इसे भांप लिया. उमर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, 'जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को वह फैसला मिला, जो हम चाहते थे और जिसके हम हकदार थे. आज माननीय शीर्ष अदालत ने हमें हमारा चुनाव चिह्न 'हल' दे दिया.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पूरी तरह से पक्षपाती लद्दाख प्रशासन की मदद से हमें हमारे अधिकार से महरूम करने की हर मुमकिन कोशिश की. उन्होंने कहा, 'अदालत ने इस पर गौर किया और प्रशासन पर एक लाख का जुर्माना लगाया. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस करगिल को बधाई और उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत के सामने शानदार पैरवी करने के लिए शरीक रियाज का बहुत-बहुत शुक्रिया.'

  • .@JKNC_ got the verdict we wanted & deserved. Our symbol, the plough, has been given to us by the Hon Supreme Court earlier this morning. The BJP, ably assisted by a totally biased Ladakh administration, did everything possible to deny us our right. The court saw through this &…

    — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उच्चतम न्यायालय ने लद्दाख हिल परिषद चुनाव के संबंध में निर्वाचन विभाग की पांच अगस्त की अधिसूचना बुधवार को रद्द कर दी और सात दिन के भीतर नयी अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने नेकां को 'हल' चिह्न आवंटित करने का विरोध करने वाली लद्दाख प्रशासन की याचिका भी खारिज कर दी और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने नेकां उम्मीदवारों को पार्टी के चिह्न पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी), करगिल का आगामी चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाले एकल पीठ के आदेश के खिलाफ लद्दाख प्रशासन की याचिका खारिज कर दी थी.

प्रशासन ने नौ अगस्त के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का रुख किया था, जिसने नेकां को चुनाव के लिए पहले से आवंटित चिह्न 'हल' को अधिसूचित करने के लिए लद्दाख प्रशासन के निर्वाचन विभाग के कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया था. पांच अगस्त को निर्वाचन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 30 सदस्यीय एलएएचडीसी, करगिल की 26 सीटों के लिए मतदान 10 सितंबर को होना था, जबकि वोटों की गिनती के लिए चार दिन बाद की तारीख निर्धारित की गई थी.

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(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने पार्टी को 'हल' चिह्न आवंटित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का बुधवार को स्वागत किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और लद्दाख प्रशासन ने नेकां उम्मीदवारों को उनके अधिकार से वंचित करने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन अदालत ने इसे भांप लिया. उमर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, 'जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को वह फैसला मिला, जो हम चाहते थे और जिसके हम हकदार थे. आज माननीय शीर्ष अदालत ने हमें हमारा चुनाव चिह्न 'हल' दे दिया.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पूरी तरह से पक्षपाती लद्दाख प्रशासन की मदद से हमें हमारे अधिकार से महरूम करने की हर मुमकिन कोशिश की. उन्होंने कहा, 'अदालत ने इस पर गौर किया और प्रशासन पर एक लाख का जुर्माना लगाया. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस करगिल को बधाई और उच्च न्यायालय और शीर्ष अदालत के सामने शानदार पैरवी करने के लिए शरीक रियाज का बहुत-बहुत शुक्रिया.'

  • .@JKNC_ got the verdict we wanted & deserved. Our symbol, the plough, has been given to us by the Hon Supreme Court earlier this morning. The BJP, ably assisted by a totally biased Ladakh administration, did everything possible to deny us our right. The court saw through this &…

    — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उच्चतम न्यायालय ने लद्दाख हिल परिषद चुनाव के संबंध में निर्वाचन विभाग की पांच अगस्त की अधिसूचना बुधवार को रद्द कर दी और सात दिन के भीतर नयी अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने नेकां को 'हल' चिह्न आवंटित करने का विरोध करने वाली लद्दाख प्रशासन की याचिका भी खारिज कर दी और उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने नेकां उम्मीदवारों को पार्टी के चिह्न पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी), करगिल का आगामी चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाले एकल पीठ के आदेश के खिलाफ लद्दाख प्रशासन की याचिका खारिज कर दी थी.

प्रशासन ने नौ अगस्त के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का रुख किया था, जिसने नेकां को चुनाव के लिए पहले से आवंटित चिह्न 'हल' को अधिसूचित करने के लिए लद्दाख प्रशासन के निर्वाचन विभाग के कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया था. पांच अगस्त को निर्वाचन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 30 सदस्यीय एलएएचडीसी, करगिल की 26 सीटों के लिए मतदान 10 सितंबर को होना था, जबकि वोटों की गिनती के लिए चार दिन बाद की तारीख निर्धारित की गई थी.

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(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 6, 2023, 3:12 PM IST
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