नागौर. नागौर में पूर्व राज्यसभा सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम (Om Mathur controversial statement) माथुर ने एक बड़ा बयान दे दिया. माथुर ने कहा कि उनके करीबियों की टिकट तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं काट सकते हैं. दरअसल, माथुर जिले के परबतसर विधानसभा क्षेत्र में जन आक्रोश रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे. अपने संबोधन के क्रम में उन्होंने ये बयान दे (BJP Jan Aakrosh Yatra in Nagaur) दिया. माथुर ने कहा कि वो जिसका टिकट एक बार फाइनल कर देंगे, उसका टिकट स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र भी नहीं काट सकते हैं. वो जहां एक बार खूंटा गाड़ देते हैं उसके बाद उसे कोई भी नहीं हिला सकता है. उनके खुले मंच से इस बयानबाजी के बाद प्रदेश भाजपा में आक्रोश पैदा हो गया है.
ओम माथुर यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि चाहे लिस्ट जयपुर से जाए या दिल्ली से आए. उनके खूंटा गाड़ने के बाद उसे कोई नहीं हिला सकता है. ओम माथुर के इस बयान को लेकर (Politics heats up on Om Mathur statement) भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं में आक्रोश पैदा हो गया. खुले मंच से माथुर के इस बयान के कई मायने निकाले जाने लगे हैं. साथ ही उनके इस बयानबाजी का विरोध भी भी शुरू हो चुका है. इतना ही नहीं उनका बयान एक वीडियो के जरिए सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. जिसका सीधा असर पीएम मोदी और भाजपा की छवि पर भी पड़ रहा है.
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वर्तमान में ओम माथुर केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं और वो लगातार बयानबाजी करते आ रहे हैं. वहीं, इससे पहले मंगलवार को ही उन्होंने सीएम फेस को लेकर भी बयान दिया (Om Mathur statement went viral on social media) था. उन्होंने कहा था कि उन्हें (Rajasthan Assembly Election 2023) लगता है कि पार्टी बड़ी है और किसी के मन में कहीं न कहीं आकांक्षा रहती ही है, कहीं ऐसा दृश्य आएगा, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और पार्टी जो भी निर्णय करेगी हर कार्यकर्ता वही निर्णय मानकर आगे चलेगा.
मालूम हो कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में होने हैं, जहां भाजपा में सीएम फेस को लेकर सियासी खींचतान चल रही है. पार्टी नेता आलाकमान का हवाला देते हुए कह रहे हैं कि चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा. बता दें कि राजस्थान के सियासी इतिहास में ओम माथुर को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है. वहीं, माथुर ने हाल में दो दिन पहले ही सीएम फेस को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उसका फैसला केंद्रीय संसदीय बोर्ड करेगा. इससे पहले माथुर ने कहा था कि वह सीएम की रेस में शामिल नहीं है.