काबुल : आर्थिक तंगी से गुजर रहे अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने और अंतरराष्ट्रीय साझीदारों के साथ कॉर्डिनेशन के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने काबुल में अपना एक ऑफिस खोला है. इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने रविवार को एक ट्वीट के जरिये बताया कि मोहम्मद सईद अल-आयश को ओआईसी के अफगानिस्तान ऑफिस का डायरेक्टर बनाया गया है. यह ऑफिस चार मार्च को खोला गया था. ओआईसी के अनुसार, इस ऑफिस के जरिये मानवीय सहायता के लिए उन प्रस्तावों को लागू किया जाएगा, जिस पर ओपेक देशों के मंत्रियों की बैठक में फैसला हुआ था. अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के लिए पाकिस्तान में एक बैठक हुई थी, जिसमें इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक की मदद से मानवीय ट्रस्ट फंड स्थापित करने का मसौदा प्रस्ताव पारित किया गया था. तब ओआईसी ने इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक (IDB) से अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता के प्रावधान में तेजी लाने के लिए 2022 की पहली तिमाही तक ट्रस्ट फंड का संचालन करने का आग्रह किया था.
बता दें कि तालिबान शासन से पहले अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मदद पर टिकी थी. पुरानी अफगान सरकार का 80 फीसदी बजट खर्च विदेशी मदद से चलता था. तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन समेत ज्यादातर देशों ने अफगानिस्तान में अपने मिशन बंद कर दिए हैं. तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता में आए लगभग छह महीने का वक्त हो चुका है. लेकिन अभी तक इसे मान्यता नहीं मिल पाई है. मान्यता नहीं मिलने से विदेशी मदद का प्रवाह रुक गया है. युद्धग्रस्त देश को खाद्य संकट जैसी उभरती चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने उसे मानवीय आधार पर 50 हज़ार टन गेहूं भेजने का ऐलान किया था. जिसमें से 2,500 टन गेहूं पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान पहुंच चुका है.
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