नई दिल्ली : हमारे देश में हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है. इसी दिन संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी, क्योंकि यही एक ऐसी भाषा है, जो भारत के अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर लोगों के द्वारा बोली जाती है. इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया. इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाने का काम शुरु हुआ. इसके लिए नराकास का गठन किया गया है, जो राजभाषा के प्रचार प्रसार के लिए काम करता है.
क्या है नराकास (Meaning Of Narakas)
नगर की राजभाषा कार्यान्वयन समितियों ( Official Language Implementation Committees) को संक्षिप्त में 'नराकास' कहा जाता है. देश में राजभाषा विभाग के अनुसार देश के उन सभी नगरों में जहां केंद्रीय सरकार के 10 या इससे अधिक कार्यालय हों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया जा सकता है. समिति का गठन राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर भारत सरकार के सचिव (राजभाषा) की अनुमति से किया जाता है.
इन समितियों की अध्यक्षता नगर विशेष में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों या बैंकों आदि के वरिष्ठतम अधिकारियों में से किसी एक के द्वारा की जाती है. अध्यक्ष को राजभाषा विभाग द्वारा नामित किया जाता है. नामित किए जाने से पूर्व प्रस्तावित अध्यक्ष से समिति की अध्यक्षता के संबंध में लिखित सहमति प्राप्त की जाती है.
नराकास में नगर में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि के सदस्य अनिवार्य रूप से इस समिति के सदस्य होते हैं. उनके वरिष्ठतम अधिकारियों (प्रशासनिक प्रधानों) से यह अपेक्षा की जाती है कि वे समिति की बैठकों में नियमित रूप से भाग लें. इसके साथ ही समिति के सचिवालय के संचालन के लिए समिति के अध्यक्ष द्वारा अपने कार्यालय से अथवा किसी सदस्य कार्यालय से एक हिंदी विशेषज्ञ को उसकी सहमति से समिति का सदस्य-सचिव मनोनीत किया जाता है. अध्यक्ष की अनुमति से समिति के कार्यकलाप सदस्य-सचिव द्वारा किए जाते हैं.
नराकास की इन समितियों की वर्ष में दो बैठकें आयोजित की जाती हैं. प्रत्येक समिति की बैठकें आयोजित करने के लिए राजभाषा विभाग द्वारा एक कैलेंडर रखा जाता है, जिसमें प्रत्येक समिति की बैठक हेतु एक निश्चित महीना निर्धारित किया जाता है. इन बैठकों के आयोजन संबंधी सूचना समिति के गठन के समय दी जाती है और निर्धारित महीनों में समिति को अपनी बैठकें करनी होती हैं.
नराकास का उद्देश्य यह होता है कि केंद्रीय सरकार के देश भर में फैले हुए कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक संयुक्त मंच की आवश्यकता महसूस की गई, ताकि वे मिल बैठकर सभी कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि से चर्चा कर सकें.
देश में कुल 527 नराकास गठित हैं जो इसके लिए काम करते हैं. इसके सदस्य मिल बैठकर सभी कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि से चर्चा करके राजभाषा के विकास के लिए काम करते हैं.
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