बीरभूम: जिला प्रशासन ने दुखद कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना में मारे गए लोगों की पहचान के लिए पीड़ितों के परिजनों को ओडिशा भेजा है. जिले में चार लोगों की मौत हो चुकी है. डीएनए परीक्षण की मदद से शवों की पहचान की जाएगी. बीरभूम जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त कोरोमंडल एक्सप्रेस में बीरभूम से 25 यात्री सवार थे.
इनमें अधिकांश यात्री प्रवासी श्रमिक थे. वे सभी काम के सिलसिले में चेन्नई जा रहे थे. हादसे में से दो घायल हो गए और उनका बालासोर के अस्पतालों में इलाज चल रहा है जबकि दो लोग लापता हैं. दुबराजपुर की आरती बागड़ी नाम की महिला की मौत हो गई. जिला प्रशासन की पहल पर उसका शव लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया. बाद में तीन और की मौत हो गई.
पैकर थाने के करमपुर गांव में सनाउल शेख, रफीकुल शेख और शांता शेख की मौत हो गई. उनके शवों को वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है. बीरभूम के शांतिनिकेतन थाने के नवलडांगा तूफान कोरा और सिउरी शहर का लबलू मल अभी भी लापता है. जिला प्रशासन ने शवों की शिनाख्त के लिए उनके परिजनों को डीएनए जांच के लिए ओडिशा भेजा है. उनके डीएनए का ओडिशा में परीक्षण किया जाएगा और शवों के डीएनए से मिलान किया जाएगा.
बता दें कि शुक्रवार शाम ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है. कम से कम 900 लोग घायल हो गए, जिनमें से 56 गंभीर रूप से घायल हो गए. रूस और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने दिवंगत आत्माओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की. बीरभूम के जिलाधिकारी बिधान रॉय ने कहा, 'जिले में अभी भी दो लोग लापता हैं. उनके परिवारों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया है.'