हैदराबाद : भारत में कोवैक्सीन के चरण 1 और चरण 2 के नैदानिक परीक्षणों में लगभग 1,000 विषयों का मूल्यांकन किया गया है. अध्ययन के दौरान आशाजनक सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी डेटा भी देखा गया. वर्तमान में कोवैक्सीन का भारत में तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण किया जा रहा है.
LOI के अनुसार Ocugen के पास वैक्सीन उम्मीदवार के लिए अमेरिकी अधिकार होंगे. Ocugen भारत बायोटेक के सहयोग से, अमेरिकी बाजार के लिए नैदानिक विकास, पंजीकरण और व्यावसायीकरण के लिए जिम्मेदार होगा.
दोनों कंपनियों ने सहयोग करना शुरू कर दिया है और अगले कुछ हफ्तों में निश्चित समझौते के विवरण को अंतिम रूप देगी. दोनों कंपनियों के बीच इस सहयोग से Ocugen को अपनी वैक्सीन विशेषज्ञता, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और अमेरिका में विनियामक क्षमताओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी.
इसके अलावा भारत बायोटेक ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन कोवाक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए 13,000 स्वयंसेवकों की भर्ती की है.
कंपनी ने बताया कि इस चरण के लिए वह विभिन्न स्थानों से कुल 26,000 लोगों की भर्ती करेगी.
भारत बायोटेक ने एक बयान में बताया कि पहले और दूसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षणों में लगभग 1,000 लोगों पर कोवाक्सिन के असर की जांच की गई थी.
भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से यह वैक्सीन देश में ही विकसित की है.
कंपनी के अनुसार वैक्सीन को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 संयंत्र में विकसित और विनिर्मित किया गया है.
भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने कहा कि यह भारत में होने वाला एक अभूतपूर्व वैक्सीन परीक्षण है और कंपनी लगातार प्रगति से उत्साहित हैं.
कंपनी ने तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण नवंबर के मध्य में शुरू किया था.