हैदराबाद: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले की विशेष नवजात देखभाल इकाई (Special Newborn Care Unit) के चिकित्सकों एवं नर्सों ने समय से पहले जन्मे शिशु को न सिर्फ नया जीवन दिया है बल्कि एक मां को नई उम्मीद भी दी है. अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों ने इस नवजात को बचाने के लिए जी जान लगा दी और पिछले 112 दिनों की देखरेख के बाद मात्र 600 ग्राम वजन के साथ जन्मा यह बच्चा अब 1,400 ग्राम वजन का हो गया है जिससे बच्चे के माता पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है.
हाल ही में एक प्राइवेट अस्पताल में अरुंधति नाम की महिला ने गर्भावस्था के छठे महीने में बच्चे को जन्म दिया था जिसके कारण बच्चे का वजन करीब 600 ग्राम था. महिला ने बच्चे के इलाज के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन सबने उसे यही बताया कि बच्चा तब तक जीवित रहेगा जब तक वह वेंटीलेटर पर रहेगा. जब सारी जगहों से उम्मीद छूट गई तो अरुंधति और उसके पति ने बच्चे को विशेष नवजात देखभाल इकाई में भर्ती कराया. यहां चिकित्सकों कि देखरेख में नर्सों ने बच्चे को दो महीने तक फीडिंग ट्यूब के माध्यम से भोजन और दवाएं दीं.
इसके साथ ही चिकित्सकों ने उपचार में कंगारू पद्धति (जिसमें मां बच्चे को सीने से लगाकर उसे शरीर की गर्मी देती है) का भी इस्तेमाल किया. लेकिन किसी कारणवश अरुंधति अस्पताल में 4 घंटे से अधिक समय बिता पाने में असमर्थ थीं, इसलिए चिकित्सकों और नर्सों ने बच्चे का बिलकुल मां के जैसे देखभाल किया. अंततः उनके इस सामूहिक प्रयास के चलते अब बच्चे के अभिभावकों में उम्मीद की नई किरण जगी है.
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अरुंधति ने बताया कि उन्होंने जब बच्चे को लेकर सारी उम्मीद छोड़ दी थीं तब विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) ने उनके बच्चे को नया जीवन दिया जिसके लिए वह चिकित्सकों एवं नर्सों की हमेशा एहसानमंद रहेंगी. वहीं अस्पताल के दौरे पर आए तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश ने बच्चे के बारे में जानकर डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से राज्य सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे अस्पतालों का उपयोग करने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में निजी अस्पतालों जैसी उन्नत सेवाएं उपलब्ध हैं.