देहरादून (उत्तराखंड): टेक्नोलॉजी के इस दौर में हर तरफ तकनीकी से लैस होने की होड़ लगी हुई है. सरकारी विभागों की तरफ से भी खुद को अपडेट दिखाने के लिए लगातार अपनी तमाम मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च की जा रही हैं. खासतौर से आम जनता से जुड़े पब्लिक डोमेन वाले ऐसे डिपार्टमेंट जिनका सरोकार सीधे जनता से है, उनके द्वारा आम पब्लिक के साथ संवाद को सरल करने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किए जाते हैं. लेकिन यह कितने कारगर साबित होते हैं, यानी कि आम जनता को यह मोबाइल एप्लीकेशन कितना लाभ पहुंचा पाते हैं, इसे पलट कर नहीं देखा जाता है.
सिर्फ नाम के हैं मोबाइल एप: इतिश्री के नाम पर सरकार के तमाम डिपार्टमेंट और पब्लिक डोमेन से जुड़े विभाग केवल अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन को लॉन्च कर देते हैं. लेकिन इन मोबाइल एप्लीकेशन से आम जनता को कितना लाभ मिल पा रहा है, इसकी बानगी अगर देखनी हो तो इन्हीं मोबाइल एप्लीकेशन पर मिलने वाले रिव्यू से पता चलता है. उत्तराखंड के तमाम विभागों द्वारा समय-समय पर मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किए गए हैं. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विभागों के मोबाइल एप्लीकेशन का हमने रियलिटी चेक किया. इनमें से ज्यादातर मोबाइल एप्लीकेशन ठीक तरीके से काम नहीं करते हैं. सरकारी विभागों के अधिकतर मोबाइल के एप्लीकेशन का यूजर एक्सपीरियंस बेहद खराब है. अफसोस की बात यह है कि सरकारी विभागों द्वारा यह मोबाइल एप्लीकेशन बनाकर आम लोगों के लिए प्ले स्टोर पर डाल तो दिए जाते हैं, लेकिन इन पर आने वाली समस्याओं को कोई पलट कर नहीं देखता है.
ऐसी हैं एप की रिव्यू और रेटिंग: इसी तरह के कुछ बेहद खराब यूजर एक्सपीरियंस वाले मोबाइल एप्लीकेशन की लिस्ट हमारे द्वारा तैयार की गई है, जिन को मिली रेटिंग और रिव्यू से साफ पता चलता है कि यह मोबाइल एप्लीकेशन पब्लिक की समस्या को आसान नहीं बल्कि और ज्यादा बढ़ा रहे हैं. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने Tourist Care Uttarakhand नाम से मोबाइल एप बनाया है. आप चौंक जाएंगे की पर्यटन प्रदेश के मोबाइल एप की रेटिंग सिर्फ 3.1 है. यानी खराब.
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद पर जो यूजर एक्सपीरियंस दिखाई दे रहे हैं वो हंसाने के साथ खीझ पैदा करते हैं. उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा बनवाई गई इस मोबाइल एप्लीकेशन को एक निजी संस्था एथिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा डेवलप किया गया है. इस पर अब तक 384 लोगों द्वारा रिव्यू किया गया है. इसमें से सबसे ज्यादा 1 स्टार की रेटिंग की गई है. वहीं रिव्यू में अपना एक एक्सपीरियंस लिखते हुए विपुल जैन कहते हैं कि इस एप्लीकेशन का नाम "समथिंग वेंट रॉन्ग ट्राई अगेन लेटर" रख देना चाहिए.
इसी तरह Uttarakhand Police App है. इसकी रेटिंग 3.08 यानी खराब की श्रेणी में है. इसका यूजर एक्सपीरियंस भी अच्छा नहीं है. सरकार के सरलीकरण समाधान और निस्तारण की टैगलाइन के साथ डेवलप की गई इस एप को एक निजी आईटी कंपनी इन्फोटेक सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन द्वारा डेवलप किया गया है. इस मोबाइल एप पर अब तक करीब 500 लोगों ने रिव्यू दिया है, जिसमें 1 स्टार रेटिंग काफी ज्यादा हैं. वहीं एक यूजर परविंदर थापा अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए लिखते हैं कि "यूजलेस एप आई हैव ट्राइड फॉर हंड्रेड टाइम एंड इट नेवर सेंड मी ओटीपी, चूना लगा रखा है"
उत्तराखंड पुलिस का ही एक एप है DevBhumi. उत्तराखंड पुलिस द्वारा डेवलप की गई देवभूमि एप की रेटिंग 2.3 स्टार की है जोकि आईटी की भाषा में बेहद खराब मानी जाती है. इस एप पर अब तक 1000 लोगों द्वारा अपना रिव्यू दिया गया है. इसमें से सबसे ज्यादा 1 स्टार की रेटिंग यूजर एक्सपीरियंस द्वारा की गई है. यूजर सावन ध्यानी लिखते हैं कि यदि जीरो का विकल्प होता तो वह इस एप्लीकेशन को 0 स्टार देते.
Apni Sarkar Uttarakhand उत्तराखंड सरकार की ऑफिशियल मोबाइल एप है जो कि उत्तराखंड के ही सरकारी तकनीकी विकास प्राधिकरण आईटीडीए द्वारा डेवलप की गई है. इसमें तमाम सरकारी योजनाओं के ऑनलाइन मोबाइल एप के माध्यम से सुविधाएं देने का प्रयास किया गया है. इस मोबाइल एप की रेटिंग 3.8 स्टार की है. इस एप्लीकेशन में भी 1 स्टार देने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. अपणी सरकार उत्तराखंड के यूजर आशु अपना एक्सपीरियंस लिखते हैं कि "लॉगिन नहीं हो पा रहा है बार बार इनवाइट कैप्चा बता रहा है इतना इरिटेट हो गया हूं कि क्या ही बताऊं"
PWD Patch Reporting App हाल ही में लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में सड़कों की स्थिति और गड्ढों की रिपोर्टिंग के लिए यह एप इंट्रोड्यूस की गई है. उत्तराखंड पीडब्ल्यूडी द्वारा इस एप को लॉन्च किया गया है. अभी इस एप को लॉन्च हुए 1 सप्ताह भी नहीं हुए हैं कि इसमें भी लोगों के रिव्यू नेगेटिव में आने लगे हैं. हालांकि अभी केवल 11 ही रिव्यू हैं, इसलिए इसकी रेटिंग काफी ऊपर है. लेकिन धीरे-धीरे लोग अपना यूजर एक्सपीरियंस साझा कर रहे हैं. एक यूजर रज़ा लीगल एसोसिएट लिखते हैं कि "रजिस्टर और लॉगिन का विकल्प नहीं है तो गड्ढों की फोटो कैसे डालेंगे".
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क्या कहते हैं आईटी एक्सपर्ट: उत्तराखंड में ही आईटी कंपनी साइनो टेक के अधिकारी अमित गुप्ता ने बताया कि अक्सर आईटी जगत में मोबाइल एप्लीकेशन की क्वालिटी को उसके रिव्यू और रेटिंग से आंका जाता है. आईटी विशेषज्ञ अमित गुप्ता बताते हैं कि डेवलपर द्वारा जो मोबाइल एप्लीकेशन बनाया जाता है, उस पर आने वाले रिव्यू और रेटिंग बताती हैं कि वह मोबाइल एप्लीकेशन अपने मकसद में कितना कामयाब हुआ है. मोबाइल एप्लीकेशन के रिव्यू और रेटिंग सीधा हमें यूजर एक्सपीरियंस से वाकिफ करवाता है और बताता है कि अभी इसमें कितने सुधार की जरूरत है. आईटी विशेषज्ञ अमित गुप्ता बताते हैं कि अमूमन 4.2 से लेकर के 5 तक की रेटिंग एक सफल एप्लीकेशन की श्रेणी में मानी जाती है. यदि रेटिंग 4 से कम है तो इसका मतलब है कि उस मोबाइल एप्लीकेशन में अभी सुधार की काफी गुंजाइश है.