नई दिल्ली : नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा रहेगा और इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए. नगा विद्रोही समूह के थुइनगालेंग मुइवा के नेतृत्व वाले प्रभावशाली गुट ने अपने बयान में कहा कि तीन अगस्त, 2015 को उसके और सरकार के वार्ताकार द्वारा हस्ताक्षरित 'कार्यढांचा समझौता' 'नागाओं के अद्वितीय इतिहास और स्थिति को मान्यता देता है. बयान में कहा गया कि यह देश की कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है.
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बयान में कहा गया कि यह भारतीय नेताओं को भी मालूम है कि ध्वज और संविधान संप्रभुता के हिस्से होते हैं और इस बारे में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए. नगा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में तीन अगस्त, 2015 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता 18 साल तक चली 80 दौर की बातचीत के बाद हुआ था.
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(पीटीआई-भाषा)