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एनएससीएन-आईएम अलग झंडे और संविधान की मांग पर अड़ा - NSCN

एनएससीएन (आईएम) ने कहा है कि वह विवादित नगा राजनीतिक मुद्दे का अंतिम समाधान हासिल करने के लिए किसी भी परिस्थिति में अलग झंडे और संविधान की मांग से पीछे नहीं हटेगा. संगठन ने रविवार को एक बयान में कहा कि एनएससीएन (आईएम) किसी भी परिस्थिति में नगा राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक इन प्रमुख मुद्दों को नहीं छोड़ सकता है.

NSCN IM adamant on demand for separate flag and constitution.
नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम.
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Published : Dec 17, 2022, 8:01 AM IST

नई दिल्ली : नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा रहेगा और इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए. नगा विद्रोही समूह के थुइनगालेंग मुइवा के नेतृत्व वाले प्रभावशाली गुट ने अपने बयान में कहा कि तीन अगस्त, 2015 को उसके और सरकार के वार्ताकार द्वारा हस्ताक्षरित 'कार्यढांचा समझौता' 'नागाओं के अद्वितीय इतिहास और स्थिति को मान्यता देता है. बयान में कहा गया कि यह देश की कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है.

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बयान में कहा गया कि यह भारतीय नेताओं को भी मालूम है कि ध्वज और संविधान संप्रभुता के हिस्से होते हैं और इस बारे में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए. नगा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में तीन अगस्त, 2015 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता 18 साल तक चली 80 दौर की बातचीत के बाद हुआ था.

नई दिल्ली : नगा उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा रहेगा और इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए. नगा विद्रोही समूह के थुइनगालेंग मुइवा के नेतृत्व वाले प्रभावशाली गुट ने अपने बयान में कहा कि तीन अगस्त, 2015 को उसके और सरकार के वार्ताकार द्वारा हस्ताक्षरित 'कार्यढांचा समझौता' 'नागाओं के अद्वितीय इतिहास और स्थिति को मान्यता देता है. बयान में कहा गया कि यह देश की कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है.

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बयान में कहा गया कि यह भारतीय नेताओं को भी मालूम है कि ध्वज और संविधान संप्रभुता के हिस्से होते हैं और इस बारे में कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए. नगा मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में तीन अगस्त, 2015 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता 18 साल तक चली 80 दौर की बातचीत के बाद हुआ था.

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(पीटीआई-भाषा)

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