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ब्रिक्स देशों की बैठक में शामिल हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में शामिल हुए. यह बैठक इस साल के अंत में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले एक प्रमुख कार्यक्रम है. भारत पांच सदस्यीय समूह का वर्तमान अध्यक्ष है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
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Published : Aug 24, 2021, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि बैठक में रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल पेत्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, ब्राजील के सुरक्षा अधिकारी जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री नसेडिसो गुडएनफ कोडवा ने भाग लिया.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक सप्ताह बाद यह बैठक हुई है. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं.

ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का संगठन है. इन देशों में दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी रहती है. वैश्विक जीडीपी में इन देशों का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार में 16 फीसदी हिस्सा है.

भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग पर दृढ़ता से जोर देता रहा है.

बैठक से पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मामलों के केंद्रीय आयोग के कार्यालय के निदेशक यांग जिची राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की 24 अगस्त को डिजिटल रूप से होने वाली 11वीं ब्रिक्स बैठक में भाग लेंगे.

बैठक को लेकर चीन की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर वांग ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की ब्रिक्स बैठक पांच देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के लिए राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक 'महत्वपूर्ण मंच' है.

वांग ने कहा कि पांच देशों के एनएसए 'वैश्विक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य और स्वास्थ्य, कानून प्रवर्तन, आतंकवाद एवं साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर व्यापक सहमति तक पहुंचने के लिए विचारों का गहन आदान-प्रदान करेंगे.' उन्होंने कहा, 'चीन इस बैठक को अत्यधिक महत्व देता है. हम ब्रिक्स के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं ताकि पांच देशों के नेताओं के मार्गदर्शन के साथ राजनीतिक सुरक्षा में सहयोग को और गहरा किया जा सके.'

यह भी पढ़ें- एनएसए अजीत डोभाल के बयान पर लगीं अटकलें, अधिकारियों ने दी सफाई

यह पूछे जाने पर कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद ब्रिक्स समूह किस तरह की भूमिका निभा सकता है, वांग ने कहा, 'अफगानिस्तान में जो मौजूदा स्थिति उभर रही है, वह मुख्य रूप से आंतरिक कारकों से प्रेरित है.'

उन्होंने कहा, 'बाहरी कारक भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन केवल आंतरिक लोगों के माध्यम से. चीन को उम्मीद है कि विभिन्न बहुपक्षीय तंत्र अफगान मुद्दे से निपटने में संवेदनशील, संतुलित और पेशेवर होंगे और एक रचनात्मक भूमिका निभाएंगे ताकि जल्द से जल्द अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास का माहौल बनाया जा सके.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि बैठक में रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल पेत्रुशेव, चीनी पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेइची, ब्राजील के सुरक्षा अधिकारी जनरल ऑगस्टो हेलेना रिबेरो परेरा और दक्षिण अफ्रीका के उप राज्य सुरक्षा मंत्री नसेडिसो गुडएनफ कोडवा ने भाग लिया.

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के एक सप्ताह बाद यह बैठक हुई है. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं.

ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों का संगठन है. इन देशों में दुनिया की 41 प्रतिशत आबादी रहती है. वैश्विक जीडीपी में इन देशों का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार में 16 फीसदी हिस्सा है.

भारत आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ से निपटने में ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच गहरे सहयोग पर दृढ़ता से जोर देता रहा है.

बैठक से पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मामलों के केंद्रीय आयोग के कार्यालय के निदेशक यांग जिची राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की 24 अगस्त को डिजिटल रूप से होने वाली 11वीं ब्रिक्स बैठक में भाग लेंगे.

बैठक को लेकर चीन की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर वांग ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की ब्रिक्स बैठक पांच देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के लिए राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक 'महत्वपूर्ण मंच' है.

वांग ने कहा कि पांच देशों के एनएसए 'वैश्विक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य और स्वास्थ्य, कानून प्रवर्तन, आतंकवाद एवं साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर व्यापक सहमति तक पहुंचने के लिए विचारों का गहन आदान-प्रदान करेंगे.' उन्होंने कहा, 'चीन इस बैठक को अत्यधिक महत्व देता है. हम ब्रिक्स के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं ताकि पांच देशों के नेताओं के मार्गदर्शन के साथ राजनीतिक सुरक्षा में सहयोग को और गहरा किया जा सके.'

यह भी पढ़ें- एनएसए अजीत डोभाल के बयान पर लगीं अटकलें, अधिकारियों ने दी सफाई

यह पूछे जाने पर कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद ब्रिक्स समूह किस तरह की भूमिका निभा सकता है, वांग ने कहा, 'अफगानिस्तान में जो मौजूदा स्थिति उभर रही है, वह मुख्य रूप से आंतरिक कारकों से प्रेरित है.'

उन्होंने कहा, 'बाहरी कारक भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन केवल आंतरिक लोगों के माध्यम से. चीन को उम्मीद है कि विभिन्न बहुपक्षीय तंत्र अफगान मुद्दे से निपटने में संवेदनशील, संतुलित और पेशेवर होंगे और एक रचनात्मक भूमिका निभाएंगे ताकि जल्द से जल्द अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास का माहौल बनाया जा सके.'

(पीटीआई-भाषा)

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