प्रयागराज : बेटियों के उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस ने अनोखी पहल की है. इसके तहत छात्राओं के स्कूलों के बाहर शिकायत पेटिका लगवाई गईं हैं. इसके जरिए छात्राएं कानून व्यवस्था से जुड़ी सभी प्रकार की शिकायतें सीधे पुलिस से कर सकती हैं. पुलिस छात्राओं के पत्रों को निकालकर कार्रवाई करेगी. पुलिस की तरफ से शहर के 181 स्कूलों के बाहर शिकायत पेटिका लगवाई गई है. खास बात यह है कि छात्रा के साथ हुई घटना की जानकारी पुलिस किसी से भी साझा नहीं करेगी. संबंधित थाने या सर्किल के पुलिस वाले महीने में दो से चार बार इस पेटिका को खोलकर देखेंगे. शिकायती पत्र से जुड़ी समस्याओं का समाधान थाने से लेकर डीसीपी स्तर तक के अधिकारी करेंगे.
बेटियों को शोषण से बचाने का अभियान : प्रयागराज में इस अभियान की कमान तीन महिला अफसरों के हाथ में है. डीसीपी हेड क्वार्टर श्रद्धा एन पांडेय, ट्रेनी आईपीएस नीतू और एसीपी आस्था जायसवाल की नेतृत्व में सेफ सिटी के तहत जिले भर में बेटियों की सुरक्षा को लेकर यह अभियान शुरू किया गया है. गर्ल्स स्कूल व कॉलेजों के बाहर पुलिस की तरफ से कंप्लेंट बॉक्स लगवाए गए हैं. इस शिकायत पेटिका के माध्यम से बेटियों की किसी भी प्रकार की प्रताड़ना, छेड़खानी आदि की शिकायतें पुलिस तक पहुंच सकेंगी. बेटियों को उत्पीड़न व शोषण से बचाने के अभियान की कमान डीसीपी हेड क्वार्टर श्रद्धा एन पांडेय ने संभाली है. उन्होंने बताया कि स्कूल-कॉलेज जाने वाली बेटियों को रास्ते में कोई शोहदा परेशान करता होगा तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी. छात्रा को शिकायत के लिए थाने या चौकी जाने की जरूरत नहीं है. उसे केवल शिकायत लिखकर पेटिका में डाल देना है. पुलिस बेटियों का नाम किसी से साझा नहीं करेगी.
स्कूलों ने की पुलिस की सराहना : प्रयागराज पुलिस की तरफ से शहर के 181 स्कूलों में शिकायत पेटिका लगवाई गई है. स्कूलों के अंदर लगवाई गई इन शिकायत पेटिकाओं के लगवाने पर स्कूल प्रशासन की तरफ से पुलिस की सराहना की गई है. शिवकुटी इलाके के श्री महाप्रभु पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य रविंदर बिरदी का कहना है कि स्कूल-कॉलेजों के बाहर शिकायत पेटिका लगवाई गई है. शिकायती पत्रों का संज्ञान पुलिस अधिकारी लेंगे. इन शिकायत पेटिकाओं में लगे हुए ताले की चाबी भी पुलिस वालों के पास ही रहती है. पुलिस वाले समय-समय पर विद्यालय में जाकर इन शिकायत पेटिकाओं को खोलकर चेक करेंगे. उसमें अगर कोई भी शिकायती पत्र मिला तो पुलिस वाले छात्रा से संपर्क कर उसकी समस्या का निस्तारण कराएंगे.
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