वाराणसी: इन दिनों अचानक से होने वाले कार्डियक अरेस्ट के मामलों ने लोगों को खौफजदा कर दिया है. इसका परिणाम है कि लोग वर्कआउट, डांस, एक्टिंग या फिर कोई भी हैवी एक्टिविटी करने से बच रहे हैं. अब लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. जी हां वाराणसी के आईआईटी बीएचयू ने अपने रिसर्च में दावा किया है कि अब लोगों को कार्डियक अरेस्ट या ऑर्गन फेल्योर की सूचना पहले ही मिल जाएगी. इस नयी शोध की मदद से लोगों को सुरक्षित रखा जा सकेगा. बड़ी बात यह है कि आईआईटी बीएचयू के इस शोध में आईआईटी कानपुर ने भी मदद की थी.
ऐसे में इस शोध के जरिए बिना किसी सर्जरी के आसानी से किसी व्यक्ति की नसों, धमनियों में कोई ब्लॉकेज है या नहीं वह कितना नुकसानदायक है, इसकी जानकारी मिल जाएगी. इसके साथ ही आगामी आने वाले दिनों में उससे शरीर के अंगों में क्या समस्या होने वाली है. इस पर भी जानकारी मिल जाएगी. इससे व्यक्ति को सतर्क कर सुरक्षित किया जा सकेगा.
सीटी स्कैन एमआरआई से मिलेगी जानकारी: शोधकर्ता सुमित कुमार ने बताया कि इसके लिए सीटी स्कैन और एमआरआई रिपोर्ट की कंप्यूटेशनल आधार पर स्टडी की जाएगी. इसके बाद शरीर की आंतरिक हिस्सों की कंडीशन को देखा जाएगा. उस में चल रही गतिविधियों को 3D मॉडल के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा. इससे इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आगामी दिनों में कब व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट या फिर ऑर्गन फेल्योर जैसी समस्या हो सकती है.
मैथ और फिजिक्स पर आधारित है स्टडी: सुमित बताते हैं कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने आईआईटी बीएचयू को यह प्रोजेक्ट दिया था. इसके लिए बकायदा फंड भी जारी किया गया था. इस शोध में 3D मॉडल में यह देखते हैं कि शरीर में कहां-कहां खामियां हैं. इससे हमें यह भी पता चल सकता है कि भविष्य में हार्ट अटैक, लिवर, ब्रेन या किसी अंग के डैमेज होने का खतरा है कि नहीं. मरीज के पास कितना समय है. यह कोई भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि मैथमेटिकल और फिजिक्स के मेथड पर आधारित उपचार और बीमारियों को पता लगाने का तरीका है.
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