अमरावती : आंध्र प्रदेश सीआईडी पुलिस ने कथित अमरावती भूमि घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को नोटिस जारी किया. तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने इसे राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआरसी के विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी द्वारा दायर कराई गई सबसे ओछी प्राथमिकी बताया.
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता और एससी एवं एसटी (अत्याचार रोकथाम) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है. सीआईडी जांच अधिकारी लक्ष्मी नारायण राव ने चंद्रबाबू से 23 मार्च को विजयवाड़ा में सीआईडी क्षेत्रीय कार्यालय में पेश होने को कहा है ताकि उनसे इस मामले में पूछताछ की जा सके. रामकृष्ण रेड्डी की शिकायत के आधार पर 12 मार्च को सीआईडी ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इससे करीब एक महीने पहले उच्च न्यायालय ने अमरावती भूमि घोटाले में 'भेदिया कारोबार' संबंधी मामले को खारिज कर दिया था. इस कथित घोटाले में चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मंत्री पी नारायण को संदिग्ध आरोपी बनाया गया था.
यह मामला 2015 में राज्य के नए राजधानी शहर अमरावती के विकास के लिए जमीन को पूल किए जाने से संबंधित है. पूल किए जाने का अर्थ है कि भूमालिकों का एक समूह विकास के लिए सरकार को अपनी जमीन सौंपता है. प्राथमिकी में विधायक की शिकायत के हवाले से कहा गया है उनके निर्वाचन क्षेत्र के कुछ किसानों ने शिकायत की कि तत्कालीन सरकार के कुछ लोगों ने निर्दोष किसानों को उनकी जमीनों को लेकर असुरक्षा और संशय की स्थिति में रखकर अवैध तरीके से उनकी भूमि लेकर धोखाधड़ी की. इस षड्यंत्र में शामिल बिचौलियों ने झूठ कहा कि सरकार कोई भी मुआवजा दिए बिना उनकी जमीन लेने जा रही है.
पढ़ें : विरोध जताने के लिए एयरपोर्ट पर जमीन पर बैठ गए आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू
सीआईडी अधिकारियों का दल चंद्रबाबू के हैदराबाद स्थित जुबली हिल्स आवास गया और वहां नोटिस दिया. चंद्रबाबू वहां नहीं रह रहे हैं. तेदेपा राज्य अध्यक्ष के. अत्चन्नायडू ने सीआईडी के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह 'बदले की कार्रवाई' के अलावा कुछ नहीं है.