चेन्नई : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल ने शुक्रवार को कहा कि अगर योगगुरु रामदेव कोविड-19 टीकाकरण तथा आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ अपने बयान वापस ले लेते हैं तो संगठन उनके खिलाफ दर्ज पुलिस शिकायतों तथा उन्हें भेजे गये मानहानि के नोटिस को वापस लेने पर विचार करेगा.
जयलाल ने कहा कि महामारी और इसके उपचार को लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर निशाना साधकर रामदेव ने दरअसल सरकार पर सवाल खड़े किये.
उन्होंने कहा, 'योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ हमारे मन में कुछ नहीं है. उनके बयान कोविड-19 के लिए टीकाकरण के खिलाफ हैं. हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रम में डाल सकते हैं, उन्हें भटका सकते हैं. यह हमारे लिए बड़ी चिंता की बात है क्योंकि उनके अनेक अनुयायी हैं.'
रामदेव द्वारा आधुनिक चिकित्सा तथा कोविड-19 को लेकर बयान वापस लिये जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसे पूरी तरह वापस लेना होगा.
डॉ. जयलाल ने कहा कि अगर रामदेव ऐसे बयान पूरी तरह वापस लेते हैं तो आईएमए उनके खिलाफ पुलिस में दर्ज शिकायतों को तथा उन्हें भेजे गये मानहानि के नोटिस को वापस लेने पर विचार करेगा.
आईएमए ने मानहानि का नोटिस भेजा था
आईएमए ने कुछ दिन पहले रामदेव को आधुनिक चिकित्सा पद्धति और चिकित्सकों के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान देने के लिए मानहानि का नोटिस भेजा था. नोटिस में उनसे 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा गया और ऐसा नहीं करने पर 1,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति को लेकर कार्रवाई करने को कहा गया.
आईएमए प्रमुख ने कहा कि रामदेव के खिलाफ दिल्ली और अन्य जगहों पर शिकायतें दर्ज कराई गयी हैं. उन्होंने कहा कि संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है.
विवाद बढ़ने पर दिया था बयान
रामदेव को कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल कुछ दवाओं पर सवाल खड़ा करने वाले एक बयान को वापस लेना पड़ा था. विवाद उठने के बाद रामदेव को यह भी कहते सुना गया कि 'उनका तो बाप भी गिरफ्तार नहीं कर सकता.'
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तमिलनाडु में सरकारी कन्याकुमारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी विभाग के प्रमुख जयलाल ने कहा, 'योगगुरु को अपने अनुयायियों को सलाह देनी चाहिए कि टीका लगवाएं और महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार को सहयोग दें.'
(पीटीआई-भाषा)