जयपुर. बीते एक सप्ताह से चल रहे सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़ने के कयासों पर अब पूरी तरह से विराम लग गया है. पायलट ने 11 जून को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर न तो कोई पार्टी बनाने की घोषणा की और न ही ऐसे कोई संकेत ही दिए. इतना ही नहीं दौसा में दिए उनके बयान से यह भी साफ हो गया है कि अब पायलट के तीन मुद्दों में वसुंधरा राजे के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा प्राथमिक नहीं है. इसकी जगह उन्होंने नौजवानों से जुड़े मुद्दों पर अधिक फोकस करने का काम किया.
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स्व. श्री राजेश पायलट साहब की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में सम्मिलित होने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कार्यक्रम के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित किया। pic.twitter.com/pyi3BDb9zo
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कार्यक्रम के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित किया। pic.twitter.com/pyi3BDb9zoस्व. श्री राजेश पायलट साहब की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में सम्मिलित होने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ।
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असल में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पायलट ने अब प्रदेश के उन नौजवान के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो सरकार बनाने और बिगड़ने का माद्दा रखते हैं. साथ ही ये वर्ग पायलट को पसंद भी करता है. पायलट ने दौसा में कहा कि राजनीति में अपनी बात रखना बहुत जरूरी है और भगवान की उन पर असीम कृपा रही है. उन्होंने कहा कि जो उनकी अंतरात्मा बोलती है, वही प्रदेश की जनता भी बोलती है और परिस्थिति कैसे भी क्यों न हो, वो जनता के अधिकार और न्याय के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे. इन बयानों के जरिए पायलट ने यह साफ कर दिया कि भले ही अब वो अपनी तीन मांगों को लेकर तल्खी नहीं दिखा रहे हों, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ बात रखना और नौजवानों के हितों के मुद्दे उठाना वो बंद नहीं करेंगे.
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अब पायलट को नीली छतरी वाले से आस - सचिन पायलट ने दौसा में न तो अपनी तीनों मांगों को लेकर कोई तल्खी दिखाई और न ही अल्टीमेटम का जिक्र किया. लेकिन जिस तरह से उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम लेते हुए कहा कि भले ही उन्होंने चोरी पकड़े जाने पर खान आवंटन कैंसिल कर दिया हो, लेकिन उन्होंने खान आवंटन तो किया था. खैर, संबंधों के चलते कुछ न हुआ हो, लेकिन सबसे बड़ा न्याय नीली छतरी वाला करता है. वो सब देख रहा है और आज नहीं तो कल न्याय जरूर मिलेगा. ऐसे में साफ है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोपों का मुद्दा अब पायलट की प्राथमिकता में न होकर नौजवानों के पेपर लीक और रोजगार से जुड़े मुद्दे उनकी प्राथमिकता में शामिल हैं. इसके साथ ही सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या अपने लिए भी पायलट नीली छतरी वाले से आस लगाए हुए हैं.
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Unveiled the statue of my father,
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Late Shri Rajesh Pilot ji yesterday, at Dausa.
I wish to personally thank all those who came for the program 🙏 pic.twitter.com/lwYURZgShM
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Late Shri Rajesh Pilot ji yesterday, at Dausa.
I wish to personally thank all those who came for the program 🙏 pic.twitter.com/lwYURZgShMUnveiled the statue of my father,
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Late Shri Rajesh Pilot ji yesterday, at Dausa.
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विश्वसनीयता नहीं तो जनता का भरोसा भी नहीं - पायलट ने प्रत्यक्ष तौर पर भले ही सीएम गहलोत को लेकर कुछ न कहा हो, लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने वो कह दिया जो मौजूदा सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. उन्होंने राजस्थान में सरकार रिपीट होने के दावे करने वाले नेताओं को यह जरूर बता दिया कि हर गलती पर सजा मांगती है. पायलट ने कहा कि राजनीति में बहुत लोग आते हैं, कोई प्रधानमंत्री कोई मुख्यमंत्री बनता है. खैर, हम किसी पद पर हो या न हो, लेकिन जनता हमेशा याद रखती है कि उनसे क्या कुछ कहा गया था और क्या हुआ है? आगे उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास, जनता से वादे और जनता की विश्वसनीयता ही सबसे बड़ी पूंजी है. ऐसे में जनता से किए वादों को कोई दरकिनार करके अपने सियासी वजूद को नहीं बचा सकता है.
कांग्रेस आलाकमान से मिला आश्वासन ! - सचिन पायलट ने अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि कार्यक्रम में जिस तरह से उनके कांग्रेस छोड़ने की चर्चाओं पर विराम लगाया, उससे साफ है कि अब उन्हें आलाकमान से आश्वासन मिल गया है. इतना ही नहीं सबसे खास बात तो यह रही उनके कार्यक्रम में गहलोत गुट के मंत्री, विधायक भी शामिल हुए थे. बता दें कि सचिन पायलट के पिता की पुण्यतिथि कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पायलट समर्थक विधायक के साथ ही गहलोत समर्थक मंत्री और विधायक भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम में शामिल होने वालों में मंत्री परसादी लाल मीणा, ममता भूपेश और प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक प्रशांत बैरवा समेत अन्य लोग थे. इससे संकेत मिल रहे हैं कि अब राजस्थान में कांग्रेस के दोनों धड़े एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. वहीं पायलट ने भी इस पूरे कार्यक्रम में अपनी मांगों को लेकर कोई बयानबाजी नहीं की.
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दौसा की जनता का स्नेह और आशीर्वाद सदैव मुझे एवं मेरे परिवार को मिलता रहा है।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हमारा रिश्ता अटूट है, अटूट रहेगा।
आप सभी का आभार 🙏 pic.twitter.com/GxUWZPAymm
">दौसा की जनता का स्नेह और आशीर्वाद सदैव मुझे एवं मेरे परिवार को मिलता रहा है।
— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 11, 2023
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अगर हुई देरी तो फिर... पायलट जिस तरह से अब नरम रूप दिखा रहे हैं, उससे साफ हो गया है कि उन्हें पार्टी के सभी नेताओं को साथ लेकर चलना है और जो फार्मूला आलाकमान ने उनके लिए तय किया है, उसे वह मान गए हैं. बावजूद इसके अगर फार्मूला को लागू करने में देरी हुई तो पायलट फिर से पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. ऐसे में अब इंतजार इस बात का है कि पायलट कब तक आलाकमान के फार्मूले के इंप्लीमेंटेशन का वेट करते हैं.