देहरादून : हरिद्वार की एक अदालत ने कुंभ के दौरान फर्जी कोविड जांच मामले के तीन मुख्य आरोपियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. मामले के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामित तीन कंपनियों में दो फर्म और उनके मालिक शामिल हैं.
हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने कहा कि सीजेएम की अदालत से गैर जमानती वारंट प्राप्त करने के बाद विशेष जांच दल (SIT) द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश में पुलिस दल उत्तर प्रदेश, हरियाणा और नई दिल्ली भेजे गए हैं.
यह घोटाला उन लोगों को निगेटिव कोविड परीक्षण रिपोर्ट जारी करने से संबंधित है, जिनके नमूने कभी लिए ही नहीं गए और वे कुंभ मेले में शामिल भी नहीं हुए थे. नोएडा स्थित मैक्स कारपोरेट सर्विसेज, जिसे कुंभ के दौरान कोविड परीक्षण करने का काम सौंपा गया था.
मैक्स कारपोरेट सर्विसेज ने दिल्ली स्थित लालचंदानी लैब्स और हिसार स्थित नलवा लैब्स को काम आउटसोर्स किया था. उत्तराखंड में दो अधिकारियों को हरिद्वार कुंभ के दौरान फर्जी कोविड परीक्षण घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए पिछले सप्ताह निलंबित कर दिया गया था.
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर तत्कालीन मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ अर्जुन सिंह सेंगर और तत्कालीन प्रभारी अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ एनके त्यागी को 26 अगस्त को निलंबित कर दिया गया था. यह कार्रवाई फर्जी परीक्षण घोटाले की जांच के लिए हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा गठित एक जांच समिति की सिफारिश पर आधारित थी.
(PTI)