स्टॉकहोम : मौंगी जी. बावेंडी, लुईस ई. ब्रूस और एलेक्सी आई. एकिमोव को रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. इन तीन वैज्ञानिकों ने छोटे क्वांटम डॉट्स पर उनके शोध के लिए इस अवार्ड से नवाजा जाएगा. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हंस एलेग्रेन ने बुधवार को स्टॉकहोम में पुरस्कार की घोषणा की. नोबेल पुरस्कार में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (1 मिलियन डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है. यह धनराशि पुरस्कार के निर्माता, स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से आती है, जिनकी 1896 में मृत्यु हो गई थी.
अकादमी ने एक बयान में कहा, "रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार 2023 क्वांटम डॉट्स की खोज और विकास को पुरस्कृत करता है. क्वांटम डॉट्स इतने छोटे होते हैं कि उनका आकार उनके गुणों को निर्धारित करता है." नैनोटेक्नोलॉजी के ये सबसे छोटे घटक अब टेलीविजन और एलईडी लैंप में पाए जाते हैं, जिससे इन उपकरणों से रोशनी निकलती हैं. रसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष जोहान एक्विस्ट ने बताया, "क्वांटम डॉट्स में कई आकर्षक और असामान्य गुण हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके आकार के आधार पर उनके अलग-अलग रंग होते हैं."
इससे पहले, चिकित्सा और भौतिक में नोबेल पुरस्कार के लिए वैज्ञानिकों के नामों की घोषणा हो चुकी है. कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को कोविड-19 के खिलाफ एमआरएनए वैक्सीन की खोज में उनके योगदान के लिए संयुक्त रूप से फिजियोलॉजी या चिकित्सा क्षेत्र के लिए 2023 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. करोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल असेंबली ने एक बयान में कहा, "उन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए सम्मान मिला, जिससे कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों का विकास संभव हो सका."
वहीं, रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को प्रकाश की अत्यंत छोटी तरंगों के साथ इलेक्ट्रॉनों की दुनिया की खोज के लिए भौतिकी में 2023 का नोबेल पुरस्कार दिया. 2023 का यह नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एनी एल'हुलियर को दिया गया है. अवॉर्ड उन प्रायोगिक तरीकों के लिए दिया गया, जिसमें पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न किए गए.