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सार्वजनिक निवेश नहीं बढ़ा तो 'भारी-भरकम मंत्रिमंडल' का फायदा नहीं : माकपा

माकपा ने आधारभूत संरचना के क्षेत्र में निवेश में कमी और टीकाकरण की कम दर संबंधी कथित रिपोर्ट पर रविवार को सरकार की आलोचना की. कहा कि अगर सार्वजनिक निवेश नहीं बढ़ाया जाता है तो भारी-भरकम मंत्रिमंडल का कोई फायदा नहीं है.

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Published : Jul 11, 2021, 5:19 PM IST

नई दिल्ली : माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को रोजगार और मांग बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण पर और अधिक निवेश करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि चेहरों को बदलने से और भारी-भरकम मंत्रिमंडल का कोई फायदा नहीं है. धन्यवाद देने वाले विज्ञापन के हथकंडे को बंद करें और टीके पर अधिक राशि आवंटित की जाए. कहा कि यह विनाशकारी है. जब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और जीविकोपार्जन को सुरक्षित करने के लिए अधिक सार्वजनिक निवेश की जरूरत है तब सरकारी खर्चे में 41.6 प्रतिशत की भारी कमी आई है.

उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि कहां पैसे खर्च किए जा रहे हैं. येचुरी ने कहा कि राष्ट्रीय संपत्तियों की जारी लूट और पेट्रोल के करों में वृद्धि से मिलने वाला पैसे कहां है. क्या यह मोदी सरकार के पीआर प्रोपगेंडा के लिए हैं? या प्रधानमंत्री के लिए नया घर बनाने और शानदार विमान खरीदने के लिए है? पूरी दुनिया रोजगार और लोगों को अपनी जिंदगी दोबारा पटरी पर लाने के लिए पैसे खर्च कर रही है लेकिन भारत सरकार नहीं.

येचुरी ने कहा कि कोविड-19 महामारी खत्म होने की स्थिति अभी कोसो दूर है और लोगों की रक्षा के लिए एक ही रास्ता टीका है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी को मुफ्त टीका मुहैया कराने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पा रही है.

यह भी पढ़ें-प्रख्यात अर्थशास्त्री अमित मित्रा बंगाल के वित्त मंत्री पद से दे सकते हैं इस्तीफा

टीकाकरण दर में कमी की कीमत हजारों जिंदगियां हो सकती है जबकि प्रत्येक जीवन मायने रखता है. माकपा महासचिव ने वह खबर भी साझा की जिसके मुताबिक भारत उन देशों में शामिल है जहां पर आबादी के सबसे कम हिस्से का टीकाकरण हुआ है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को रोजगार और मांग बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण पर और अधिक निवेश करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि चेहरों को बदलने से और भारी-भरकम मंत्रिमंडल का कोई फायदा नहीं है. धन्यवाद देने वाले विज्ञापन के हथकंडे को बंद करें और टीके पर अधिक राशि आवंटित की जाए. कहा कि यह विनाशकारी है. जब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और जीविकोपार्जन को सुरक्षित करने के लिए अधिक सार्वजनिक निवेश की जरूरत है तब सरकारी खर्चे में 41.6 प्रतिशत की भारी कमी आई है.

उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि कहां पैसे खर्च किए जा रहे हैं. येचुरी ने कहा कि राष्ट्रीय संपत्तियों की जारी लूट और पेट्रोल के करों में वृद्धि से मिलने वाला पैसे कहां है. क्या यह मोदी सरकार के पीआर प्रोपगेंडा के लिए हैं? या प्रधानमंत्री के लिए नया घर बनाने और शानदार विमान खरीदने के लिए है? पूरी दुनिया रोजगार और लोगों को अपनी जिंदगी दोबारा पटरी पर लाने के लिए पैसे खर्च कर रही है लेकिन भारत सरकार नहीं.

येचुरी ने कहा कि कोविड-19 महामारी खत्म होने की स्थिति अभी कोसो दूर है और लोगों की रक्षा के लिए एक ही रास्ता टीका है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी को मुफ्त टीका मुहैया कराने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पा रही है.

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टीकाकरण दर में कमी की कीमत हजारों जिंदगियां हो सकती है जबकि प्रत्येक जीवन मायने रखता है. माकपा महासचिव ने वह खबर भी साझा की जिसके मुताबिक भारत उन देशों में शामिल है जहां पर आबादी के सबसे कम हिस्से का टीकाकरण हुआ है.

(पीटीआई-भाषा)

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