कोच्चि : प्रवर्तन निदेशालय को बुधवार को केरल उच्च न्यायालय के उस फैसले से झटका लगा, जिसमें कहा गया कि राज्य पुलिस की अपराध शाखा को अगर कोई शिकायत मिलती है, तो वह केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसी के खिलाफ अपनी जांच में आगे बढ़ सकती है.
अदालत का यह आदेश ईडी द्वारा अपराध शाखा के कदम के खिलाफ दायर एक याचिका पर आया है. याचिका में पूरी कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ईडी की ओर से पेश हुए, लेकिन फिर भी उन्हें स्टे नहीं मिल पाया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख आठ अप्रैल तय की है. इस दिन अंतिम आदेश पारित किए जाएंगे. अदालत ने क्राइम ब्रांच को निर्देश दिया कि वह ईडी के किसी भी अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी या इस तरह के सख्त कदम न उठाए.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मार्च में दो महिला पुलिस अधिकारियों की शिकायत के आधार पर ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए अपराध शाखा को हरी झंडी दी थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि सोने की तस्करी मामले के मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश से आपत्तिजनक सवाल पूछे गए थे और विजयन का नाम लेने के लिए उन पर दबाव डाला गया था.
दोनों महिला पुलिस अधिकारी न्यायिक हिरासत के दौरान स्वप्ना को सुरक्षा प्रदान कर रही थीं और उन दोनों के अनुसार हिरासत की अवधि के दौरान ईडी अधिकारियों ने कथित तौर पर विजयन का नाम लेने के लिए स्वप्ना पर दबाव डाला.
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केरल सरकार के इस कदम की गृहमंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने आलोचना की थी.