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पुरानी पेंशन योजना में वापसी का कोई प्रस्ताव नहीं : केंद्र

केंद्र ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसके पास पुरानी पेंशन योजना पर लौटने का कोई प्रस्ताव नहीं है जो 2004 से पहले सेवा में शामिल होने वाले सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होती है (No proposal to return to Old Pension Scheme).

No proposal to return to Old Pension Scheme: Centre
पुरानी पेंशन योजना में वापसी का कोई प्रस्ताव नहीं : केंद्र
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Published : Mar 15, 2022, 10:55 AM IST

नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसके पास पुरानी पेंशन योजना पर लौटने का कोई प्रस्ताव नहीं है जो 2004 से पहले सेवा में शामिल होने वाले सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होती है (No proposal to return to Old Pension Scheme). ओल्ड पेंशन स्कीम को 1 जनवरी 2004 या उसके बाद शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना से बदल दिया गया था.

एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा को बताया कि राजस्थान सरकार के विपरीत केंद्र सरकार के पास पुरानी पेंशन योजना में वापसी का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि वह 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवाओं में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को राज्य में लागू करेगी.

इस साल 23 फरवरी को बजट भाषण में घोषित राजस्थान सरकार के फैसले से अन्य राज्य भी प्रभावित हुए और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह की मांग की. राजस्थान सरकार के बाद एक और कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ ने भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की. बुधवार को पेश राज्य के बजट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि राज्य भी राजस्थान मॉडल का पालन करेगा और पुरानी पेंशन योजना में वापस आ जाएगा. दो राज्य सरकारों के निर्णय ने अन्य राज्यों में भी पुरानी पेंशन योजनाओं को लागू करने की मांगों को जन्म दिया.

पुरानी बनाम नई पेंशन योजना

सार्वजनिक वित्त पर भारी वित्तीय बोझ के कारण, पुरानी पेंशन योजना, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा अवधि के दौरान कोई योगदान दिये बिना सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के रूप में अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा प्राप्त करने के हकदार थे. इसे जनवरी 2004 से वापस ले लिया गया था.

पुरानी पेंशन योजना एक परिभाषित लाभ पद्धति पर आधारित थी, क्योंकि कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के दौरान कोई योगदान किए बिना उनके अंतिम आहरित वेतन (last drawn salary ) की एक निश्चित राशि की गारंटी दी गई थी, जिसे नई पेंशन योजना से बदल दिया गया था. नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित पेंशन फंड में अपने वेतन की एक निश्चित राशि का योगदान करते हैं और सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त राशि प्राप्त करते हैं.

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी, 2004 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य वृद्धावस्था आय सुरक्षा को वित्तीय रूप से स्थायी तरीके से प्रदान करना है जहां कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा बोझ का एक हिस्सा वहन करते हैं जबकि सरकार भी पेंशन फंड में अपना हिस्सा देती है.

एनपीएस का उद्देश्य विवेकपूर्ण निवेश के माध्यम से छोटी बचत को अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में शामिल करना है. नई पेंशन प्रणाली को केंद्र और राज्य सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अपनाया गया है. निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी स्वैच्छिक आधार पर एनपीएस में निवेश कर सकते हैं.

नई दिल्ली: केंद्र ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसके पास पुरानी पेंशन योजना पर लौटने का कोई प्रस्ताव नहीं है जो 2004 से पहले सेवा में शामिल होने वाले सभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होती है (No proposal to return to Old Pension Scheme). ओल्ड पेंशन स्कीम को 1 जनवरी 2004 या उसके बाद शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना से बदल दिया गया था.

एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा को बताया कि राजस्थान सरकार के विपरीत केंद्र सरकार के पास पुरानी पेंशन योजना में वापसी का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस साल फरवरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी कि वह 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवाओं में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को राज्य में लागू करेगी.

इस साल 23 फरवरी को बजट भाषण में घोषित राजस्थान सरकार के फैसले से अन्य राज्य भी प्रभावित हुए और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह की मांग की. राजस्थान सरकार के बाद एक और कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ ने भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की. बुधवार को पेश राज्य के बजट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि राज्य भी राजस्थान मॉडल का पालन करेगा और पुरानी पेंशन योजना में वापस आ जाएगा. दो राज्य सरकारों के निर्णय ने अन्य राज्यों में भी पुरानी पेंशन योजनाओं को लागू करने की मांगों को जन्म दिया.

पुरानी बनाम नई पेंशन योजना

सार्वजनिक वित्त पर भारी वित्तीय बोझ के कारण, पुरानी पेंशन योजना, जिसके तहत सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा अवधि के दौरान कोई योगदान दिये बिना सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के रूप में अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा प्राप्त करने के हकदार थे. इसे जनवरी 2004 से वापस ले लिया गया था.

पुरानी पेंशन योजना एक परिभाषित लाभ पद्धति पर आधारित थी, क्योंकि कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के दौरान कोई योगदान किए बिना उनके अंतिम आहरित वेतन (last drawn salary ) की एक निश्चित राशि की गारंटी दी गई थी, जिसे नई पेंशन योजना से बदल दिया गया था. नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित पेंशन फंड में अपने वेतन की एक निश्चित राशि का योगदान करते हैं और सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त राशि प्राप्त करते हैं.

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी, 2004 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य वृद्धावस्था आय सुरक्षा को वित्तीय रूप से स्थायी तरीके से प्रदान करना है जहां कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा बोझ का एक हिस्सा वहन करते हैं जबकि सरकार भी पेंशन फंड में अपना हिस्सा देती है.

एनपीएस का उद्देश्य विवेकपूर्ण निवेश के माध्यम से छोटी बचत को अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में शामिल करना है. नई पेंशन प्रणाली को केंद्र और राज्य सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अपनाया गया है. निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी स्वैच्छिक आधार पर एनपीएस में निवेश कर सकते हैं.

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