नई दिल्ली : मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसानों का कर्ज माफ करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. देश में प्रति कृषि परिवार बकाया ऋण की कुल औसत राशि 74,121 रुपये है, इसमें आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, राजस्थान, तेलंगाना और अन्य राज्य शामिल हैं. उक्त बातें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड (Union Minister of State for Finance Dr Bhagwat Karad ) ने हरियाणा से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में लिखित में दी.
उन्होंने सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ग्रामीण भारत में कृषि परिवारों और भूमि और पशुधन होल्डिंग्स की स्थिति का आकलन, 2019 शीर्षक वाली रिपोर्ट का हवाला देते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने डेटा साझा किया. इसके मुताबिक प्रति कृषि परिवार बकाया ऋण की औसत राशि के मामले में शीर्ष पर आंध्र प्रदेश 74,121 रुपये (2,45,554 रुपये), इसके बाद केरल में 2,42,482 रुपये, पंजाब में 2,03,249 रुपये, हरियाणा में 1,82,922 रुपये, तेलंगाना में 1,52,113 रुपये और तमिलनाडु में 1,06,553 रुपये है.
आंकड़ों के अनुसार जिन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में किसान सबसे कम ऋण में हैं, उनमें नागालैंड में औसत राशि 1,750 रुपये दर्ज की गई है. इसके बाद मेघालय में 2,237 रुपये, अरुणाचल प्रदेश में 3,581 रुपये, मणिपुर में 5,551 रुपये है. इसके अलावा, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में प्रति कृषि परिवार की औसत ऋण राशि 30,435 रुपये, हिमाचल प्रदेश में 85,825 रुपये, गुजरात में 56,568 रुपये और अन्य है. हालांकि लोकसभा और राज्यसभा में दोनों ही सदनों की कार्यवाही मंगलवार को हंगामें की वजह से पूरी नहीं चल सकी.
ये भी पढ़ें - Uproar in Parliament : संसद में गतिरोध दूर करने की कवायद, कई दलों के नेताओं से मिले स्पीकर बिरला