नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने संसद के बाहर प्रदर्शन के फैसले को वापस ले लिया है. किसान संगठनों ने साफ किया है कि उनकी संसद घेराव की कोई योजना नहीं है. अब जंतर-मंतर पर किसान संसद लगेगी और विरोध प्रदर्शन करेंगे.
किसान संगठनों का कहना है कि संसद में किसानों की आवाज उठाने के लिए विपक्ष को पत्र लिखा जाएगा.
बता दें कि पांच जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की थी कि संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के साथ बैठक की थी और प्रदर्शन को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने का आग्रह किया था.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया, 'किसानों की 22 जुलाई से संसद घेराव की कोई योजना नहीं है. दिल्ली पुलिस इस संबंध में भ्रामक प्रचार कर रही है. किसानों का जत्था जंतर-मंतर पर जाकर किसान संसद का आयोजन करना चाहता है. प्रत्येक दिन नया जत्था जाएगा और जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाएगा. इसकी जानकारी हमने दिल्ली पुलिस को दे दी है.'
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस इस मामले को संसद घेराव से जोड़ती है तो वह बिल्कुल निरर्थक है. हमारा कार्यक्रम पूर्व घोषित है और हम किसान संसद के लिए जंतर-मंतर जरूर जाएंगे.
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संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, विपक्षी दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र लिखा जाएगा कि वे सक्रिय रूप से किसानों की मांगों को उठाएं. किसान मोर्चा ने कहा
हम चाहते हैं कि विपक्षी दल यह सुनिश्चित करें कि किसानों का आंदोलन और उसकी मांगें मुख्य मुद्दा बनें और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव डाला जाए. हम नहीं चाहते कि विपक्ष हंगामा करे या कार्यवाही से बाहर जाए लेकिन संसद के अंदर रचनात्मक रूप से शामिल हों, जबकि किसान बाहर विरोध करते हैं.