ETV Bharat / bharat

Paper Leak : 'यूपीएसएसी, रेलवे और एसएससी में अब क्यों नहीं होते हैं पेपर लीक'

यूपीएसएसी, रेलवे और एसएससी में पेपर लीक के मामले नहीं आते हैं. क्या हैं इसकी वजह. केंद्रीय अधिकारियों का कहना है कि उसने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से पेपर लीक संभव नहीं है. क्या हैं ये कदम, पढ़ें पूरी खबर.

concept photo paper leak
पेपर लीक कॉन्सेप्ट फोटो
author img

By

Published : Feb 26, 2023, 2:06 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के अधीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों से जुड़े पेपर लीक बीते दिनों की बात हो गई हैं. इसके लिए परीक्षा प्रणाली में नवाचार सबसे बड़ी वजह है. अधिकारियों के अनुसार, जून 2019 से तीन केंद्रीय भर्ती एजेंसियों - कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्रश्न पत्र के लीक होने की कोई सूचना नहीं है.

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भर्ती एजेंसियों द्वारा परीक्षाओं और भर्ती परीक्षणों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है. इनमें से कई परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती हैं. परीक्षा स्थलों पर किए गए उपायों में हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टरों की मदद से उम्मीदवारों की गहन जांच और तलाशी, कम शक्ति वाले जैमर की स्थापना और सीसीटीवी कैमरा निगरानी, परीक्षा स्थल पर ली गई तस्वीरों के साथ उम्मीदवारों की तस्वीरों का मिलान आदि शामिल हैं.

पिछले साल जुलाई में संसद के एक उत्तर के अनुसार, परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए और योग्यता-आधारित चयन के उद्देश्य को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए, एसएससी जहां भी आवश्यक हो, परीक्षा प्रक्रिया और प्रक्रियाओं की लगातार समीक्षा और सुधार करता है. परीक्षा प्रक्रिया में अधिकतम दक्षता और विश्वसनीयता लाने के लिए नई पहल भी की जाती है.

पेपर लीक की रिपोर्ट आखिरी बार कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा, 2017 के दूसरे चरण में हुई थी, जो 21 फरवरी, 2018 को हुई थी. इसकी उत्तर कुंजी कथित रूप से लीक हो गई थी और परीक्षा शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.

सीबीआई ने 22 मई, 2018 को एसएससी के अज्ञात अधिकारियों सहित कुछ निजी व्यक्तियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ उक्त परीक्षा में लीक सहित कदाचार के आरोप में एक नियमित मामला (आरसी) दर्ज किया था. यह सामने आया कि परीक्षार्थियों ने अज्ञात व्यक्तियों की बाहरी मदद से अपने प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया.

यह आरोप लगाया गया कि कुछ उम्मीदवारों के कंप्यूटरों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सॉफ्टवेयर की मदद से एक्सेस किया गया, जिसे उम्मीदवारों के व्यक्तिगत कंप्यूटरों में स्थापित नहीं किया जाना चाहिए था. इन उम्मीदवारों को कथित तौर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा प्रश्नों को हल करने में मदद की गई थी.

सीजीएल टियर-2 परीक्षा, 2017 के कुछ प्रश्नों के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे और वायरल हो गए थे। 21 फरवरी, 2018 की क्वांटिटेटिव एबिलिटी (क्यूए) परीक्षा की उत्तर कुंजी भी कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पाई गई थी.

इसे ध्यान में रखते हुए, एसएससी ने ऑब्जेक्टिव टाइप मल्टीपल च्वाइस परीक्षा आयोजित करने के लिए ऑप्टिकल मार्क्‍स रीडर (ओएमआर) आधारित मोड से कंप्यूटर आधारित मोड (सीबीएम) में तेजी से और व्यापक माइग्रेशन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. चयन पदों पर भर्ती के लिए जो परीक्षाएं पहले साक्षात्कार के माध्यम से होती थीं, वे भी अब सीबीएम में आयोजित की जाती हैं.

इसके अलावा, एसएससी ने व्यापक उपाय किए हैं जिनमें परीक्षा स्थलों का ऑडिट, मॉक-टेस्ट का संचालन, परीक्षा स्थलों पर निरीक्षण अधिकारियों के रूप में आयोग के प्रतिनिधियों की तैनाती, हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टरों की मदद से उम्मीदवारों की फिजिकल तलाशी, व्यापक सीसीटीवी कवरेज शामिल हैं. साथ ही विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में सत्यनिष्ठा, अनुशासन और दक्षता के उच्च स्तर को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा स्थलों की पहचान, उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक पंजीकरण और कम शक्ति वाले मोबाइल जैमर की तैनाती भी शामिल है.

ये भी पढ़ें : Law against paper leak in Gujarat: गुजरात में पेपर लीक करने वाले को 10 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के अधीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों से जुड़े पेपर लीक बीते दिनों की बात हो गई हैं. इसके लिए परीक्षा प्रणाली में नवाचार सबसे बड़ी वजह है. अधिकारियों के अनुसार, जून 2019 से तीन केंद्रीय भर्ती एजेंसियों - कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्रश्न पत्र के लीक होने की कोई सूचना नहीं है.

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भर्ती एजेंसियों द्वारा परीक्षाओं और भर्ती परीक्षणों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है. इनमें से कई परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती हैं. परीक्षा स्थलों पर किए गए उपायों में हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टरों की मदद से उम्मीदवारों की गहन जांच और तलाशी, कम शक्ति वाले जैमर की स्थापना और सीसीटीवी कैमरा निगरानी, परीक्षा स्थल पर ली गई तस्वीरों के साथ उम्मीदवारों की तस्वीरों का मिलान आदि शामिल हैं.

पिछले साल जुलाई में संसद के एक उत्तर के अनुसार, परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए और योग्यता-आधारित चयन के उद्देश्य को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए, एसएससी जहां भी आवश्यक हो, परीक्षा प्रक्रिया और प्रक्रियाओं की लगातार समीक्षा और सुधार करता है. परीक्षा प्रक्रिया में अधिकतम दक्षता और विश्वसनीयता लाने के लिए नई पहल भी की जाती है.

पेपर लीक की रिपोर्ट आखिरी बार कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा, 2017 के दूसरे चरण में हुई थी, जो 21 फरवरी, 2018 को हुई थी. इसकी उत्तर कुंजी कथित रूप से लीक हो गई थी और परीक्षा शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.

सीबीआई ने 22 मई, 2018 को एसएससी के अज्ञात अधिकारियों सहित कुछ निजी व्यक्तियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ उक्त परीक्षा में लीक सहित कदाचार के आरोप में एक नियमित मामला (आरसी) दर्ज किया था. यह सामने आया कि परीक्षार्थियों ने अज्ञात व्यक्तियों की बाहरी मदद से अपने प्रश्नपत्रों को हल करने के लिए रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया.

यह आरोप लगाया गया कि कुछ उम्मीदवारों के कंप्यूटरों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सॉफ्टवेयर की मदद से एक्सेस किया गया, जिसे उम्मीदवारों के व्यक्तिगत कंप्यूटरों में स्थापित नहीं किया जाना चाहिए था. इन उम्मीदवारों को कथित तौर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा प्रश्नों को हल करने में मदद की गई थी.

सीजीएल टियर-2 परीक्षा, 2017 के कुछ प्रश्नों के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे और वायरल हो गए थे। 21 फरवरी, 2018 की क्वांटिटेटिव एबिलिटी (क्यूए) परीक्षा की उत्तर कुंजी भी कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पाई गई थी.

इसे ध्यान में रखते हुए, एसएससी ने ऑब्जेक्टिव टाइप मल्टीपल च्वाइस परीक्षा आयोजित करने के लिए ऑप्टिकल मार्क्‍स रीडर (ओएमआर) आधारित मोड से कंप्यूटर आधारित मोड (सीबीएम) में तेजी से और व्यापक माइग्रेशन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. चयन पदों पर भर्ती के लिए जो परीक्षाएं पहले साक्षात्कार के माध्यम से होती थीं, वे भी अब सीबीएम में आयोजित की जाती हैं.

इसके अलावा, एसएससी ने व्यापक उपाय किए हैं जिनमें परीक्षा स्थलों का ऑडिट, मॉक-टेस्ट का संचालन, परीक्षा स्थलों पर निरीक्षण अधिकारियों के रूप में आयोग के प्रतिनिधियों की तैनाती, हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टरों की मदद से उम्मीदवारों की फिजिकल तलाशी, व्यापक सीसीटीवी कवरेज शामिल हैं. साथ ही विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में सत्यनिष्ठा, अनुशासन और दक्षता के उच्च स्तर को सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा स्थलों की पहचान, उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक पंजीकरण और कम शक्ति वाले मोबाइल जैमर की तैनाती भी शामिल है.

ये भी पढ़ें : Law against paper leak in Gujarat: गुजरात में पेपर लीक करने वाले को 10 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना

(आईएएनएस)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.