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कोरोना महामारी का रक्षा कंपनियों पर असर नहीं, राजस्व बढ़ा - Bharat Electronics Limited

2020 की टॉप 100 रक्षा कंपनियों की लिस्ट में अमेरिका-चीन का वर्चस्व है. भारत की भी दो कंपनियां इस लिस्ट में शामिल हैं. जानिए कितना बढ़ा इनका राजस्व. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की खास रिपोर्ट.

कोरोना महामारी का रक्षा कंपनियों पर असर नहीं
कोरोना महामारी का रक्षा कंपनियों पर असर नहीं
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Published : Jul 13, 2021, 4:07 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना महामारी ने 2020 में दुनिया में ठहराव सा ला दिया. आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं लेकिन हथियार, सैन्य प्लेटफॉर्म और संबंधित उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर असर नहीं पड़ा. उनका व्यापार बेहतर हुआ है.

डिफेंसन्यूज (defensenews) की 2020 की शीर्ष 100 रक्षा फर्मों की सूची के मुताबिक, अमेरिकी और चीनी रक्षा कंपनियों का दबदबा रहा. 10 सबसे बड़ी अमेरिकी रक्षा कंपनियों (US defence companies) में से छह का राजस्व करीब 11 बिलियन डॉलर यानी 6 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि जबकि सभी सात चीनी फर्मों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया.

डिफेंसन्यूज राजनीति, व्यापार और रक्षा की तकनीक से जुड़ा पोर्टल है. जिसके पाठक रक्षा क्षेत्र, सरकार, सैन्य और उद्योग से जुड़े निर्णय लेने वाले लोग हैं. टॉप 100 की लिस्ट कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट, अनुसंधान, थिंक-टैंक के डेटा और SPADE इंडेक्स के आधार पर विश्लेषकों ने तैयार की है.

अमेरिका से हैं टॉप 5

शीर्ष पांच कंपनियां लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin), रेथियॉन टेक्नोलॉजीज (Raytheon Technologies), बोइंग (Boeing), नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन (Northrop Grumman)और जनरल डायनेमिक्स (General Dynamics) अमेरिका ही हैं.

चीन की ये कंपनियां

शीर्ष चीनी कंपनियों की सूची में एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ़ चाइना, चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप, चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन और चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन हैं. शीर्ष 20 में आठ कंपनियां अमेरिका की हैं, सात चीन की हैं. इटली, रूस, फ्रांस से एक-एक, जबकि एक फ्रांस-नीदरलैंड की संयुक्त कंपनी है.

भारत की ये दो कंपनियां

भारत की दो कंपनियां भी सूची में शामिल हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पिछले साल के 45वें स्थान से कुछ पायदान ऊपर चढ़कर इस साल 41वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) 61वें स्थान पर स्थिर रहा. एचएएल के लिए रक्षा राजस्व में 2019 की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बीईएल ने 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

कंपनियों का राजस्व बढ़ा

रक्षा उद्योग के प्रगति करने का एक और संकेत ये है कि लिस्ट में 100वें स्थान पर जो फर्म है उसका राजस्व 600 मिलियन डॉलर है जबकि 2019 की लिस्ट में से 300 मिलियन डॉलर ही था. लगभग दस साल पहले 15 कंपनियों का रक्षा राजस्व 5 बिलियन डॉलर था, अब कम से कम 24 कंपनियों के पास उससे अधिक राजस्व है. ये इस बात का संकेत है कि रक्षा प्रौद्योगिकी का भविष्य किस ओर जा रहा है. सूची में कंपनियों के नए संस्करण बड़े पैमाने पर साइबर, अंतरिक्ष, उपग्रह इमेजरी, सेंसर और अन्य उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन से संबंधित हैं.

पढ़ें- भारत का मीडिया, मनोरंजन उद्योग सबसे तेजी से वृद्धि करेगा, 2025 तक चार लाख करोड़ का होगा

नई दिल्ली : कोरोना महामारी ने 2020 में दुनिया में ठहराव सा ला दिया. आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुईं लेकिन हथियार, सैन्य प्लेटफॉर्म और संबंधित उपकरण बनाने वाली कंपनियों पर असर नहीं पड़ा. उनका व्यापार बेहतर हुआ है.

डिफेंसन्यूज (defensenews) की 2020 की शीर्ष 100 रक्षा फर्मों की सूची के मुताबिक, अमेरिकी और चीनी रक्षा कंपनियों का दबदबा रहा. 10 सबसे बड़ी अमेरिकी रक्षा कंपनियों (US defence companies) में से छह का राजस्व करीब 11 बिलियन डॉलर यानी 6 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि जबकि सभी सात चीनी फर्मों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया.

डिफेंसन्यूज राजनीति, व्यापार और रक्षा की तकनीक से जुड़ा पोर्टल है. जिसके पाठक रक्षा क्षेत्र, सरकार, सैन्य और उद्योग से जुड़े निर्णय लेने वाले लोग हैं. टॉप 100 की लिस्ट कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट, अनुसंधान, थिंक-टैंक के डेटा और SPADE इंडेक्स के आधार पर विश्लेषकों ने तैयार की है.

अमेरिका से हैं टॉप 5

शीर्ष पांच कंपनियां लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin), रेथियॉन टेक्नोलॉजीज (Raytheon Technologies), बोइंग (Boeing), नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन (Northrop Grumman)और जनरल डायनेमिक्स (General Dynamics) अमेरिका ही हैं.

चीन की ये कंपनियां

शीर्ष चीनी कंपनियों की सूची में एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ़ चाइना, चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप, चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन और चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन हैं. शीर्ष 20 में आठ कंपनियां अमेरिका की हैं, सात चीन की हैं. इटली, रूस, फ्रांस से एक-एक, जबकि एक फ्रांस-नीदरलैंड की संयुक्त कंपनी है.

भारत की ये दो कंपनियां

भारत की दो कंपनियां भी सूची में शामिल हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पिछले साल के 45वें स्थान से कुछ पायदान ऊपर चढ़कर इस साल 41वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) 61वें स्थान पर स्थिर रहा. एचएएल के लिए रक्षा राजस्व में 2019 की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बीईएल ने 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

कंपनियों का राजस्व बढ़ा

रक्षा उद्योग के प्रगति करने का एक और संकेत ये है कि लिस्ट में 100वें स्थान पर जो फर्म है उसका राजस्व 600 मिलियन डॉलर है जबकि 2019 की लिस्ट में से 300 मिलियन डॉलर ही था. लगभग दस साल पहले 15 कंपनियों का रक्षा राजस्व 5 बिलियन डॉलर था, अब कम से कम 24 कंपनियों के पास उससे अधिक राजस्व है. ये इस बात का संकेत है कि रक्षा प्रौद्योगिकी का भविष्य किस ओर जा रहा है. सूची में कंपनियों के नए संस्करण बड़े पैमाने पर साइबर, अंतरिक्ष, उपग्रह इमेजरी, सेंसर और अन्य उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन से संबंधित हैं.

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