अगरतला : त्रिपुरा उच्च न्यायालय (High Court of Tripura) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) जस्टिस एए कुरैशी (Justice AA Kureshi) ने कहा कि न्याय वितरण प्रणाली (justice delivery system) और इससे जुड़े लोग, चाहे वह न्यायाधीश हो या निम्न वर्ग का कर्मचारी, जनता को न्याय दिलाने में अपना प्रयास जारी रखें.
पश्चिम त्रिपुरा जिला अदालत (West Tripura District Court) के लिए ई-सेवा केंद्र (E-Sewa Kendra) के उद्घाटन समारोह में जस्टिस कुरैशी ने यह बात कही. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रौद्योगिकी की मदद से ऐसे लोगों को छांटकर निकाला जा सकता है, जो न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में उन लोगों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी इस प्रणाली से जुड़े लोगों की हो जाती है.
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न्यायाधीश ने न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी की उपयोगिता पर रोशनी डाली और कोरोना काल में भारतीय न्यायिक प्रणाली (Indian judicial system) के कार्यों पर अपने मत व्यक्त किये.
उन्होंने कहा कि जब हमने वर्चुअल सुनवाई शुरू की थी, तब 30 से 40 प्रतिशत वकील ही सुनवाई के लिए अदालत में मौजूद होते थे. जब उन्हें भी कोविड के मामलों में तेजी के मद्देनजर वर्चुअल सुनवाई के लिए कहा गया, तब वकीलों की संख्या घटकर 10 प्रतिशत रह गई. इस तरह से लोगों ने धीरे-धीरे नए तरीके को अपना लिया है.
इस अवसर पर कार्यक्रम में जस्टिस अरिंदम लोधा, जस्टिस सुभाषीश तालपत्र और जस्टिस एस जी चट्टोपध्याय उपस्थित थे.